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जेल का भरोसा नहीं, पुलिस अब खुद रखेगी अंदर और बाहर वालों पर नजर, नोडल अफसर हुए तैयार - jail crime ranchi

रांची में बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. इस कड़ी में पुलिस अब जेल के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर नजर रखेगी. रांची पुलिस को जेल पर भरोसा नहीं रह गया है. जिसके कारण जेल के अपराधियों पर नजर रखने के लिए नोडल अफसर नियुक्त किए गए हैं. Ranchi Police appointed nodal officers for jail

Ranchi Police appointed nodal officers for jail
पुलिस अब खुद रखेगी अंदर और बाहर वालों पर नजर
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 13, 2023, 4:49 PM IST

पुलिस अब खुद रखेगी अंदर और बाहर वालों पर नजर

रांची: पुलिस अब जेल की सूचनाओं पर निर्भर नहीं रहेगी. अब जेल से बाहर आने-जाने वाले अपराधियों की सारी जानकारी पुलिस खुद जुटाएगी. इसके लिए रांची के सभी थानों में एक-एक नोडल अफसर बनाया गया है. ये नोडल अफसर अपने-अपने थाना क्षेत्र से जेल जाने वाले और जेल से निकलने वाले अपराधियों का डाटाबेस तैयार कर उन पर नजर रखेंगे.

यह भी पढ़ें: नक्सल विरोधी अभियान में अहम भूमिका निभाने वाले मुखबिरों को नहीं मिल रहा वेतन, फंड की कमी बनी वजह

अपना डाटाबेस जरूरी: जेल में बंद अपराधी जमानत पर कब बाहर निकलते हैं या फिर उनसे मिलने कौन जाता है, जेल से बाहर आने के बाद उनकी गतिविधियां क्या हैं, इसकी जानकारी अगर पुलिस को होती तो पुलिस को कुछ हद तक अपराध पर काबू पाने में मदद मिलती. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस को जेल प्रशासन से समय पर यह जानकारी नहीं मिल पाती है कि कौन सा अपराधी जमानत पर बाहर निकल रहा है या किस अपराधी की सजा खत्म हो गयी है.

जेल में अपराधियों से मिलने आने वाले मुलाकातियों की जानकारी भी पुलिस को नहीं मिल पा रही है. ऐसे में अब रांची के सभी 44 थाने और टीओपी में एक-एक नोडल अफसर की नियुक्ति की गयी है. नोडल अधिकारी अब रोजाना जेल और पुलिस कोर्ट कार्यालय जाकर अपराधियों के बारे में जानकारी जुटाएंगे.

क्या-क्या लेनी है जानकारी: रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा की ओर से सभी थानों में नोडल अफसर नियुक्त किये गये हैं. सभी ने अपना काम शुरू कर दिया है. नोडल अफसर को जो सूचना जुटानी है उनमें

  1. जेल से जमानत पर कौन अपराधी निकला
  2. एक सफ्ताह के बीच उससे मिलने कौन कौन आया
  3. जेल में रहने के दौरान अपराधी का आचरण कैसा था
  4. जेल से निकलने के बाद अपराधी से थाना हाजिरी निश्चित करवाना
  5. पूरे परिवार के साथ सभी पहचान पत्र और सभी मोबाइल नंबर जमा करना

कुख्यात पर कड़ी नजर: राजधानी के वैसे अपराधी जो किसी भी तरह के अपराध के लिए कुख्यात क्यों ना हो, उन पर विशेष नजर रखी जाएगी. हत्या, डकैती, लूट, छिनतई जैसे अपराध में लिप्त अपराधी थाने को बिना सूचना दिए शहर नहीं छोड़ेंगे. सभी को नोडल अफसर की मौजूदगी में थाने में रिपोर्ट करनी होगी.

एक दूसरे के संपर्क में रहेंगे नोडल अफसर: सभी थानों के नोडल अफसर एक दूसरे के संपर्क में रहेंगे. इसके लिए उनका एक संयुक्त रूप से व्हाट्सएप ग्रुप भी बना दिया गया है. एक दूसरे के क्षेत्र के अपराधियों के बारे में भी वे सूचना साझा करेंगे ताकि शहर का कोई भी अपराधी जेल से बाहर निकले तो उसकी जानकारी सभी थानों को मिल जाए.

यह भी पढ़ें: सीएम से पहले डीजीपी ने लिया दुर्गा पूजा की सुरक्षा तैयारियों का जायजा, 13 को सीएम जानेंगे कानून व्यस्था का हाल

जेल से समय पर नहीं मिल पाती सूचना: दरअसल, पुलिस को जेल से कभी भी समय पर सूचना नहीं मिल पाती है. यह सभी जानते हैं कि इन्हीं सब मामलों को लेकर जेल पर अक्सर सवालिया निशान बना रहता है. जब भी जेल में पुलिस प्रशासन के द्वारा छापेमारी की जाती है, उनके हाथ कुछ नहीं लगता है जबकि जेल से ही अपराधी रंगदारी के लिए फोन करते हैं. ऐसे माहौल में रांची पुलिस की यह योजना कितना कारगर होती है, यह देखने योग्य होगा.

पुलिस अब खुद रखेगी अंदर और बाहर वालों पर नजर

रांची: पुलिस अब जेल की सूचनाओं पर निर्भर नहीं रहेगी. अब जेल से बाहर आने-जाने वाले अपराधियों की सारी जानकारी पुलिस खुद जुटाएगी. इसके लिए रांची के सभी थानों में एक-एक नोडल अफसर बनाया गया है. ये नोडल अफसर अपने-अपने थाना क्षेत्र से जेल जाने वाले और जेल से निकलने वाले अपराधियों का डाटाबेस तैयार कर उन पर नजर रखेंगे.

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अपना डाटाबेस जरूरी: जेल में बंद अपराधी जमानत पर कब बाहर निकलते हैं या फिर उनसे मिलने कौन जाता है, जेल से बाहर आने के बाद उनकी गतिविधियां क्या हैं, इसकी जानकारी अगर पुलिस को होती तो पुलिस को कुछ हद तक अपराध पर काबू पाने में मदद मिलती. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस को जेल प्रशासन से समय पर यह जानकारी नहीं मिल पाती है कि कौन सा अपराधी जमानत पर बाहर निकल रहा है या किस अपराधी की सजा खत्म हो गयी है.

जेल में अपराधियों से मिलने आने वाले मुलाकातियों की जानकारी भी पुलिस को नहीं मिल पा रही है. ऐसे में अब रांची के सभी 44 थाने और टीओपी में एक-एक नोडल अफसर की नियुक्ति की गयी है. नोडल अधिकारी अब रोजाना जेल और पुलिस कोर्ट कार्यालय जाकर अपराधियों के बारे में जानकारी जुटाएंगे.

क्या-क्या लेनी है जानकारी: रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा की ओर से सभी थानों में नोडल अफसर नियुक्त किये गये हैं. सभी ने अपना काम शुरू कर दिया है. नोडल अफसर को जो सूचना जुटानी है उनमें

  1. जेल से जमानत पर कौन अपराधी निकला
  2. एक सफ्ताह के बीच उससे मिलने कौन कौन आया
  3. जेल में रहने के दौरान अपराधी का आचरण कैसा था
  4. जेल से निकलने के बाद अपराधी से थाना हाजिरी निश्चित करवाना
  5. पूरे परिवार के साथ सभी पहचान पत्र और सभी मोबाइल नंबर जमा करना

कुख्यात पर कड़ी नजर: राजधानी के वैसे अपराधी जो किसी भी तरह के अपराध के लिए कुख्यात क्यों ना हो, उन पर विशेष नजर रखी जाएगी. हत्या, डकैती, लूट, छिनतई जैसे अपराध में लिप्त अपराधी थाने को बिना सूचना दिए शहर नहीं छोड़ेंगे. सभी को नोडल अफसर की मौजूदगी में थाने में रिपोर्ट करनी होगी.

एक दूसरे के संपर्क में रहेंगे नोडल अफसर: सभी थानों के नोडल अफसर एक दूसरे के संपर्क में रहेंगे. इसके लिए उनका एक संयुक्त रूप से व्हाट्सएप ग्रुप भी बना दिया गया है. एक दूसरे के क्षेत्र के अपराधियों के बारे में भी वे सूचना साझा करेंगे ताकि शहर का कोई भी अपराधी जेल से बाहर निकले तो उसकी जानकारी सभी थानों को मिल जाए.

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जेल से समय पर नहीं मिल पाती सूचना: दरअसल, पुलिस को जेल से कभी भी समय पर सूचना नहीं मिल पाती है. यह सभी जानते हैं कि इन्हीं सब मामलों को लेकर जेल पर अक्सर सवालिया निशान बना रहता है. जब भी जेल में पुलिस प्रशासन के द्वारा छापेमारी की जाती है, उनके हाथ कुछ नहीं लगता है जबकि जेल से ही अपराधी रंगदारी के लिए फोन करते हैं. ऐसे माहौल में रांची पुलिस की यह योजना कितना कारगर होती है, यह देखने योग्य होगा.

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