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राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम में निमंत्रण नहीं मिलने से बिफरीं मेयर, कहा- हेमंत सरकार के अधिकारी ने किया प्रोटोकॉल का उल्लंघन

15 नवंबर भगवान बिरसा मुंडा जयंती के मौके पर झारखंड राज्य स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. इसको लेकर रांची के मोरहाबादी मैदान में राजकीय समारोह का आयोजन किया गया है. लेकिन रांची मेयर को कार्यक्रम में निमंत्रण नहीं मिला है. इससे मेयर आशा लकड़ा नाराज हैं और आपत्ति जताते हुए कहा कि हेमंत सरकार के अधिकारी ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है.

Ranchi Mayor objected to not getting invitation to Jharkhand Foundation Day program
रांची
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Published : Nov 15, 2022, 6:55 AM IST

रांची: झारखंड राज्य के 22वें स्थापना दिवस के मौके पर मोराबादी में आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रण नहीं मिलने की वजह से रांची मेयर आशा लकड़ा नाराज हैं. इसको लेकर उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार के अधिकारियों ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए, उन्हें कार्यक्रम के लिए निमंत्रण नहीं दिया है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड स्थापना दिवस 2022: राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री का क्या है शेड्यूल, पढ़ें रिपोर्ट

रांची मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि प्रोटोकॉल के अनुसार नगर निगम क्षेत्र में अगर कोई कार्यक्रम आयोजित की जाती है तो उसमें मुख्यमंत्री के बाद मुख्य अतिथि के रुप में मेयर का ही स्थान होता है. झारखंड सरकार के वर्तमान अधिकारियों ने जानबूझकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए उनका नाम कार्यक्रम से हटा दिया है. उन्होंने आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय का नाम कार्यक्रम में रखा गया है जबकि वह किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं हैं. जब उनका नाम कार्यक्रम में हो सकता है तो फिर निगम क्षेत्र के सबसे प्रथम व्यक्ति का नाम अधिकारियों ने कार्यक्रम में क्यों नहीं रखा गया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस तरह की छोटी हरकतों से साफ प्रतीत होता है कि हेमंत सोरेन की सरकार आदिवासी विरोधी है.


मेयर आशा लकड़ा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि एक तरफ वह 1932 के खतियान को लागू करवा कर वो खुद को आदिवासी समाज का मसीहा बताते हैं. वहीं दूसरी ओर आदिवासी समाज की मेयर आशा लकड़ा को कार्यक्रम में नहीं बुलावा कर बेइज्जत करवाते हैं. हेमंत सोरेन और उनके अधिकारियों की इस तरह की छोटी हरकतों से ओछी मानसिकता स्पष्ट होती है.

रांची: झारखंड राज्य के 22वें स्थापना दिवस के मौके पर मोराबादी में आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रण नहीं मिलने की वजह से रांची मेयर आशा लकड़ा नाराज हैं. इसको लेकर उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार के अधिकारियों ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए, उन्हें कार्यक्रम के लिए निमंत्रण नहीं दिया है.

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रांची मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि प्रोटोकॉल के अनुसार नगर निगम क्षेत्र में अगर कोई कार्यक्रम आयोजित की जाती है तो उसमें मुख्यमंत्री के बाद मुख्य अतिथि के रुप में मेयर का ही स्थान होता है. झारखंड सरकार के वर्तमान अधिकारियों ने जानबूझकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए उनका नाम कार्यक्रम से हटा दिया है. उन्होंने आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय का नाम कार्यक्रम में रखा गया है जबकि वह किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं हैं. जब उनका नाम कार्यक्रम में हो सकता है तो फिर निगम क्षेत्र के सबसे प्रथम व्यक्ति का नाम अधिकारियों ने कार्यक्रम में क्यों नहीं रखा गया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस तरह की छोटी हरकतों से साफ प्रतीत होता है कि हेमंत सोरेन की सरकार आदिवासी विरोधी है.


मेयर आशा लकड़ा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि एक तरफ वह 1932 के खतियान को लागू करवा कर वो खुद को आदिवासी समाज का मसीहा बताते हैं. वहीं दूसरी ओर आदिवासी समाज की मेयर आशा लकड़ा को कार्यक्रम में नहीं बुलावा कर बेइज्जत करवाते हैं. हेमंत सोरेन और उनके अधिकारियों की इस तरह की छोटी हरकतों से ओछी मानसिकता स्पष्ट होती है.

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