रांची: गर्मी के दस्तक देते ही नगर निकायों को पानी की कीमत समझ आने लगती है. रांची नगर निगम भी इन दिनों पानी की समस्या के समाधान के लिए लगातार मंथन कर रहा है. जिस तरह से वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए नगर निगम को संजीदा होना चाहिए था, वो नहीं दिखा.
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अंडर ग्राउंड वाटर लेवल की स्थिति चिंताजनक
पर्यावरणविद का मानना है कि साइंटिफिक तरीके से वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की जरूरत है, ताकि वॉटर लेवल बरकरार रह सके. रांची में अंडर ग्राउंड वॉटर लेवल की स्थिति खराब होती जा रही है. शहर के कई इलाकों में जलस्तर काफी नीचे चला गया है. इस लेवल को मेंटेन करना वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. इसके लिए वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम एक अहम कड़ी मानी जा रही है.
पर्यावरणविद नीतीश ने दी जानकारी
पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी का मानना है कि पहले जहां अप्रैल के महीने में वॉटर लेवल नीचे जाता था, अब जनवरी महीने से ही जलस्तर नीचे जाने जा लगा है. ये बहुत ही खतरनाक साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि साइंटिफिक तरीके से वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की जरूरत है, ताकि राजधानी में पानी का लेवल सामान्य हो सके. वहीं शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि उनकी ओर से सामुदायिक वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किए गए हैं और आगे भी स्थापित करने की योजना है. उन्होंने प्रधानमंत्री की बात याद दिलाते हुए कहा कि बारिश की एक बूंद भी बर्बाद नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसे जमा करने की पहल की जानी चाहिए.
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होल्डिंग टैक्स पर फाइन
वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाने पर होल्डिंग टैक्स पर 50 प्रतिशत फाइन लगने का प्रावधान है. बावजूद इसके वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने से लोग परहेज कर रहे हैं. उन्होंने शहर के उन इलाकों का जिक्र किया, जहां जलस्तर सबसे नीचे चला गया है और आने वाले समय में समस्या बढ़ने वाली है. वहीं शहर के कई वार्ड क्षेत्र ऐसे हैं, जहां सबसे ज्यादा जलस्तर नीचे चला गया है और पानी की सबसे ज्यादा समस्या है.
वार्ड-34 के पार्षद की नाराजगी
वार्ड-34 के पार्षद विनोद सिंह का साफ कहना है कि नगर निगम के पदाधिकारी वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर गंभीर नहीं है. वहीं, नगर निगम के उप नगर आयुक्त शंकर यादव का कहना है कि 300 स्क्वॉयर मीटर के ऊपर के भवनों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना जरूरी है. ये नहीं पाये जाने पर उनको नोटिस किया जाता है, साथ ही डेढ़ गुना टैक्स भी वसूला जाता है. उन्होंने कहा कि लोग वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कर रहे हैं. इसके अलावा सरकारी भवनों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया गया है. सरकारी भवनों में वॉटर हार्वेस्टर सिस्टम स्थापित करने के लिए बजट में कुछ राशि का प्रावधान भी है.
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नगर निगम क्षेत्र में 2 लाख से ज्यादा हाउसहोल्डर्स रजिस्टर्ड हैं. इनमें से 35 हजार घरों में ही वॉटर हार्वेस्टिंग का निर्माण हो पाया है, जबकि बचे लगभग 1.60 घरों से भूगर्भ जल का दोहन जारी है. इसकी वजह से जलस्तर के नीचे जाने का सिलसिला लगातार जारी है.