रांची: राजधानी में पुलिस अब लूट और छिनतई के घटनाओं में शामिल अपराधियों को भी स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलाएगी. इसकी शुरूआत कर दी गई है. दरअसल, पिछले कुछ दिनों से शहर में बढ़ रही आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.
लगातार पहुंच रहे हैं अपराधी सलाखों के पीछे
स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्राओं और सड़क से गुजरने वाली महिलाओं के लिए आफत बने अपराधी अब पुलिस द्वारा जल्द ही सलाखों के पीछे पहुंचाये जा रहे हैं. पिछले एक सप्ताह में रांची के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से एक दर्जन से ज्यादा अपराधी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं. इन अपराधियों ने अलग-अलग थाना क्षेत्रों में छात्राओं और महिलाओं को अपना निशाना बनाते हुए उनसे सोने के चेन, मोबाइल और पर्स की छिनतई की थी.
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क्या कहते हैं सीनियर एसपी
इस संबंध में रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि जितने भी अपराधी पकड़े गए हैं वे सभी शातिर अपराधी रहे हैं और उन पर कई तरह के आपराधिक मामले दर्ज हैं. पकड़े गए अपराधियों ने कई कांडों में अपनी संलिप्तता भी स्वीकार की है. एसएसपी के अनुसार राजधानी रांची में फोकस अभियान चेन, पर्स और मोबाइल छीनने वाले गिरोह के खिलाफ चलाया जा रहा है. इसलिए इन सभी मामलों को स्पीडी ट्रायल के तहत लिया जाएगा ताकि इन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जा सके.
क्या कहते हैं डीआईजी
वहीं रांची रेंज के डीआईजी अमोल वेणुकान्त होमकर के अनुसार रांची पुलिस प्रोफेशनल तरीके से अपराधियों के खिलाफ काम कर रही है. खासकर चोरी, लूट और छिनतई जैसे अपराध को अंजाम देने वाले अपराधियों की कुंडली भी खंगाली जा रही है. इस मामले में जो भी अपराधी पकड़े गए हैं उनके खिलाफ पुलिस सभी सबूत इकट्ठा कर रही है ताकि इन अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जा सके.
रांची पुलिस की बड़ी उपलब्धि
हाल के दिनों में रांची की कानून व्यवस्था में आई गिरावट को लेकर भले ही रांची पुलिस सबके निशाने पर है. लेकिन रांची पुलिस को एक उपलब्धि भी हासिल हुई है. झारखंड में स्पीडी ट्रायल के तहत चल रहे मामलों में आरोपियों को सजा दिलाने में रांची पुलिस पहले स्थान पर है.
स्पीडी ट्रायल में कितनी हुई प्रगति
एडीजी सीआईडी के आदेश पर रांची डीआईजी अमोल वेणुकान्त होमकर के दिशा निर्देश पर तत्कालीन रांची एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने स्पीडी ट्रायल के लिए कुल 100 कांडों का चयन किया था. यह कांड वैसे थे जिन मामलों में सभी आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत पुलिस के पास थे. इन कांडों का पुलिस के द्वारा स्पीडी ट्रायल करवाया गया. इसका नतीजा यह हुआ कि100 में से 62 मामलों में आरोपियों को रांची पुलिस सजा दिला चुकी है. मात्र चार कांड के आरोपी रिहा हुए हैं जबकि 23 कांडों के सबूत पुलिस के द्वारा कोर्ट में प्रस्तुत कर दिए गए हैं.