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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रांची के चर्चित बिल्डर ज्ञान प्रकाश सरावगी गिरफ्तार, ईडी ने की कार्रवाई

ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रांची के चर्चित बिल्डर ज्ञान प्रकाश सरावगी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी के तार बैंक घोटाले से भी जुड़े हुए बताए जा रहे हैं.

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Published : Mar 29, 2022, 10:47 PM IST

Updated : Mar 29, 2022, 11:05 PM IST

Ranchi famous builder Gyan Prakash Saraogi arrest in money laundering case
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रांची के चर्चित बिल्डर ज्ञान प्रकाश सरावगी गिरफ्तार

रांचीः ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रांची के चर्चित बिल्डर ज्ञान प्रकाश सरावगी को गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने ज्ञान प्रकाश सरावगी की गिरफ्तारी कांके रोड स्थित स्काइविला अपार्टमेंट से की है.

ये भी पढ़ें-डोरंडा मामले में ईडी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सहित अन्य आरोपियों पर दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस

ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआई ने सबसे पहले ज्ञान प्रकाश सरावगी और उनके सहयोगियों के खिलाफ साल 2018- 19 में बैंक ऑफ इंडिया से 31.24 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था. बाद में मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं पर जांच के क्रम में ईडी ने पाया था कि अलग-अलग बैंक को आरोपियों ने 75 करोड़ का चूना लगाया था. ईडी अधिकारियों का यह भी आरोप है कि ज्ञान प्रकाश सरावगी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. ईडी के द्वारा मांगे गए कागजात और सूचना नहीं दे रहे थे. ऐसे में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद ज्ञान प्रकाश सरावगी को ईडी ने कोतवाली थाने को सौंप दिया. बुधवार को ईडी उन्हें पीएलएलए कोर्ट में पेश करेगी.

छह कंपनियों के जरिये की धोखाधड़ीः ईडी ने अपनी जांच में पाया कि ज्ञान प्रकाश सरावगी और उनके सहयोगियों ने छह कंपनियों मेसर्स सनबीन डीलर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स ग्लोबल ट्रेडर्स, मेसर्स बद्रीकेदार उद्योग प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स सरावगी बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स, मेसर्स श्रीराम कॉमट्रेड प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स द्वारिकाधीश उद्योग प्राइवेट लिमिटेड बनाई थीं. इन कंपनियों के नाम पर बैंक ऑफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया से 75 करोड़ से अधिक की जालसाजी की गई. जांच में यह पाया गया कि लोन निकासी के लिए अचल संपत्ति से जुड़े जो कागजात दिए गए थे, उन पर पूर्व से ही लोन की निकासी की जा चुकी थी.

ज्ञान प्रकाश सरावगी ने कैसे की धोखाधड़ीः ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, ज्ञान प्रकाश सरावगी और अमित सरावगी ने कई शेल कंपनियां बनाईं थीं. लोन से मिले पैसों को इन्हीं खातों में ट्रांसफर किया गया था. पैसे ट्रांसफर किए जाने के बाद इन पैसों से अचल संपत्ति की खरीद भी कई जगहों पर की गई थी.

रांचीः ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रांची के चर्चित बिल्डर ज्ञान प्रकाश सरावगी को गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने ज्ञान प्रकाश सरावगी की गिरफ्तारी कांके रोड स्थित स्काइविला अपार्टमेंट से की है.

ये भी पढ़ें-डोरंडा मामले में ईडी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सहित अन्य आरोपियों पर दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस

ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआई ने सबसे पहले ज्ञान प्रकाश सरावगी और उनके सहयोगियों के खिलाफ साल 2018- 19 में बैंक ऑफ इंडिया से 31.24 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था. बाद में मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं पर जांच के क्रम में ईडी ने पाया था कि अलग-अलग बैंक को आरोपियों ने 75 करोड़ का चूना लगाया था. ईडी अधिकारियों का यह भी आरोप है कि ज्ञान प्रकाश सरावगी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. ईडी के द्वारा मांगे गए कागजात और सूचना नहीं दे रहे थे. ऐसे में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद ज्ञान प्रकाश सरावगी को ईडी ने कोतवाली थाने को सौंप दिया. बुधवार को ईडी उन्हें पीएलएलए कोर्ट में पेश करेगी.

छह कंपनियों के जरिये की धोखाधड़ीः ईडी ने अपनी जांच में पाया कि ज्ञान प्रकाश सरावगी और उनके सहयोगियों ने छह कंपनियों मेसर्स सनबीन डीलर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स ग्लोबल ट्रेडर्स, मेसर्स बद्रीकेदार उद्योग प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स सरावगी बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स, मेसर्स श्रीराम कॉमट्रेड प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स द्वारिकाधीश उद्योग प्राइवेट लिमिटेड बनाई थीं. इन कंपनियों के नाम पर बैंक ऑफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया से 75 करोड़ से अधिक की जालसाजी की गई. जांच में यह पाया गया कि लोन निकासी के लिए अचल संपत्ति से जुड़े जो कागजात दिए गए थे, उन पर पूर्व से ही लोन की निकासी की जा चुकी थी.

ज्ञान प्रकाश सरावगी ने कैसे की धोखाधड़ीः ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, ज्ञान प्रकाश सरावगी और अमित सरावगी ने कई शेल कंपनियां बनाईं थीं. लोन से मिले पैसों को इन्हीं खातों में ट्रांसफर किया गया था. पैसे ट्रांसफर किए जाने के बाद इन पैसों से अचल संपत्ति की खरीद भी कई जगहों पर की गई थी.

Last Updated : Mar 29, 2022, 11:05 PM IST
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