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रिटायरमेंट से पहले रांची के सिविल सर्जन ने बड़ी संख्या में की ट्रांसफर पोस्टिंग, विवाद होते ही वापस लिया फैसला - Jharkhand News

रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने अपनी रिटायरमेंट से पहले बड़ी संख्या में जिला के स्वास्थ्यकर्मियों के तबादले का आदेश जारी किया था. जिस पर कई खामियों को देखते हुए स्वास्थ्यकर्मियों ने नाराजगी जताई. उसके बाद सिविल सर्जन को आदेश रद्द करना पड़ा. हालांकि सिविल सर्जन ने अपने आदेश में कोई खामियां स्वीकार नहीं की है.

Ranchi Civil Surgeon
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Published : Jul 23, 2022, 6:40 PM IST

रांची: सरकारी महकमों में भले ही कर्मचारियों का तबादला एक सामान्य प्रक्रिया हो लेकिन, कई बार तबादला विवादों में आ जाता है. 7 जुलाई 2022 को रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार की अध्यक्षता में बनी पांच सदस्यीय स्थापना समिति ने बड़ी संख्या में रांची जिला के स्वास्थ्यकर्मियों के तबादले के प्रस्ताव को सहमति दे दी और कार्यालय से आदेश भी निकल गए. जब लिस्ट जारी हुआ तो वह विवादों में आ गया और फिर सिविल सर्जन ने अपने ही हस्ताक्षर से जारी तबादले के आदेश को फिर वापस ले लिया.

इसे भी पढ़े: झारखंड स्वास्थ्य विभाग के रडार पर क्यों हैं राज्य के 176 सरकारी डॉक्टर्स, जानिए वजह

इन बातों पर आपत्ति: दरअसल, रांची के सिविल सर्जन अगले महीने खुद सेवानिवृत होने वाले हैं. रिटायरमेंट से चंद दिन पहले उनके द्वारा की गई बड़ी संख्या में तबादले को नैतिक रूप से सही नहीं माना जा रहा है. सदर अस्पताल के डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ भी दबी जुबान से कह रहे हैं कि जिले के स्वास्थ्यकर्मियों के तबादले का काम वर्तमान सिविल सर्जन को अपने बाद आने वाले सिविल सर्जन पर छोड़ देना चाहिए था.

देखें पूरी खबर

तबादले में कई खामियां: रांची के सिविल सर्जन द्वारा किये गए तबादले में कई खामियां है. उदाहरण के लिए सदर अस्पताल में स्टोर लिपिक का काम देख रहे अरविंद पासवान नवंबर महीने में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनका तबादला तो नहीं किया गया है लेकिन, उनके रिटायर होते ही कौन उनका पद संभालेगा यह चार महीने पहले ही तय कर दिया गया. ऐसे कई मामलों के प्रकाश में आते ही जिले के स्वास्थ्यकर्मियों में नाराजगी और आक्रोश बढ़ता देख सिविल सर्जन ने तबादले की पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दी.

सिविल सर्जन ने कहा विवाद से बचने के लिए रद्द करना पड़ा आदेश: जिला स्वास्थ्य की स्थापना कमेटी के सदस्य और सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एके खेतान कहते हैं कि कुछ तकनीकी खामियों के कारण तबादला रद्द हुआ होगा. वहीं सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने कहा कि प्रक्रिया में कोई गलती नहीं होने के बावजूद विवाद से बचने के लिए ट्रांसफर पोस्टिंग की पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है.

रांची: सरकारी महकमों में भले ही कर्मचारियों का तबादला एक सामान्य प्रक्रिया हो लेकिन, कई बार तबादला विवादों में आ जाता है. 7 जुलाई 2022 को रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार की अध्यक्षता में बनी पांच सदस्यीय स्थापना समिति ने बड़ी संख्या में रांची जिला के स्वास्थ्यकर्मियों के तबादले के प्रस्ताव को सहमति दे दी और कार्यालय से आदेश भी निकल गए. जब लिस्ट जारी हुआ तो वह विवादों में आ गया और फिर सिविल सर्जन ने अपने ही हस्ताक्षर से जारी तबादले के आदेश को फिर वापस ले लिया.

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इन बातों पर आपत्ति: दरअसल, रांची के सिविल सर्जन अगले महीने खुद सेवानिवृत होने वाले हैं. रिटायरमेंट से चंद दिन पहले उनके द्वारा की गई बड़ी संख्या में तबादले को नैतिक रूप से सही नहीं माना जा रहा है. सदर अस्पताल के डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ भी दबी जुबान से कह रहे हैं कि जिले के स्वास्थ्यकर्मियों के तबादले का काम वर्तमान सिविल सर्जन को अपने बाद आने वाले सिविल सर्जन पर छोड़ देना चाहिए था.

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तबादले में कई खामियां: रांची के सिविल सर्जन द्वारा किये गए तबादले में कई खामियां है. उदाहरण के लिए सदर अस्पताल में स्टोर लिपिक का काम देख रहे अरविंद पासवान नवंबर महीने में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनका तबादला तो नहीं किया गया है लेकिन, उनके रिटायर होते ही कौन उनका पद संभालेगा यह चार महीने पहले ही तय कर दिया गया. ऐसे कई मामलों के प्रकाश में आते ही जिले के स्वास्थ्यकर्मियों में नाराजगी और आक्रोश बढ़ता देख सिविल सर्जन ने तबादले की पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दी.

सिविल सर्जन ने कहा विवाद से बचने के लिए रद्द करना पड़ा आदेश: जिला स्वास्थ्य की स्थापना कमेटी के सदस्य और सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एके खेतान कहते हैं कि कुछ तकनीकी खामियों के कारण तबादला रद्द हुआ होगा. वहीं सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने कहा कि प्रक्रिया में कोई गलती नहीं होने के बावजूद विवाद से बचने के लिए ट्रांसफर पोस्टिंग की पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है.

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