रांचीः जमीन के कागजात बदलकर अवैध तरीके से खरीद-बिक्री के दौरान मनी लांड्रिंग के हवाले से गिरफ्तार कारोबारी विष्णु अग्रवाल की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई हो सकती है. ईडी ने उन्हें कई दौर की पूछताछ के बाद 31 जुलाई को गिरफ्तार किया था. उस समय से विष्णु अग्रवाल होटवार के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में हैं. पिछले दिनों विष्णु अग्रवाल की ओर से पीएमएलए कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई थी. इसपर कोर्ट ने ईडी से जवाब मांगा था.
जानकारी के मुताबिक ईडी की ओर से जवाब दाखिल कर दिया गया है और मंगलवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी. उनकी तरफ से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा कोर्ट पहुंच चुके थे लेकिन ऐन वक्त पर जानकारी मिली कि तबीयत खराब होने की वजह से पीएमएलए कोर्ट के जज दिनेश राय कोर्ट नहीं आ पाए हैं. इसको देखते हुए बुधवार यानी 13 सितंबर को मामले में सुनवाई की संभावना जतायी जा रही है. कारोबारी विष्णु अग्रवाल का दावा है कि जमीन घोटाले में उनकी कोई भी अवैध भूमिका नहीं है. साथ ही उन्होंने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत की अर्जी दी है.
बता दें कि विष्णु अग्रवाल झारखंड के काफी चर्चित कारोबारियों में से एक हैं. वह रांची में संचालित न्यूक्लियस मॉल के मालिक हैं. उनका रियल स्टेट के कई प्रोजेक्ट रांची में चल रहे हैं. स्मार्ट सिटी में प्रस्तावित फ्लैट कंस्ट्रक्शन का भी उनको काम मिला है. लेकिन इसी बीच जुलाई माह में जमीन घोटाले को लेकर ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
बता दें कि रांची के बड़गाईं अंचल स्थित चेशायर होम के पास की जमीन और सिरमटोली स्थित सेना की जमीन की खरीद मामले में मनी लांड्रिंग की बात सामने आई थी. ईडी का दावा है कि जमीन खरीद के बदले जो तथाकथित लैंडलोर्ड को सिर्फ कागज पर पैसे की देनदारी दिखाई गयी, जबकि वास्तविकता में उतने पैसे नहीं दिये गये. फिलहाल, कोलकाता स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर कई प्लॉट की खरीद बिक्री मामले में विष्णु अग्रवाल के अलावा रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, कारोबारी अमित अग्रवाल, दिलीप घोष, भानु प्रताप, राजेश राय, भरत प्रसाद, प्रदीप बागची, अफसर अली, इम्तियाज अहमद, तलहा खान, फैयाज खान और सद्दाम हुसैन जेल में बंद हैं.