रांची: राजधानी के इस्लाम नगर में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान बेघर हुए लोगों को आवास आवंटित किए जाने के बदले में 50 हजार रुपए जमा करने का निर्देश दिया गया है. निगम के इस निर्देश का इस्लाम नगर के लोग विरोध कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि जब कोर्ट की तरफ से महज 20 हजार रुपये जमा करने की बात कही गई है तो फिर नगर निगम की तरफ से 50 हजार रुपये की मांग क्यों की जा रही है.
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क्या है पूरा मामला: दरअसल, साल 2011 में इस्लाम नगर में अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत कई घर तोड़ दिए गए थे. जिसे लेकर पीड़ित परिवारों ने हाई कोर्ट का शरण लिया था. इसके बाद यह निर्णय लिया गया था कि सभी पीड़ितों को निगम एवं सरकार की तरफ से आशियाना आवंटित कराया जाएगा. वहीं कोर्ट ने यह भी हिदायत दी थी कि लाभुकों से कोई राशि नहीं ली जाएगी. अगर किसी विशेष परिस्थिति में राशि ली जाती है तो उसकी रकम महज 20 हजार रुपये ही होंगे, लेकिन इसी दरमियान नगर निगम की तरफ से इस्लामनगर के लोगों को यह सूचित किया गया कि जिन्हें भी आवास आवंटित किए जा रहे हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 50 हजार रुपये जमा कराने होंगे.
क्या कहते हैं इस्लाम नगर के निवासी: इस्लाम नगर के वरिष्ठ नागरिक मोहम्मद शकील बताते हैं कि वर्ष 2011 में ही हाईकोर्ट से यह निर्णय दिया गया था कि अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत जिनके भी आशियाने तोड़े गए हैं. उन्हें जल्द से जल्द आशियाना मुहैया कराई जाए. इसके लिए महज 20 हजार तक की राशि ली जा सकती है, लेकिन वर्तमान में नगर निगम की तरफ से इस्लाम नगर के निवासियों से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 50-50 हजार रुपये की मांग की जा रही है, जो यहां के निवासियों के लिए देना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.
कोर्ट ने क्या कहा था: मोहम्मद शकील बताते हैं कि 411 परिवारों को घर आवंटित कराने की बात नगर निगम ने हाई कोर्ट के निर्देश के बाद स्वीकार किया था, लेकिन अभी तक महज 300 लोगों को ही घर आवंटित हो पाया है. उसमें भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 50 हजार की मांग की जा रही है. मोहम्मद शकील बताते हैं कि जितने भी लोग इस्लामनगर में रह रहे हैं, वह गरीबी रेखा से नीचे हैं और झुग्गी झोपड़ी में अपना जीवन यापन व्यतीत करते हैं. ऐसे में यदि उनसे 50 हजार रुपए की मांग की जाएगी तो लाभुक यह राशि नहीं दे पाएंगे. वहीं उन्होंने नगर निगम पर आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि जब कोर्ट की तरफ से 20 हजार रुपए देने की बात कही गई थी, तो फिर कोर्ट के आदेश को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है.
क्या कहते हैं रांची के उपमहापौर: पूरे मामले पर रांची के उपमहापौर संजीव विजयवर्गीय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह राशि राज्य सरकार की तरफ से तय की गई है. यदि किसी लाभुकों को इससे परेशानी हो रही है तो वह इसकी शिकायत नगर विकास विभाग और राज्य सरकार से कर सकते हैं. वहीं नगर निगम के उप महापौर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि उनकी तरफ से लाभुकों को राहत देने के लिए 50 हजार की राशि को किस्त के आधार पर कर दिया गया है, ताकि लोगों को पैसे देने में दिक्कत ना हो.
इस्लाम नगर के निवासी नहीं मानेंगे निगम की बात: वहीं इस्लाम नगर के निवासियों ने कहा है कि यदि नगर निगम अपने फरमान पर विचार नहीं करती है तो इस्लाम नगर के निवासी अपने हक की लड़ाई के लिए आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि कोर्ट की तरफ से जो रकम निर्धारित की गई है, उसी रकम को मकान लेने से पहले जमा करेंगे. निगम की तरफ से जारी किए गए निर्देश का पालन नहीं करेंगे.