रांची: राजधानी के नामकुम में एक आम आदमी की जागरुकता और पहल पर बाल श्रम की शिकार सात साल की बच्ची का रेस्क्यू किया गया. रांची उपायुक्त को एक आम आदमी से इस मामले में सूचना मिली थी. जिसके बाद उनके आदेश के बाद सीडब्ल्यूसी की टीम ने नामकुम स्थित सुमन भोजनालय से बच्ची का रेस्क्यू कर प्रेमाश्रय बालिका गृह में भेज दिया है.
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दरअसल, शनिवार को पिस्का मोड़ निवासी अनिल गोप नाम के एक शख्स ने नामकुम स्थित सुमन होटल में एक सात वर्षीय बच्ची को काम करते देखा. अनिल को शक हुआ कि बच्ची से कहीं बाल मजदूरी तो नहीं कराई जा रही है. अपनी इस शंका को दूर करने के लिए उन्होंने अपने स्तर से बच्ची की जांच पड़ताल शुरू कर दी.
आसपास के लोगों से पूछताछ करने पर अनिल गोप को पता चला कि सुमन भोजनालय का मालिक बच्ची से जबरदस्ती बाल श्रम करवा रहा है. होटल संचालक ने बच्ची की मां से आर्थिक लाभ के एवज में बच्ची को खरीद लिया है और उससे अपने होटल में बर्तन धुलवाने और बाल श्रम का काम करवाता है. अनिल गोप ने यह सारी जानकारी जिला प्रशासन को दी. जिसके बाद रविवार को उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा के आदेश पर सीडब्ल्यूसी की टीम ने बच्ची का रेस्क्यू करने पहुंची और रेस्क्यू कर बच्ची को प्रेमाश्रय बालिका गृह में सुरक्षित पहुंचा दिया है.
स्टेटमेंट लेने के बाद की जाएगी कानूनी कार्रवाई: सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन अजय कुमार साह ने बताया कि बच्ची को फिलहाल बालिका गृह पहुंचा दिया गया है. बच्ची का स्टेटमेंट लेने के बाद फिर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बच्ची को सरकारी सुविधा की स्कीम से जोड़ने के लिए भी चाइल्ड वेलफेयर कमिटी की तरफ से आगे की कार्रवाई की जाएगी.