रांची: झारखंड सरकार के मिड डे मील के खाते से 100 करोड़ रुपये के फर्जी हस्तांतरण से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले के भानु कंस्ट्रक्शन के संचालक संजय कुमार तिवारी आरोपी है. उसे रांची की बरियातू पुलिस ने फर्जी कोविड रिपोर्ट बनाने के मामले रिमांड पर लिया है. पुलिस उसे बुधवार को रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से लेकर थाना पहुंची, जिसके बाद उससे पूछताछ की जा रही है.
गिरफ्तारी से बचने के लिए बनाया फर्जी सर्टिफिकेट: गौरतलब हो कि संजय ने रिम्स के माइक्रोबायलाजी विभाग से कोविड जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किया था, जो फर्जी निकला. किसी व्यक्ति ने गलत ढंग से एतवा टोप्पो के व्यक्तिगत डाटा को आईसीएमआर के पोर्टल पर अपलोड करने के बाद उसे डाउनलोड कर रिपोर्ट पर फर्जी हस्ताक्षर किया था. इस तरह की फर्जी रिपोर्ट पकड़े जाने पर रिम्स प्रबंधन ने बरियातू थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद रिम्स के माइक्रोबायलाजी विभाग के एक कर्मी प्रियरंजन रवि और संजय तिवारी के एक कर्मचारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था.
रिम्स से तैयार हुई थी फर्जी रिपोर्ट: 101 करोड़ के मिड डे मील घोटाले के मुख्य आरोपी संजय तिवारी ने रिम्स से फर्जी तरीके से कोविड रिपोर्ट 25 मार्च को बनवाई थी. संजय तिवारी ने अदालत को गुमराह करने के लिए रिम्स से फर्जी कोविड रिपोर्ट बनवा ली थी. इस मामले में रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक की ओर से बरियातू थाने में दर्ज की गई प्राथमिकी में संजय कुमार तिवारी पर रिम्स के नाम से फर्जी कोविड-19 रिपोर्ट पेश करने का आरोप लगाया गया था.
एफआईआर दर्ज होने के बाद बरियातू पुलिस ने जब मामले तफ्तीश शुरू की, जानकारी मिली की रिम्स में ही कार्यरत एक कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी प्रियरंजन के द्वारा संजय तिवारी के लिए किसी एतवा टोप्पो के व्यक्तिगत डाटा को आईसीएमआर के पोर्टल अपलोड कर उसे ही डाउनलोडेड कर रिपोर्ट बनाई गई. रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव होने का बनाया गया ताकि संजय तिवारी को फायदा पहुंचाया जा सके.