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Ranchi News: होली के दूसरे दिन रिम्स में घटी लगभग पच्चास प्रतिशत मरीजों की संख्या, प्रशासन की सख्ती का दिखा असर - रांची में प्रशासन की सख्ती का असर

रांची रिम्स में होली के अगले दिन मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत कम दिखी. अमूमन ऐसा देखने को मिलता नहीं है. कहा जा सकता है कि प्रशासन की सख्ती और लोगों की समझदारी से इस संख्या में कमी आई है.

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रांची रिम्स में होली के बाद मरीज
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Published : Mar 9, 2023, 8:12 PM IST

रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में इस बार होली के अगले दिन इमरजेंसी में मरीजों की संख्या कम दिखी. पिछले वर्ष गंभीर रूप से घायलों की संख्या 100 के आसपास बताई गई. लेकिन इस बार रिम्स व सदर अस्पताल मिलाकर इस वर्ष यह संख्या घटकर 40 से 50 के आसपास पहुंच गई. इसमें लोगों की समझदारी बोलें या सुरक्षित होली खेलने की अपील का उनके द्वारा अनुपालन. रिम्स के पीआरओ का अनुमान है कि इस बार नशे में या शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की संख्या कम रही होगी. इस कारण से अस्पताल में लोग अपेक्षाकृत कम दिखे.

यह भी पढ़ेंः Puja Singhal Case: होली के दूसरे दिन ईडी कोर्ट में पेश हुई पूजा सिंघल, 16 मार्च को डिस्चार्ज पिटिशन पर होगी सुनवाई

ऐसे लोग होते हैं ज्यादातर घायलः समाज का एक वर्ग ऐसा भी है जो होली में शराब का भी सेवन करता है. शराब पीने के बाद कई बार वे हादसे का शिकार हो जाते हैं. होली के दूसरे दिन इससे संबंधित घायलों की संख्या अस्पतालों में ज्यादातर देखने को मिलती है. रिम्स अस्पताल की बात करें तो होली त्योहार के देर शाम और अहले सुबह 40 से 50 घायल अस्पताल के इमरजेंसी में इलाज के लिए पहुंचे. इसमें ज्यादातर शराब पीने के बाद हुई दुर्घटना के शिकार हुए थे.

प्रशासन की सख्ती का दिखा असरः घायलों में किसी की भी हालत गंभीर नहीं थी. शहर के विभिन्न जगह से अस्पताल आए सभी घायलों को हल्की चोट लगी थी. होली को देखते हुए पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की तरफ से ड्रंक एंड ड्राइव पर नकेल कसने के लिए कड़ी निगरानी भी की जा रही थी. जिसका असर राजधानी में देखने को मिल रहा है. होली और नववर्ष जैसे मौके पर प्रतिवर्ष सैकड़ों लोग घायल होते है, तो वहीं कई लोग सड़क हादसे में अपनी जान गवां बैठते है. इस बार अपेक्षाकृत कम रहा.

रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में इस बार होली के अगले दिन इमरजेंसी में मरीजों की संख्या कम दिखी. पिछले वर्ष गंभीर रूप से घायलों की संख्या 100 के आसपास बताई गई. लेकिन इस बार रिम्स व सदर अस्पताल मिलाकर इस वर्ष यह संख्या घटकर 40 से 50 के आसपास पहुंच गई. इसमें लोगों की समझदारी बोलें या सुरक्षित होली खेलने की अपील का उनके द्वारा अनुपालन. रिम्स के पीआरओ का अनुमान है कि इस बार नशे में या शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की संख्या कम रही होगी. इस कारण से अस्पताल में लोग अपेक्षाकृत कम दिखे.

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ऐसे लोग होते हैं ज्यादातर घायलः समाज का एक वर्ग ऐसा भी है जो होली में शराब का भी सेवन करता है. शराब पीने के बाद कई बार वे हादसे का शिकार हो जाते हैं. होली के दूसरे दिन इससे संबंधित घायलों की संख्या अस्पतालों में ज्यादातर देखने को मिलती है. रिम्स अस्पताल की बात करें तो होली त्योहार के देर शाम और अहले सुबह 40 से 50 घायल अस्पताल के इमरजेंसी में इलाज के लिए पहुंचे. इसमें ज्यादातर शराब पीने के बाद हुई दुर्घटना के शिकार हुए थे.

प्रशासन की सख्ती का दिखा असरः घायलों में किसी की भी हालत गंभीर नहीं थी. शहर के विभिन्न जगह से अस्पताल आए सभी घायलों को हल्की चोट लगी थी. होली को देखते हुए पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की तरफ से ड्रंक एंड ड्राइव पर नकेल कसने के लिए कड़ी निगरानी भी की जा रही थी. जिसका असर राजधानी में देखने को मिल रहा है. होली और नववर्ष जैसे मौके पर प्रतिवर्ष सैकड़ों लोग घायल होते है, तो वहीं कई लोग सड़क हादसे में अपनी जान गवां बैठते है. इस बार अपेक्षाकृत कम रहा.

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