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रामगढ़ में मुकाबला यूपीए बनाम एनडीए होने के आसार, कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड देख टेंशन में बीजेपी-आजसू! - उपचुनाव में कांग्रेस का रिकॉर्ड

रामगढ़ उपचुनाव को लेकर एक बार फिर से झारखंड की राजनीति गर्म हो गई है. दिल्ली से रांची और रांची से रामगढ़ नेताओं का दौरा तेज हो गया है. इस बीच सभी गुणा-गणित जोड़ रहे हैं. किसका पलड़ा भारी है, किसके जितने का चांस अधिक है. ऐसे में पिछले ट्रैक रिकॉर्ड का रोल अहम हो जाता है. ऐसे में आज बात करते हैं झारखंड में कांग्रेस का उपचुनाव में कैसा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है.

Congress record in by elections
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Published : Jan 21, 2023, 10:00 PM IST

देखें स्पेशल रिपोर्ट

रांची: झारखंड की राजनीति में अगर उपचुनाव की बात करें तो कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड सभी पार्टियों से सबसे बेहतरीन है. 8 सालों में राज्य में कुल 5 उप चुनाव हुए और इन सभी उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 2015 में लोहरदगा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ इस उपचुनाव में सुखदेव भगत ने कमल किशोर भगत की पत्नी और आजसू उम्मीदवार को हरा कर यह सीट कांग्रेस के खाते में डाली. बात 2016 की करें तो पांकी विधानसभा उपचुनाव में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू ने यहां से जीत दर्ज की.

ये भी पढ़ें- रामगढ़ उपचुनाव में आजसू उतारेगा कैंडिडेट? जानिए लंबोदर महतो ने क्या कहा

साल 2018 में कोलेबिरा सीट भी कांग्रेस के खाते में गई थी, जहां पर नमन बिक्सल कोंगाड़ी ने जीत हासिल की थी. साल 2020 में बेरमो में कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह के निधन के बाद उपचुनाव हुआ जहां उनके बेटे अनूप सिंह को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने जीत दर्ज की. 2022 में मांडर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस ने जीत दर्ज की. बंधु तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की ने भाजपा की उम्मीदवार को हरा करके जीत दर्ज की.

मामला साफ है कि झारखंड बंटवारे के बाद अगर उपचुनाव की बात करें तो उसमें ट्रैक रिकॉर्ड देखा जाए तो कांग्रेस का बेहतरीन रिकॉर्ड है. ऐसे में रामगढ़ में होने वाले उपचुनाव में बीजेपी के लिए चिंता और चुनौती दोनों बड़ी इसलिए है कि रामगढ़ सीट पर कांग्रेस का कब्जा था. गोला गोली कांड के बाद सदस्यता रद्द हुई तो यह सीट खाली हुई है. हालांकि यहां से आजसू के उम्मीदवार देने की बात चल रही है, लेकिन कांग्रेस का जिस तरीके से उपचुनाव का ट्रैक रिकॉर्ड है आजसू और बीजेपी के लिए चुनौती बड़ी है. अब देखना है जनता का जनमत जाता किधर है. कांग्रेस अपना ट्रैक रिकॉर्ड को बचा पाती है या फिर एनडीए उसे तोड़ती है और नया इतिहास रचती है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

रांची: झारखंड की राजनीति में अगर उपचुनाव की बात करें तो कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड सभी पार्टियों से सबसे बेहतरीन है. 8 सालों में राज्य में कुल 5 उप चुनाव हुए और इन सभी उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 2015 में लोहरदगा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ इस उपचुनाव में सुखदेव भगत ने कमल किशोर भगत की पत्नी और आजसू उम्मीदवार को हरा कर यह सीट कांग्रेस के खाते में डाली. बात 2016 की करें तो पांकी विधानसभा उपचुनाव में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू ने यहां से जीत दर्ज की.

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साल 2018 में कोलेबिरा सीट भी कांग्रेस के खाते में गई थी, जहां पर नमन बिक्सल कोंगाड़ी ने जीत हासिल की थी. साल 2020 में बेरमो में कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह के निधन के बाद उपचुनाव हुआ जहां उनके बेटे अनूप सिंह को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने जीत दर्ज की. 2022 में मांडर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस ने जीत दर्ज की. बंधु तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की ने भाजपा की उम्मीदवार को हरा करके जीत दर्ज की.

मामला साफ है कि झारखंड बंटवारे के बाद अगर उपचुनाव की बात करें तो उसमें ट्रैक रिकॉर्ड देखा जाए तो कांग्रेस का बेहतरीन रिकॉर्ड है. ऐसे में रामगढ़ में होने वाले उपचुनाव में बीजेपी के लिए चिंता और चुनौती दोनों बड़ी इसलिए है कि रामगढ़ सीट पर कांग्रेस का कब्जा था. गोला गोली कांड के बाद सदस्यता रद्द हुई तो यह सीट खाली हुई है. हालांकि यहां से आजसू के उम्मीदवार देने की बात चल रही है, लेकिन कांग्रेस का जिस तरीके से उपचुनाव का ट्रैक रिकॉर्ड है आजसू और बीजेपी के लिए चुनौती बड़ी है. अब देखना है जनता का जनमत जाता किधर है. कांग्रेस अपना ट्रैक रिकॉर्ड को बचा पाती है या फिर एनडीए उसे तोड़ती है और नया इतिहास रचती है.

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