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100 करोड़ गबन मामले पर सीबीआई कोर्ट ने लिया संज्ञान, SBI से हुई थी हेर-फेर - झारखंड न्यूज

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा ने 100 करोड़ गबन मामले में दो अभियुक्त अनिल उरांव और बिल्डर संजय कुमार तिवारी को 25 जुलाई को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है.

सीबीआई कोर्ट
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Published : Jul 1, 2019, 10:50 PM IST

रांची: भारतीय स्टेट बैंक ब्रांच के 100 करोड़ रुपए गबन मामले में सोमवार को रांची सीबीआई की विशेष अदालत ने संज्ञान लिया है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा ने गबन में अभियुक्त बनाए गए हटिया ब्रांच के तत्कालीन मैनेजर अनिल उरांव और भानु कंस्ट्रक्शन फर्म के बिल्डर संजय कुमार तिवारी को 25 जुलाई को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है.

मामला कांड संख्या आरसी 12/17 से जुड़ा हुआ है. तत्कालीन बैंक मैनेजर अनिल उरांव के बाद ब्रांच मैनेजर जसवीर सिंह की शिकायत पर सीबीआई कि ओर से 5 सितंबर 2017 को इन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. मामला सामने आने पर एसबीआई के द्वारा आंतरिक जांच कराई गई थी. जिसमें एसबीआई के तत्कालीन मैनेजर और मेसर्स भानु कंस्ट्रक्शन फर्म के बिल्डर संजय कुमार तिवारी की भूमिका संदेहास्पद पाई गई.

जांच के उपरांत एसबीआई के वरीय अधिकारी अमूल्य रॉय ने घटना का समर्थन करते हुए अभियोजन की स्वीकृति प्रदान की. जिसके बाद बैंक की ओर से सीबीआई को जांच के लिए पत्र लिखा गया था. अदालत ने संज्ञान लेते हुए एसबीआई के तत्कालीन मैनेजर अनिल उरांव और बिल्डर संजय कुमार तिवारी को 25 जुलाई को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया.

रांची: भारतीय स्टेट बैंक ब्रांच के 100 करोड़ रुपए गबन मामले में सोमवार को रांची सीबीआई की विशेष अदालत ने संज्ञान लिया है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा ने गबन में अभियुक्त बनाए गए हटिया ब्रांच के तत्कालीन मैनेजर अनिल उरांव और भानु कंस्ट्रक्शन फर्म के बिल्डर संजय कुमार तिवारी को 25 जुलाई को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है.

मामला कांड संख्या आरसी 12/17 से जुड़ा हुआ है. तत्कालीन बैंक मैनेजर अनिल उरांव के बाद ब्रांच मैनेजर जसवीर सिंह की शिकायत पर सीबीआई कि ओर से 5 सितंबर 2017 को इन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. मामला सामने आने पर एसबीआई के द्वारा आंतरिक जांच कराई गई थी. जिसमें एसबीआई के तत्कालीन मैनेजर और मेसर्स भानु कंस्ट्रक्शन फर्म के बिल्डर संजय कुमार तिवारी की भूमिका संदेहास्पद पाई गई.

जांच के उपरांत एसबीआई के वरीय अधिकारी अमूल्य रॉय ने घटना का समर्थन करते हुए अभियोजन की स्वीकृति प्रदान की. जिसके बाद बैंक की ओर से सीबीआई को जांच के लिए पत्र लिखा गया था. अदालत ने संज्ञान लेते हुए एसबीआई के तत्कालीन मैनेजर अनिल उरांव और बिल्डर संजय कुमार तिवारी को 25 जुलाई को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया.

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भारतीय स्टेट बैंक एसबीआई ब्रांच 100 करोड़ रुपए गवन मामले पर सोमवार को रांची व्यवहार न्यायालय स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने संज्ञान लिया है सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा ने गबन में अभियुक्त बनाए गए हटिया ब्रांच के तत्कालीन मैनेजर अनिल उरांव एवं में मेसर्स भानु कंस्ट्रक्शन फर्म के बिल्डर संजय कुमार तिवारी को 25 जुलाई को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है


Body:मामला कांड संख्या आरसी 12/17 से जुड़ा हुआ है तत्कालीन बैंक मैनेजर अनिल उरांव के बाद ब्रांच मैनेजर जसवीर सिंह की शिकायत पर सीबीआई द्वारा 5 सितंबर 2017 को इन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी मामला सामने आने पर एसबीआई के द्वारा आंतरिक जांच कराई गई जिसमें एसबीआई के तत्कालीन मैनेजर और मेसर्स भानु कंस्ट्रक्शन फर्म के बिल्डर संजय कुमार तिवारी की भूमिका संदेहास्पद पाई गई


Conclusion:जांच के उपरांत एसबीआई के वरीय अधिकारी अमूल्य रॉय ने घटना का समर्थन करते हुए अभियोजन कि स्वीकृति प्रदान की जिसके बाद बैंक की ओर से सीबीआई को जांच के लिए पत्र लिखा गया था। अदालत ने संज्ञान लेते हुए एसबीआई के तत्कालीन मैनेजर अनिल उरांव और मेंसर्स भानु करेक्शन फार्म के बिल्डर संजय कुमार तिवारी को 25 जुलाई को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया
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