रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और राज्य के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय, आरबीआई और राज्य सरकार के बीच त्रिपक्षीय एकरारनामा को पार्टी उचित नहीं मानती है, इसलिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में जनहित के लिए इस त्रिपक्षीय समझौते से अलग होने का फैसला लिया गया है.
केंद्र सरकार ने पैसा देने में की कटौती
रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 15वें वित्त आयोग के तहत अनुसूचित जनजाति, छात्रवृत्ति, महिलाओं के उत्थान, राज्य की विभिन्न योजनाओं की राशि के काटे जाने से राज्य का हर वर्ग प्रभावित हो रहा था, राज्य सरकार का पैसा जो केंद्र सरकार के पास बकाया है वह भी नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि डीवीसी हमारा पैसा लेकर कोल कंपनियों को देती है, लेकिन कोल कंपनी जिनके ऊपर झारखंड सरकार का हजारों करोड़ रुपए बकाया है, वह झारखंड की सरकार को नहीं दे रही है. विभिन्न राज्यों पर डीवीसी का हजारों करोड़ रुपये बकाया है, जिसका भुगतान नहीं किया जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार दूसरे राज्यों के मामले में खामोश है. डीवीसी और केंद्र सरकार की सुनियोजित साजिश के तहत झारखंड के वेलफेयर के मार्ग को अवरुद्ध किया जा रहा है.
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फुल प्रूफ बनाई गई जेपीएससी नियुक्ति प्रक्रिया नियमावली
वहीं उन्होंने कहा कि जेपीएससी नियुक्ति प्रक्रिया नियमावली में किया गया संशोधन फुल प्रूफ है. जेपीएससी के तहत हर साल नौकरी का मार्ग प्रशस्त होगा और बार-बार केस होने की भी उम्मीद नहीं के बराबर होगी. झारखंड के बच्चों को रोजगार मिलेगा, साथ ही सुचारु रूप से नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ होगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी के ओर से बनाई गई नियमावली कमजोर थी, जिसके कारण परीक्षाएं भी बाधित होती थीं और बच्चों का भविष्य सफर कर रहा था.