रांचीः चारा घोटाले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मिलने वाले लोगों का इन दिनों तांता लगा हुआ है. ऐसे में पड़ोसी राज्य बिहार से उनसे मिलने आने वाले लोगों की अब मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि बिना परमिशन लेकर आने वाले लोगों को रांची जिला प्रशासन ने 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन करने की शुरुआत बुधवार से कर दी है.
नेता हो या अभिनेता सब पर एक समान कार्रवाई
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर टिकट की चाह रखने वाले नेता-अभिनेता झारखंड की राजधानी रांची की दौड़ लगा रहे हैं, क्योंकि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव रिम्स निदेशक बंगले में इलाजरत हैं. बिहार से लगातार अपनी टिकट पक्की करने के लिए नेता-अभिनेता राजद सुप्रीमो तक अपना बायोडाटा हर हाल में भिजवाने की होड़ में लगे हुए हैं. चाहे इसके लिए कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन ही क्यों ना करना पड़े. राजद सुप्रीमो के आशीर्वाद के लिए बिहार से आने वाले इन नेताओं की ओर से राज्य में एंट्री की अनुमति भी लेना मुनासिब नहीं समझा जा रहा है. यही वजह रही कि बाराचट्टी विधायक समता देवी को बिना अनुमति रांची आने पर जिला प्रशासन ने उन्हें, उनके सहयोगियों के साथ 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन कर दिया है. क्वॉरेंटाइन की गई विधायक ने भले ही जिला प्रशासन से कहा है कि वह मरीज को छोड़ने आई थी, लेकिन जाहिर सी बात है कि बिहार चुनाव को लेकर वह भी राजद सुप्रीमो से मिलने आई होंगी. जिला प्रशासन ने विधायकों को क्वॉरेंटाइन कर एक संदेश भी दे दिया है कि जो भी कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन करेंगे, चाहे वह नेता हो या अभिनेता सब पर एक समान कार्रवाई की जाएगी.
गाइडलाइन उल्लंघन के मामले पर नकेल कसने की पूरी तैयारी
रांची के डीसी छवि रंजन ने भी साफ कर दिया है कि कोविड-19 से बचाव के लिए जारी सरकार के गाइडलाइन का अनुपालन सभी को करना होगा. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से झारखंड आने वाले वैसे लोग जिन्होंने परमिशन नहीं लिया है, उन्हें सरकार के गाइडलाइन के तहत ही 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. इससे यह भी साफ हो गया है कि लालू यादव से मिलने आने वाले बिहार के लोगों पर भी जिला प्रशासन कोविड-19 गाइडलाइन उल्लंघन के मामले पर नकेल कसने की पूरी तैयारी में है.
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बता दें, कि पड़ोसी राज्य बिहार से लगातार लालू प्रसाद यादव से मिलने आने वाले लोगों को लेकर झारखंड प्रदेश कि विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत सरकार पर जमकर निशाना भी साधा है. जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि लालू यादव का रिम्स में दरबार सजा है और सरकार अनदेखी कर रही है. वहीं सत्ताधारी दल कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर पलटवार करते हुए कहा है कि बिहार चुनाव को लेकर भाजपा बेचैन है और राजद सुप्रीमो से गहराई हुई है. ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से राजद विधायक को क्वॉरेंटाइन किए जाने के बाद एक तरह से राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 गाइडलाइन के एक समान सभी पर लागू होने का संदेश गया है. हालांकि जिस तरह से गिरिडीह में सांसद साक्षी महाराज को क्वॉरेंटाइन के जाने के बाद फिर छोड़ गया और वह वापस गए. कुछ ऐसा ही क्वॉरेंटाइन की गई राजद विधायक समता देवी के साथ भी होने की उम्मीद जताई जा रही है.