रांची: झारखंड की राजधानी रांची में दुर्गा पूजा (Durga Puja in Ranchi) को खास बनाने की तैयारियां जोरों पर है. पिछले दो सालों से कोरोना की वजह से पूजा पंडालों की रौनक गायब थी लोकिन, इस बार मां की आराधना और पूजा को भव्य बनाने के लिए पूजा समितियां पूरे उत्साह के साथ जुटी हुई हैं. इस बार दुर्गा पूजा के दौरान पूजा पंडालों में आजादी के अमृत महोत्सव की झलक देखने को मिलेगी. यूथ क्लब महावीर चौक कुछ इसी तरह के थीम पर पूजा पंडाल (Ranchi Mahavir Chowk Durga Puja pandal) का निर्माण कर रहा है. इस साल यह पूजा समिति जैसलमेर तनोट माता मंदिर का प्रारूप बनाने में जुटी है, जहां पाकिस्तान के ब्रिगेडियर को भी नतमस्तक होना पड़ा था.
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जैसलमेर तनोट माता मंदिर क्यों है खास: कहा जाता है कि 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में जैसलमेर तनोट माता मंदिर पर करीब 3000 बम गिराए गए थे लेकिन, मंदिर परिसर में गिरा एक भी बम नहीं फटा था. इस घटना के बाद पाकिस्तान सेना के ब्रिगेडियर शहनवाज खान को काफी हैरानी हुई और उसने माता के दर्शन के लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी थी. करीब ढाई साल बाद उन्हें इजाजत मिली तो शाहनवाज खान ने दर्शन कर मंदिर में एक सुंदर छत्र भी चढ़ाया था जो आज भी तनोट माता मंदिर में मौजूद है. इसी को आधार बनाकर रांची महावीर चौक के टीओपी शिव मंदिर परिसर में भव्य पूजा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है.
पूजा पंडाल में क्या होगा खास: पूजा पंडाल परिसर को भव्य रूप देने की पूरी तैयारी है. जिस तरह तनोट माता मंदिर में विजय स्तंभ बना हुआ है, ठीक उसी तरह के स्तंभ का निर्माण इस पूजा पंडाल के प्रवेश द्वार पर भी किया जा रहा है. इस पूजा पंडाल में पूरी तरह से राजस्थान की झलक देखने को मिलेगी. जिसमें भारत-पाक बॉर्डर, रेगिस्तान आदि श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होगा. पंडाल की चौड़ाई डेढ़ सौ और लंबाई करीब 200 फीट है जिसे देखने के लिए एक श्रद्धालु को करीब 15 मिनट लगेंगे. लागत की बात करें तो इस पूजा पंडाल पर करीब 15 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं.