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रांचीः 10 साल पुराने अलकतरा घोटाले मामले में हुई सुनवाई, इंजीनियर समेत 6 दोषी करार

अलकतरा घोटाला से जुड़े मामलों पर रांची सिविल कोर्ट में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश दिवाकर पांडेय की अदालत में इंजीनियर और ठेकेदार समेत 6 लोगों को दोषी करार दिया गया है. सभी को 3-3 साल की जेल और 3.80 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है. वहीं, जुर्माना नहीं देने पर 6 महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.

Ranchi civil court gave verdict in Alkatara scam case
रांची सिविल कोर्ट
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Published : Nov 29, 2019, 1:05 PM IST

रांची: अलकतरा घोटाला से जुड़े 2 अलग-अलग मामले में गुरुवार को सीबीआई के विशेष जज दिवाकर पांडेय की अदालत ने ठेकेदार और इंजीनियर सहित 6 को दोषी करार देते हुए 3-3 साल की जेल और 3.80 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है.

देखें पूरी खबर

अलकतरा घोटाला मामले पर सीबीआई की विशेष अदालत में मामले की सुनवाई हुई. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश दिवाकर पांडे ने अलकतरा घोटाले के 2 अलग-अलग मामलों में ठेकेदार और इंजीनियर को 3-3 साल की सजा सुनाई है. साथ ही लाखों रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर 6 माह की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. सीबीआई के विशेष अदालत ने आरसी 17ए/ 2009 और आरसी 15ए/2009 में अभियुक्तों को सजा सुनाई है.

सीबीआई की विशेष अदालत ने आरसी 15ए/2009 के अभियुक्तों को धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के खिलाफ दोषी करार दिया है. अदालत ने इस मामले में ठेकेदार उमा चरण प्रसाद को 3 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 1 लाख का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने सहायक अभियंता सुरेंद्र प्रकाश और कनीय अभियंता ओंकार प्रसाद गुप्ता को 3- 3 साल की सजा सुनाई है. वहीं, सहायक अभियंता पर 1. 60 लाख और कनीय अभियंता पर 1.20 लाख का जुर्माना लगाया है.

इसे भी पढ़ें- 'अगर मैं सीएम होता' छात्र-छात्राओं के बिंदास बोल

अलकतरा घोटाले के इस मामले में ठेकेदार ने सुनियोजित साजिश के तहत 56.60 एमटी अलकतरा खरीद का फर्जी दस्तावेज तैयार किया था. साजिश में शामिल इंजीनियरों ने फर्जी दस्तावेज को आधार बनाकर 3.75 लाख रुपए का भुगतान किया था. सीबीआई की विशेष अदालत ने आरसी 17ए/ 2009 में ठेकेदार उपेंद्र प्रसाद को 3 साल की सजा दी है. साथ ही 1 लाख का जुर्माना लगाया है. वहीं, इस मामले में सहायक अभियंता सुरेंद्र प्रसाद और कनीय अभियंता विंध्याचल सिंह को 3-3 साल की सजा दी है. साथ ही इस मामले में इंजीनियरों पर 1.20-1.20 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. घोटाले के इस मामले में सुनियोजित साजिश के तहत फर्जी दस्तावेज के आधार पर ठेकेदार को 61.81 एमटी अलकतरा के बदले 3.75 लाख रुपए का भुगतान किया गया था.

रांची: अलकतरा घोटाला से जुड़े 2 अलग-अलग मामले में गुरुवार को सीबीआई के विशेष जज दिवाकर पांडेय की अदालत ने ठेकेदार और इंजीनियर सहित 6 को दोषी करार देते हुए 3-3 साल की जेल और 3.80 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है.

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अलकतरा घोटाला मामले पर सीबीआई की विशेष अदालत में मामले की सुनवाई हुई. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश दिवाकर पांडे ने अलकतरा घोटाले के 2 अलग-अलग मामलों में ठेकेदार और इंजीनियर को 3-3 साल की सजा सुनाई है. साथ ही लाखों रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर 6 माह की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. सीबीआई के विशेष अदालत ने आरसी 17ए/ 2009 और आरसी 15ए/2009 में अभियुक्तों को सजा सुनाई है.

सीबीआई की विशेष अदालत ने आरसी 15ए/2009 के अभियुक्तों को धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के खिलाफ दोषी करार दिया है. अदालत ने इस मामले में ठेकेदार उमा चरण प्रसाद को 3 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 1 लाख का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने सहायक अभियंता सुरेंद्र प्रकाश और कनीय अभियंता ओंकार प्रसाद गुप्ता को 3- 3 साल की सजा सुनाई है. वहीं, सहायक अभियंता पर 1. 60 लाख और कनीय अभियंता पर 1.20 लाख का जुर्माना लगाया है.

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अलकतरा घोटाले के इस मामले में ठेकेदार ने सुनियोजित साजिश के तहत 56.60 एमटी अलकतरा खरीद का फर्जी दस्तावेज तैयार किया था. साजिश में शामिल इंजीनियरों ने फर्जी दस्तावेज को आधार बनाकर 3.75 लाख रुपए का भुगतान किया था. सीबीआई की विशेष अदालत ने आरसी 17ए/ 2009 में ठेकेदार उपेंद्र प्रसाद को 3 साल की सजा दी है. साथ ही 1 लाख का जुर्माना लगाया है. वहीं, इस मामले में सहायक अभियंता सुरेंद्र प्रसाद और कनीय अभियंता विंध्याचल सिंह को 3-3 साल की सजा दी है. साथ ही इस मामले में इंजीनियरों पर 1.20-1.20 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. घोटाले के इस मामले में सुनियोजित साजिश के तहत फर्जी दस्तावेज के आधार पर ठेकेदार को 61.81 एमटी अलकतरा के बदले 3.75 लाख रुपए का भुगतान किया गया था.

Intro:रांची

अलकतरा घोटाला मामले पर रांची सिविल कोर्ट स्थित सीबीआई कोर्ट में अलकतरा घोटाला मामले की सुनवाई हुई सीबीआई के विशेष न्यायाधीश दिवाकर पांडे ने अलकतरा घोटाले के दो मामले में ठेकेदार और इंजीनियर को 3-3 साल की सजा सुनाई है साथ ही 1 लाख से 1.60 रुपए तक का दंड भी लगा है। जुर्माने की राशि नहीं देने पर 6 माह की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने आरसी 17ए/ 2009 और आरसी 15ए/2009 में अभियुक्तों को सजा सुनाई है अदालत ने आरसी 15ए/2009 के अभियुक्तों को धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के खिलाफ दोषी करार दिया है अदालत ने इस मामले में ठेकेदार उमा चरण प्रसाद को 3 साल की सजा सुनाई है साथ ही 1 लाख का जुर्माना भी लगा है अदालत ने सहायक अभियंता सुरेंद्र प्रकाश और कन्या अभियंता ओंकार प्रसाद गुप्ता को 3- 3 साल की सजा सुनाई है वहीं सहायक अभियंता पर 1. 60 लाख और कन्या अभियंता पर 1.20 लाख का जुर्माना लगा है


Body:अलकतरा घोटाले की इस मामले में ठेकेदार ने सुनियोजित साजिश के तहत 56.60एमटी अलकतरा खरीद का फर्जी दस्तावेज तैयार किया साजिश में शामिल इंजीनियरों ने फर्जी दस्तावेज को आधार बनाकर 3.75 लाख रुपए का भुगतान किया। अदालत नहीं आरसी 17ए/ 2009 में ठेकेदार उपेंद्र प्रसाद को 3 साल की सजा दी है साथ ही 1 लाख का जुर्माना लगाया है वहीं इस मामले में सहायक अभियंता सुरेंद्र प्रसाद और कनीय अभियंता विद्यांचल सिंह को तीन-तीन साल की सजा दी है इंजीनियरों पर 1.20- 1.20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है घोटाले के इस मामले में सुनियोजित साजिश के तहत फर्जी दस्तावेज के आधार पर ठेकेदार को 61.81 एमटी अलकतरा के बदले 3.75 लाख रुपए का भुगतान किया गया था


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