रांची: झारखंड में सत्ता में भागीदार होने के बावजूद कांग्रेस खुद को जनता और जनसमस्याओं के निदान के प्रति गंभीर होने की बात कहती है. समय-समय पर कांग्रेस ऐसी घोषणाएं भी करती रही है, जिससे यह लगता है कि वह जनता और कार्यकर्ताओं की चिंता करने वाली पार्टी है. ऐसे में पहले कांग्रेस ने महीने के हर शनिवार को कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की जनता दरबार लगाने की घोषणा हुई. शुरुआती दिनों में कुछ सप्ताह तक मंत्रियों का जनता दरबार लगा भी, फिर यह बंद हो गया. वह तब जब मंत्री राजधानी में ही उपस्थित थे.
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प्रदेश प्रभारी के स्पष्ट आदेश और मंत्रियों के रांची में मौजूद रहने के बावजूद प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार नहीं लगता है. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने सत्याग्रह यात्रा के बाद प्रदेश कांग्रेस के सभी जिला कांग्रेस कार्यालय में तथा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में शिकायत सह सलाह पेटी लगाने का निर्देश दिए थे. प्रदेश कार्यालय में शिकायत सह सलाह पेटी लगी भी, लेकिन शिकायत पेटी के एक महीने बीत जाने के बावजूद प्रदेश कार्यालय की शिकायत पेटी खाली है.
शिकायत पेटी को लेकर उत्सुकता नहीं: झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि शिकायत पेटी में शिकायत या सलाह नहीं मिल रहा है.कुछ जिलों के पार्टी कार्यालय में लगाई गई शिकायत पेटी में जन समस्याएं मिली है, उसे दूर भी कराया गया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने माना कि प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में अभी तक एक भी शिकायत या सलाह उन्हें शिकायत पेटी के माध्यम से नहीं मिली है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश कार्यालय में लोगों की शिकायत यहां के पार्टी पदाधिकारी से मिलकर ही सुलझ जाती है, ऐसे में मामला पेटी तक नहीं पहुंचता. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मंत्रियों के जनता दरबार भी नहीं लगने के सवाल को टालते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पिछले दिनों पार्टी एक्टिविटी पूरे प्रदेश में चल रही थी. लिहाजा प्रदेश कार्यालय में मंत्रियों का जनता दरबार नहीं लगा. उन्होंने कहा कि अन्य तरीकों से हमारे सभी मंत्री जन समस्याओं को दूर करने के प्रति सजग रहे हैं.