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RT-PCR की ज्यादा फी लेने पर लाल पैथोलॉजी लैब पर कार्रवाई, प्रशासन ने किया सील

रांची में RT-PCR जांच के लिए निर्धारित फीस से ज्यादा लेने पर जिला प्रशासन ने लाल पैथोलॉजी लैब को सील कर दिया है. दरअसल होम कलेक्शन करने के नाम पर निर्धारित 600 रुपए की जगह 900 से लेकर 1500 तक की वसूली की जा रही थी.

ranchi district administration sealed lal pathology lab
लाल पैथोलॉजी लैब
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Published : May 15, 2021, 12:07 PM IST

Updated : May 15, 2021, 12:30 PM IST

रांचीः कोरोना संक्रमण काल में कई बार जांच के नाम पर अवैध वसूली की जाने की बात सामने आती रही हैं. खासकर घर पर सैंपल लेने के एवज में ज्यादा फीस ली जा रही है. इसकी शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन की टीम की ओर से कड़ी कार्रवाई करते हुए हिनू स्थित लाल पैथोलॉजी लैब को सील कर दिया गया.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- साहिबगंज में RTPCR लैब का ऑनलाइन उद्घाटन, सीएम ने कहा सांसद विजय हांसदा का है अहम योगदान

कोरोना संक्रमण को लेकर RT-PCR जांच के लिए लाल पैथोलॉजी लैब की ओर से ज्यादा फी वसूल किए जाने की शिकायत जिला प्रशासन को मिली थी. जिसके बाद एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट श्वेता वेद और अरगोड़ा सीईओ अरविंद ओझा की ओर से लैब की जांच की गई. इस दौरान शिकायत सही पाए जाने पर लैब को सील कर दिया गया.

होम सैंपल कलेक्शन करने के नाम पर 600 रुपये निर्धारित फीस की जगह 900 से लेकर 1500 तक की वसूली की जा रही थी. ऐसे में एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट श्वेता वेद ने खुद मरीज बनकर कोरोना जांच के लिए लैब से कर्मचारी को बुलाया था. सैंपल लेने के बाद 900 रुपये की मांग की गई, जिसके बाद कार्रवाई की गई है.

वहीं लैब संचालक से जिला प्रशासन की टीम ने स्पष्टीकरण मांगा है और 24 घंटे के अंदर सही जवाब नहीं दिए जाने पर आगे की कार्रवाई करने की बात कही है.

रांचीः कोरोना संक्रमण काल में कई बार जांच के नाम पर अवैध वसूली की जाने की बात सामने आती रही हैं. खासकर घर पर सैंपल लेने के एवज में ज्यादा फीस ली जा रही है. इसकी शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन की टीम की ओर से कड़ी कार्रवाई करते हुए हिनू स्थित लाल पैथोलॉजी लैब को सील कर दिया गया.

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कोरोना संक्रमण को लेकर RT-PCR जांच के लिए लाल पैथोलॉजी लैब की ओर से ज्यादा फी वसूल किए जाने की शिकायत जिला प्रशासन को मिली थी. जिसके बाद एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट श्वेता वेद और अरगोड़ा सीईओ अरविंद ओझा की ओर से लैब की जांच की गई. इस दौरान शिकायत सही पाए जाने पर लैब को सील कर दिया गया.

होम सैंपल कलेक्शन करने के नाम पर 600 रुपये निर्धारित फीस की जगह 900 से लेकर 1500 तक की वसूली की जा रही थी. ऐसे में एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट श्वेता वेद ने खुद मरीज बनकर कोरोना जांच के लिए लैब से कर्मचारी को बुलाया था. सैंपल लेने के बाद 900 रुपये की मांग की गई, जिसके बाद कार्रवाई की गई है.

वहीं लैब संचालक से जिला प्रशासन की टीम ने स्पष्टीकरण मांगा है और 24 घंटे के अंदर सही जवाब नहीं दिए जाने पर आगे की कार्रवाई करने की बात कही है.

Last Updated : May 15, 2021, 12:30 PM IST
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