रांची: पर्यावरण संरक्षण की ओर रांची रेल मंडल ने सराहनीय कदम बढ़ाते हुए डीजल रेल इंजन को बंद करने का फैसला किया है. पर्यावरण की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए डीजल इंजन की जगह इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन परिचालन का निर्णय किया है. जिसकी शुरुआत शनिवार को हटिया से बेंगलुरु जाने वाली साप्ताहिक ट्रेन से की गई.
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में रेलवे का यह कदम काफी सराहनीय माना जा रहा है. हटिया-बेंगलुरु सप्ताहिक ट्रेन को इस पहल से जोड़ दिया गया है. इस ट्रेन के पीछे रेलवे को सप्ताह में 4500 लीटर डीजल की खपत होती थी. अब इलेक्ट्रिक इंजन होने से रेलवे को सालाना एक करोड़ 52 लाख 75 हजार के बचत होने की अनुमान है.
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रांची रेल डिवीजन के सीपीआरओ नीरज कुमार ने बताया कि जल्द ही रांची रेल मंडल में कई बदलाव देखनें को मिलेंगे. हटिया-यशवंतपुर, हटिया-पुणे एक्सप्रेस, रांची-मुंबई एलटीटी ट्रेन में डीजल इंजन की जगह इलेक्ट्रिक पावर सप्लाई करने की व्यवस्था की जा रही है. इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है.
बता दें कि एक ट्रेन में सालाना 2 लाख 35 हजार लीटर डीजल खर्च होता है. वहीं एक ट्रेन की पावर सप्लाई में रेलवे को 1 घंटे में तकरीबन 100 लीटर डीजल की खपत होती है. इससे अब रेलवे को सालाना 52 लाख 75 हज़ार का बचत होगी. दूसरी ओर डीजल इंजन से निकलने वाले धुएं से पर्यावरण दूषित होती थी, जो कि अब नहीं होगी. पर्यावरण के दृष्टिकोण से रेलवे की यह सराहनीय पहल है.