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कोरोना के बीच दुर्गा पूजा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती, हो रही तैयारी

कोरोना संक्रमण के बीच दुर्गा पूजा को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाना रांची पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है. इसके तहत पुलिस हर चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारियों में जुटी हुई है.

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दुर्गा पूजा की तैयारियां
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Published : Oct 12, 2020, 1:42 PM IST

रांची: कोरोना संक्रमण के बीच दुर्गा पूजा को संपन्न करवाना रांची पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होने वाली है. सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइंस का अनुपालन करवाते हुए दुर्गा पूजा को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाने और लोगों की सुरक्षा को लेकर रांची पुलिस अभी से ही अलर्ट मोड में है.

देखें स्पेशल खबर
गाइडलाइंस का ध्यान रखते हुए तैयारीकोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार दुर्गा पूजा का आयोजन छोटे पूजा पंडाल, मंदिरों और घरों में किया जा रहा है. इस बार सबसे ज्यादा जरूरी सोशल डिस्टेंसिंग पालन है. शहर के पूजा पंडालों को ऐसा बनाया जा रहा ताकि बाहर से मूर्ति न दिख सके और श्रद्धालुओं की भीड़ न लगे. वहीं संक्रमण न फैले और लोग शांतिपूर्ण तरीके से पूजा में शरीक हो सके. इसकी वजह से रांची पुलिस की जिम्मेदारियां काफी बढ़ गई हैं. रांची पुलिस के लिए अब बहुत कम समय बचा है. तैयारियों के लिए ऐसे में दिन रात पुलिस की टीम दुर्गा पूजा के दौरान सुरक्षा को लेकर तैयारियों में लगी हुई है. गाइडलाइंस के अनुसार पूजा पंडाल में एक समय में पुजारी और आयोजकों को मिला कर सिर्फ 7 लोगों को ही रहने की छूट दी गई है. वहीं पूजा पंडाल या मंडप के आस-पास किसी प्रकार की लाइटिंग या सजावट की अनुमति नहीं दी गयी है. जबकि मूर्ति का आकार 4 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए. इस बार भीड़ को संबोधित करने के लिए किसी भी प्रकार का स्टेज या यंत्र लगाने की अनुमति नहीं है. इस दौरान मेले का आयोजन भी नहीं होगा. विसर्जन जुलूस निकालने की भी अनुमति नहीं है. जिला प्रशासन की तरफ से तय जगह पर मूर्ति विसर्जित की जाएगी. इसके अलावा भोग वितरण या सामूहिक भोज का आयोजन नहीं करना है. रांची पुलिस के सामने यह जिम्मेदारी है कि सरकार की तरफ से बनाए गए सभी गाइडलाइंस का पालन करवाए.संक्रमण के बीच सुरक्षा बड़ी चुनौतीरांची के सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनके भी कई साथी, जूनियर पुलिस अफसर सहित कई पुलिस के जवान कोरोना संक्रमित हैं. यह संख्या हर दिन बढ़ भी रही है. ऐसे में दुर्गा पूजा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था, रांची पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होने वाली है. सिटी एसपी के अनुसार पूर्व में दुर्गा पूजा के दौरान पुलिस की रणनीति भीड़ को नियंत्रित करने की होती थी. लेकिन इस बार ठीक उलट लोगों को कोरोना से जागरूक करने और पंडाल में जाने से पहले दिए गए गाइडलाइन का पालन करवाना पुलिस की अहम जिम्मेदारी होगी. ऐसे में पुलिस वालों को संक्रमण से बचते हुए पंडाल की सुरक्षा व्यवस्था संभालना होगा.संवेदनशील जगहों पर विशेष निगरानीराजधानी रांची में कई ऐसे संवेदनशील स्थान हैं जहां समय-समय पर सांप्रदायिक हिंसा फैलने का खतरा रहता है. दुर्गा पूजा के दौरान वैसे इलाकों को चिन्हित कर वहां सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की जा रही है. वहीं वैसे लोग जो सांप्रदायिक तनाव को बिगाड़ने में लगे रहते हैं, उन्हें भी चिन्हित किया जा रहा है.ग्रामीण इलाकों में चल रहा जागरूकता अभियानरांची के ग्रामीण इलाकों में भी दुर्गा पूजा की धूम देखने को मिलती है. ग्रामीण इलाकों से सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण राजधानी रांची में हर साल दुर्गा पूजा देखने आया करते हैं. लेकिन संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए पुलिस अभी से लोगों को जागरूक करने में लगी हुई है कि वह इस बार अपने आप को शहर जाने से रोके ताकि वे सभी संक्रमण से बच सके. रांची के रूरल एसपी नौशाद आलम ईटीवी भारत के माध्यम से भी लोगों को यह अपील कर रहे हैं कि वह इस बार ग्रामीण इलाकों से शहर न आए.

इसे भी पढ़ें-रांचीः RPF नन्हे फरिश्ते टीम का सराहनीय काम, सिमडेगा की कुल 6 नाबालिग लड़कियां रेस्क्यू


पुलिस को संक्रमण से बचने के लिए दिए जाएंगे संसाधन
राजधानी रांची में दुर्गा पूजा के दौरान रांची पुलिस के अलावा जैप, रैफ और कियूआर्टी के जवान तैनात किए जा रहे हैं. संवेदनशील इलाकों में रांची पुलिस के अलावा रैफ की टुकड़ी तैनात की जाएगी. मिली जानकारी के अनुसार दुर्गा पूजा की सुरक्षा में शहर से लेकर गांव तक लगभग 3000 जवान तैनात होंगे. सभी जवानों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध करवाए जाएंगे. इसके लिए पुलिस की तरफ से मास्क, सैनिटाइजर, दास्तानें और फेसशील्ड खरीदे जा रहे है. दुर्गा पूजा समितियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वह पंडाल के बाहर सेनेटाइजर जरूर रखें. वहीं बिना मास्क के किसी भी मां दुर्गा के दर्शन की इजाजत नहीं दी जाएगी. हर पूजा समिति को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे बिना तापमान जांचे किसी को भी अंदर न जाने दे.

बनाए जाएंगे एक दर्जन कंट्रोल रूम और लगेंगे सीसीटीवी
दुर्गा पूजा के दौरान पहली बार राजधानी रांची में एक दर्जन से अधिक कंट्रोल रूम शहर के विभिन्न इलाकों में बनाए जाएंगे. हर कंट्रोल रूम में मजिस्ट्रेट की तैनाती होगी. इसके अलावा पांडाल में इस बार सीसीटीवी कैमरों की संख्या भी ज्यादा होगी. कंट्रोल रूम से ही मजिस्ट्रेट और तैनात पुलिस अधिकारी पूरे पंडाल की मानिटरिंग कर पाएंगे और यह नजर रख पाएंगे की सोशल डिस्टेंसिंग के तहत लोग दर्शन कर रहे हैं.


और क्या-क्या हैं गाइडलाइंस
दुर्गा पूजा समितियों की तरफ से किसी को निमंत्रण नहीं दिया जा सकेगा. पूजा पंडाल या मंडप का उद्घाटन करने के लिए किसी प्रकार का कार्यक्रम नहीं किया जा सकेगा. किसी भी सार्वजनिक जगह पर डांडिया या गरबा का आयोजन करने की अनुमति नहीं है. सार्वजनिक स्थानों पर रावण दहन कार्यक्रम नहीं होगा. पूजा पंडाल में रहने वाले लोगों को कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा. सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क लगाना अनिवार्य है और कम के कम 6 फीट की दूरी जरूरी है.

रांची: कोरोना संक्रमण के बीच दुर्गा पूजा को संपन्न करवाना रांची पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होने वाली है. सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइंस का अनुपालन करवाते हुए दुर्गा पूजा को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाने और लोगों की सुरक्षा को लेकर रांची पुलिस अभी से ही अलर्ट मोड में है.

देखें स्पेशल खबर
गाइडलाइंस का ध्यान रखते हुए तैयारीकोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार दुर्गा पूजा का आयोजन छोटे पूजा पंडाल, मंदिरों और घरों में किया जा रहा है. इस बार सबसे ज्यादा जरूरी सोशल डिस्टेंसिंग पालन है. शहर के पूजा पंडालों को ऐसा बनाया जा रहा ताकि बाहर से मूर्ति न दिख सके और श्रद्धालुओं की भीड़ न लगे. वहीं संक्रमण न फैले और लोग शांतिपूर्ण तरीके से पूजा में शरीक हो सके. इसकी वजह से रांची पुलिस की जिम्मेदारियां काफी बढ़ गई हैं. रांची पुलिस के लिए अब बहुत कम समय बचा है. तैयारियों के लिए ऐसे में दिन रात पुलिस की टीम दुर्गा पूजा के दौरान सुरक्षा को लेकर तैयारियों में लगी हुई है. गाइडलाइंस के अनुसार पूजा पंडाल में एक समय में पुजारी और आयोजकों को मिला कर सिर्फ 7 लोगों को ही रहने की छूट दी गई है. वहीं पूजा पंडाल या मंडप के आस-पास किसी प्रकार की लाइटिंग या सजावट की अनुमति नहीं दी गयी है. जबकि मूर्ति का आकार 4 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए. इस बार भीड़ को संबोधित करने के लिए किसी भी प्रकार का स्टेज या यंत्र लगाने की अनुमति नहीं है. इस दौरान मेले का आयोजन भी नहीं होगा. विसर्जन जुलूस निकालने की भी अनुमति नहीं है. जिला प्रशासन की तरफ से तय जगह पर मूर्ति विसर्जित की जाएगी. इसके अलावा भोग वितरण या सामूहिक भोज का आयोजन नहीं करना है. रांची पुलिस के सामने यह जिम्मेदारी है कि सरकार की तरफ से बनाए गए सभी गाइडलाइंस का पालन करवाए.संक्रमण के बीच सुरक्षा बड़ी चुनौतीरांची के सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनके भी कई साथी, जूनियर पुलिस अफसर सहित कई पुलिस के जवान कोरोना संक्रमित हैं. यह संख्या हर दिन बढ़ भी रही है. ऐसे में दुर्गा पूजा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था, रांची पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होने वाली है. सिटी एसपी के अनुसार पूर्व में दुर्गा पूजा के दौरान पुलिस की रणनीति भीड़ को नियंत्रित करने की होती थी. लेकिन इस बार ठीक उलट लोगों को कोरोना से जागरूक करने और पंडाल में जाने से पहले दिए गए गाइडलाइन का पालन करवाना पुलिस की अहम जिम्मेदारी होगी. ऐसे में पुलिस वालों को संक्रमण से बचते हुए पंडाल की सुरक्षा व्यवस्था संभालना होगा.संवेदनशील जगहों पर विशेष निगरानीराजधानी रांची में कई ऐसे संवेदनशील स्थान हैं जहां समय-समय पर सांप्रदायिक हिंसा फैलने का खतरा रहता है. दुर्गा पूजा के दौरान वैसे इलाकों को चिन्हित कर वहां सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की जा रही है. वहीं वैसे लोग जो सांप्रदायिक तनाव को बिगाड़ने में लगे रहते हैं, उन्हें भी चिन्हित किया जा रहा है.ग्रामीण इलाकों में चल रहा जागरूकता अभियानरांची के ग्रामीण इलाकों में भी दुर्गा पूजा की धूम देखने को मिलती है. ग्रामीण इलाकों से सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण राजधानी रांची में हर साल दुर्गा पूजा देखने आया करते हैं. लेकिन संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए पुलिस अभी से लोगों को जागरूक करने में लगी हुई है कि वह इस बार अपने आप को शहर जाने से रोके ताकि वे सभी संक्रमण से बच सके. रांची के रूरल एसपी नौशाद आलम ईटीवी भारत के माध्यम से भी लोगों को यह अपील कर रहे हैं कि वह इस बार ग्रामीण इलाकों से शहर न आए.

इसे भी पढ़ें-रांचीः RPF नन्हे फरिश्ते टीम का सराहनीय काम, सिमडेगा की कुल 6 नाबालिग लड़कियां रेस्क्यू


पुलिस को संक्रमण से बचने के लिए दिए जाएंगे संसाधन
राजधानी रांची में दुर्गा पूजा के दौरान रांची पुलिस के अलावा जैप, रैफ और कियूआर्टी के जवान तैनात किए जा रहे हैं. संवेदनशील इलाकों में रांची पुलिस के अलावा रैफ की टुकड़ी तैनात की जाएगी. मिली जानकारी के अनुसार दुर्गा पूजा की सुरक्षा में शहर से लेकर गांव तक लगभग 3000 जवान तैनात होंगे. सभी जवानों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध करवाए जाएंगे. इसके लिए पुलिस की तरफ से मास्क, सैनिटाइजर, दास्तानें और फेसशील्ड खरीदे जा रहे है. दुर्गा पूजा समितियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वह पंडाल के बाहर सेनेटाइजर जरूर रखें. वहीं बिना मास्क के किसी भी मां दुर्गा के दर्शन की इजाजत नहीं दी जाएगी. हर पूजा समिति को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे बिना तापमान जांचे किसी को भी अंदर न जाने दे.

बनाए जाएंगे एक दर्जन कंट्रोल रूम और लगेंगे सीसीटीवी
दुर्गा पूजा के दौरान पहली बार राजधानी रांची में एक दर्जन से अधिक कंट्रोल रूम शहर के विभिन्न इलाकों में बनाए जाएंगे. हर कंट्रोल रूम में मजिस्ट्रेट की तैनाती होगी. इसके अलावा पांडाल में इस बार सीसीटीवी कैमरों की संख्या भी ज्यादा होगी. कंट्रोल रूम से ही मजिस्ट्रेट और तैनात पुलिस अधिकारी पूरे पंडाल की मानिटरिंग कर पाएंगे और यह नजर रख पाएंगे की सोशल डिस्टेंसिंग के तहत लोग दर्शन कर रहे हैं.


और क्या-क्या हैं गाइडलाइंस
दुर्गा पूजा समितियों की तरफ से किसी को निमंत्रण नहीं दिया जा सकेगा. पूजा पंडाल या मंडप का उद्घाटन करने के लिए किसी प्रकार का कार्यक्रम नहीं किया जा सकेगा. किसी भी सार्वजनिक जगह पर डांडिया या गरबा का आयोजन करने की अनुमति नहीं है. सार्वजनिक स्थानों पर रावण दहन कार्यक्रम नहीं होगा. पूजा पंडाल में रहने वाले लोगों को कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा. सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क लगाना अनिवार्य है और कम के कम 6 फीट की दूरी जरूरी है.

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