रांची: अलकतरा घोटाला से जुड़े 2 अलग-अलग मामले में गुरुवार को सीबीआई के विशेष जज दिवाकर पांडेय की अदालत ने ठेकेदार और इंजीनियर सहित 6 को दोषी करार देते हुए 3-3 साल की जेल और 3.80 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है.
अलकतरा घोटाला मामले पर सीबीआई की विशेष अदालत में मामले की सुनवाई हुई. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश दिवाकर पांडे ने अलकतरा घोटाले के 2 अलग-अलग मामलों में ठेकेदार और इंजीनियर को 3-3 साल की सजा सुनाई है. साथ ही लाखों रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर 6 माह की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. सीबीआई के विशेष अदालत ने आरसी 17ए/ 2009 और आरसी 15ए/2009 में अभियुक्तों को सजा सुनाई है.
सीबीआई की विशेष अदालत ने आरसी 15ए/2009 के अभियुक्तों को धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के खिलाफ दोषी करार दिया है. अदालत ने इस मामले में ठेकेदार उमा चरण प्रसाद को 3 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 1 लाख का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने सहायक अभियंता सुरेंद्र प्रकाश और कनीय अभियंता ओंकार प्रसाद गुप्ता को 3- 3 साल की सजा सुनाई है. वहीं, सहायक अभियंता पर 1. 60 लाख और कनीय अभियंता पर 1.20 लाख का जुर्माना लगाया है.
इसे भी पढ़ें- 'अगर मैं सीएम होता' छात्र-छात्राओं के बिंदास बोल
अलकतरा घोटाले के इस मामले में ठेकेदार ने सुनियोजित साजिश के तहत 56.60 एमटी अलकतरा खरीद का फर्जी दस्तावेज तैयार किया था. साजिश में शामिल इंजीनियरों ने फर्जी दस्तावेज को आधार बनाकर 3.75 लाख रुपए का भुगतान किया था. सीबीआई की विशेष अदालत ने आरसी 17ए/ 2009 में ठेकेदार उपेंद्र प्रसाद को 3 साल की सजा दी है. साथ ही 1 लाख का जुर्माना लगाया है. वहीं, इस मामले में सहायक अभियंता सुरेंद्र प्रसाद और कनीय अभियंता विंध्याचल सिंह को 3-3 साल की सजा दी है. साथ ही इस मामले में इंजीनियरों पर 1.20-1.20 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. घोटाले के इस मामले में सुनियोजित साजिश के तहत फर्जी दस्तावेज के आधार पर ठेकेदार को 61.81 एमटी अलकतरा के बदले 3.75 लाख रुपए का भुगतान किया गया था.