ETV Bharat / state

वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर गंभीर नहीं रांची नगर निगम, अंडर ग्राउंड वॉटर लेवल की स्थिति चिंताजनक - होल्डिंग टैक्स पर फाइन

रांची नगर निगम वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए गंभीर नहीं है. वॉटर लेवल को बरकरार रखने के लिए सिस्टम बनाने की जरूरत है. कई इलाकों में जलस्तर काफी नीचे चला गया है. इस लेवल को मेंटेन करना वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है.

Ranchi Municipal Corporation is not serious about water harvesting, under ground water level situation worrisome
वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर गंभीर नहीं रांची नगर निगम, अंडर ग्राउंड वॉटर लेवल की स्थिति चिंताजनक
author img

By

Published : Mar 30, 2021, 3:26 PM IST

Updated : Mar 30, 2021, 8:26 PM IST

रांची: गर्मी के दस्तक देते ही नगर निकायों को पानी की कीमत समझ आने लगती है. रांची नगर निगम भी इन दिनों पानी की समस्या के समाधान के लिए लगातार मंथन कर रहा है. जिस तरह से वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए नगर निगम को संजीदा होना चाहिए था, वो नहीं दिखा.

ये भी पढ़ें- रांची का आईटीआई बस स्टैंड बदहाल, पानी, सफाई और सुरक्षा के इंतजाम नहीं

देखें पूरी खबर

अंडर ग्राउंड वाटर लेवल की स्थिति चिंताजनक

पर्यावरणविद का मानना है कि साइंटिफिक तरीके से वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की जरूरत है, ताकि वॉटर लेवल बरकरार रह सके. रांची में अंडर ग्राउंड वॉटर लेवल की स्थिति खराब होती जा रही है. शहर के कई इलाकों में जलस्तर काफी नीचे चला गया है. इस लेवल को मेंटेन करना वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. इसके लिए वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम एक अहम कड़ी मानी जा रही है.

पर्यावरणविद नीतीश ने दी जानकारी

पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी का मानना है कि पहले जहां अप्रैल के महीने में वॉटर लेवल नीचे जाता था, अब जनवरी महीने से ही जलस्तर नीचे जाने जा लगा है. ये बहुत ही खतरनाक साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि साइंटिफिक तरीके से वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की जरूरत है, ताकि राजधानी में पानी का लेवल सामान्य हो सके. वहीं शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि उनकी ओर से सामुदायिक वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किए गए हैं और आगे भी स्थापित करने की योजना है. उन्होंने प्रधानमंत्री की बात याद दिलाते हुए कहा कि बारिश की एक बूंद भी बर्बाद नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसे जमा करने की पहल की जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें- राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू पहुंचीं हजारीबाग, कीर्ति स्तंभ का किया अनावरण

Ranchi municipal corporation not serious for water harvesting system
रांची नगर निगम

होल्डिंग टैक्स पर फाइन

वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाने पर होल्डिंग टैक्स पर 50 प्रतिशत फाइन लगने का प्रावधान है. बावजूद इसके वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने से लोग परहेज कर रहे हैं. उन्होंने शहर के उन इलाकों का जिक्र किया, जहां जलस्तर सबसे नीचे चला गया है और आने वाले समय में समस्या बढ़ने वाली है. वहीं शहर के कई वार्ड क्षेत्र ऐसे हैं, जहां सबसे ज्यादा जलस्तर नीचे चला गया है और पानी की सबसे ज्यादा समस्या है.

वार्ड-34 के पार्षद की नाराजगी

वार्ड-34 के पार्षद विनोद सिंह का साफ कहना है कि नगर निगम के पदाधिकारी वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर गंभीर नहीं है. वहीं, नगर निगम के उप नगर आयुक्त शंकर यादव का कहना है कि 300 स्क्वॉयर मीटर के ऊपर के भवनों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना जरूरी है. ये नहीं पाये जाने पर उनको नोटिस किया जाता है, साथ ही डेढ़ गुना टैक्स भी वसूला जाता है. उन्होंने कहा कि लोग वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कर रहे हैं. इसके अलावा सरकारी भवनों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया गया है. सरकारी भवनों में वॉटर हार्वेस्टर सिस्टम स्थापित करने के लिए बजट में कुछ राशि का प्रावधान भी है.

ये भी पढ़ें- मधुपुर उपचुनाव के लिए बीजेपी प्रत्याशी गंगा नारायण सिंह ने भरा पर्चा

नगर निगम क्षेत्र में 2 लाख से ज्यादा हाउसहोल्डर्स रजिस्टर्ड हैं. इनमें से 35 हजार घरों में ही वॉटर हार्वेस्टिंग का निर्माण हो पाया है, जबकि बचे लगभग 1.60 घरों से भूगर्भ जल का दोहन जारी है. इसकी वजह से जलस्तर के नीचे जाने का सिलसिला लगातार जारी है.

रांची: गर्मी के दस्तक देते ही नगर निकायों को पानी की कीमत समझ आने लगती है. रांची नगर निगम भी इन दिनों पानी की समस्या के समाधान के लिए लगातार मंथन कर रहा है. जिस तरह से वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए नगर निगम को संजीदा होना चाहिए था, वो नहीं दिखा.

ये भी पढ़ें- रांची का आईटीआई बस स्टैंड बदहाल, पानी, सफाई और सुरक्षा के इंतजाम नहीं

देखें पूरी खबर

अंडर ग्राउंड वाटर लेवल की स्थिति चिंताजनक

पर्यावरणविद का मानना है कि साइंटिफिक तरीके से वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की जरूरत है, ताकि वॉटर लेवल बरकरार रह सके. रांची में अंडर ग्राउंड वॉटर लेवल की स्थिति खराब होती जा रही है. शहर के कई इलाकों में जलस्तर काफी नीचे चला गया है. इस लेवल को मेंटेन करना वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. इसके लिए वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम एक अहम कड़ी मानी जा रही है.

पर्यावरणविद नीतीश ने दी जानकारी

पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी का मानना है कि पहले जहां अप्रैल के महीने में वॉटर लेवल नीचे जाता था, अब जनवरी महीने से ही जलस्तर नीचे जाने जा लगा है. ये बहुत ही खतरनाक साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि साइंटिफिक तरीके से वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की जरूरत है, ताकि राजधानी में पानी का लेवल सामान्य हो सके. वहीं शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि उनकी ओर से सामुदायिक वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किए गए हैं और आगे भी स्थापित करने की योजना है. उन्होंने प्रधानमंत्री की बात याद दिलाते हुए कहा कि बारिश की एक बूंद भी बर्बाद नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसे जमा करने की पहल की जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें- राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू पहुंचीं हजारीबाग, कीर्ति स्तंभ का किया अनावरण

Ranchi municipal corporation not serious for water harvesting system
रांची नगर निगम

होल्डिंग टैक्स पर फाइन

वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाने पर होल्डिंग टैक्स पर 50 प्रतिशत फाइन लगने का प्रावधान है. बावजूद इसके वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने से लोग परहेज कर रहे हैं. उन्होंने शहर के उन इलाकों का जिक्र किया, जहां जलस्तर सबसे नीचे चला गया है और आने वाले समय में समस्या बढ़ने वाली है. वहीं शहर के कई वार्ड क्षेत्र ऐसे हैं, जहां सबसे ज्यादा जलस्तर नीचे चला गया है और पानी की सबसे ज्यादा समस्या है.

वार्ड-34 के पार्षद की नाराजगी

वार्ड-34 के पार्षद विनोद सिंह का साफ कहना है कि नगर निगम के पदाधिकारी वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर गंभीर नहीं है. वहीं, नगर निगम के उप नगर आयुक्त शंकर यादव का कहना है कि 300 स्क्वॉयर मीटर के ऊपर के भवनों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना जरूरी है. ये नहीं पाये जाने पर उनको नोटिस किया जाता है, साथ ही डेढ़ गुना टैक्स भी वसूला जाता है. उन्होंने कहा कि लोग वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कर रहे हैं. इसके अलावा सरकारी भवनों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया गया है. सरकारी भवनों में वॉटर हार्वेस्टर सिस्टम स्थापित करने के लिए बजट में कुछ राशि का प्रावधान भी है.

ये भी पढ़ें- मधुपुर उपचुनाव के लिए बीजेपी प्रत्याशी गंगा नारायण सिंह ने भरा पर्चा

नगर निगम क्षेत्र में 2 लाख से ज्यादा हाउसहोल्डर्स रजिस्टर्ड हैं. इनमें से 35 हजार घरों में ही वॉटर हार्वेस्टिंग का निर्माण हो पाया है, जबकि बचे लगभग 1.60 घरों से भूगर्भ जल का दोहन जारी है. इसकी वजह से जलस्तर के नीचे जाने का सिलसिला लगातार जारी है.

Last Updated : Mar 30, 2021, 8:26 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.