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हड़ताल पर बैठे संविदा सहायक प्राध्यापकों की हालत बिगड़ी, समर्थन में आए रामेश्वर उरांव - रामेश्वर उरांव

रांची में राजभवन के समीप 18 अक्टूबर से भूख हड़ताल पर बैठे घंटी आधारित संविदा सहायक प्राध्यापकों में से कई की हालत अब खराब होने लगी है. कइयों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनते समर्थन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव भी उतर गए हैं. इन प्रोफेसरों से मिलने परामेश्वर उरांव ने इस दौरान रघुवर सरकार पर जमकर हमला बोला.

धरने पर बैठे प्रोफेसर
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Published : Oct 20, 2019, 7:00 PM IST

रांची: राज्य में विभिन्न शिक्षाकर्मियों की हड़ताल लगातार जारी है. 18 अक्टूबर से राजभवन के समीप राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालय के घंटी आधारित संविदा सहायक प्राध्यापक भी अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. इनके भूख हड़ताल का समर्थन करने रविवार को प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव भी राजभवन पहुंचे. इस दौरान उन्होंने रघुवर सरकार पर जमकर हमला बोला.

देखें पूरी खबर


रघुवर सरकार ने नहीं किया विकास
रामेश्वर उरांव ने कहा कि जिस तरह राज्य सरकार शिक्षा कर्मियों की मांगों की अनदेखी कर रही है, उसे देखते हुए राज्य में शिक्षण व्यवस्था का हाल समझा जा सकता है. वहीं, रघुवर सरकार ने वादा किया था कि उनके कार्यकाल में सबका विकास होगा. उन्होंने सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया था. लेकिन राज्य की हालत तो यही बताती है कि विकास किसी का नहीं हुआ.

ये भी पढ़ें: गोड्डा में डोभा में डूबने से बुजुर्ग की मौत, पूर्व विधायक ने कहा- सरकारी राशि का हो रहा दुरूपयोग


प्रोफेसर हुए अस्पताल में भर्ती
बता दें कि अपनी मांगों को लेकर राजभवन के समीप राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालय के घंटी आधारित संविदा सहायक प्राध्यापक दो दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. लेकिन इसके बाद भी उनकी सुध-बुध लेने कोई नहीं आया. ऐसे में हड़ताल में बैठे कई प्रोफेसरों की हालत नाजुक हो गई है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.

ये भी पढ़ें: RJD की जन आक्रोश रैली, तेजस्वी यादव के साथ मंच साझा करेंगे हेमंत सोरेन और रामेश्वर उरांव

समान काम, समान वेतन की मांग
राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में और अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत लगभग एक हजार घंटी आधारित संविदा सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति यूजीसी नियमावली के तहत कुलपति की अध्यक्षता में गठित चयन समिति ने सरकार के निर्देश पर किया है. हालांकि इनको नियमित करने को लेकर कई बार चर्चाएं भी उठी है लेकिन अब तक इन्हें नियमित नहीं किया गया है. इन शिक्षकों का कहना है कि समान काम और समान वेतन की जरूरत है तब ही शिक्षक सही तरीके से पठन-पाठन पर ध्यान दे पाएंगे. उनका कहना है कि अन्य सरकारी शिक्षकों से ज्यादा काम इनसे लिया जाता है. लेकिन घंटी आधारित वेतन दिया जा रहा है जबकि इन्हें नियमित शिक्षकों की तरह ही समय देना पड़ता है.

रांची: राज्य में विभिन्न शिक्षाकर्मियों की हड़ताल लगातार जारी है. 18 अक्टूबर से राजभवन के समीप राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालय के घंटी आधारित संविदा सहायक प्राध्यापक भी अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. इनके भूख हड़ताल का समर्थन करने रविवार को प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव भी राजभवन पहुंचे. इस दौरान उन्होंने रघुवर सरकार पर जमकर हमला बोला.

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रघुवर सरकार ने नहीं किया विकास
रामेश्वर उरांव ने कहा कि जिस तरह राज्य सरकार शिक्षा कर्मियों की मांगों की अनदेखी कर रही है, उसे देखते हुए राज्य में शिक्षण व्यवस्था का हाल समझा जा सकता है. वहीं, रघुवर सरकार ने वादा किया था कि उनके कार्यकाल में सबका विकास होगा. उन्होंने सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया था. लेकिन राज्य की हालत तो यही बताती है कि विकास किसी का नहीं हुआ.

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प्रोफेसर हुए अस्पताल में भर्ती
बता दें कि अपनी मांगों को लेकर राजभवन के समीप राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालय के घंटी आधारित संविदा सहायक प्राध्यापक दो दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. लेकिन इसके बाद भी उनकी सुध-बुध लेने कोई नहीं आया. ऐसे में हड़ताल में बैठे कई प्रोफेसरों की हालत नाजुक हो गई है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.

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समान काम, समान वेतन की मांग
राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में और अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत लगभग एक हजार घंटी आधारित संविदा सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति यूजीसी नियमावली के तहत कुलपति की अध्यक्षता में गठित चयन समिति ने सरकार के निर्देश पर किया है. हालांकि इनको नियमित करने को लेकर कई बार चर्चाएं भी उठी है लेकिन अब तक इन्हें नियमित नहीं किया गया है. इन शिक्षकों का कहना है कि समान काम और समान वेतन की जरूरत है तब ही शिक्षक सही तरीके से पठन-पाठन पर ध्यान दे पाएंगे. उनका कहना है कि अन्य सरकारी शिक्षकों से ज्यादा काम इनसे लिया जाता है. लेकिन घंटी आधारित वेतन दिया जा रहा है जबकि इन्हें नियमित शिक्षकों की तरह ही समय देना पड़ता है.

Intro:रांची।

18 अक्टूबर से राज भवन के समीप राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालय के घंटी आधारित संविदा सहायक प्रध्यापक भूख हड़ताल पर बैठे हैं और इसकी वजह से कई असिस्टेंट प्रोफेसर की हालत भी नाजुक हो गई है .इनके भूख हड़ताल का समर्थन करने और हाल-चाल जानने के उद्देश्य से प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव पहुंचे .इस दौरान उन्होंने रघुवर सरकार पर जमकर हमला बोला .वहीं शिक्षकों ने भी राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाया है.


Body:दरअसल राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में और अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत लगभग एक हजार घण्टी आधारित संविदा सहायक प्रोफेसर जिनकी नियुक्ति यूजीसी नियमावली के तहत कुलपति की अध्यक्षता में गठित चयन समिति के द्वारा सरकार के निर्देश पर किया गया है. हालांकि इनको नियमित करने को लेकर कई बार चर्चाएं भी उठी है .लेकिन अब तक इन्हें नियमित नहीं किया गया है .इन शिक्षकों का कहना है कि समान काम और समान वेतन की जरूरत है तब ही शिक्षक सही तरीके से पठन-पाठन पर ध्यान दे पाएंगे .अन्य सरकारी शिक्षकों से ज्यादा इन से काम लिया जाता है. लेकिन घंटी आधारित वेतन दिया जा रहा है .जबकि कॉलेज और विश्वविद्यालयों में इन्हें नियमित शिक्षकों की तरह ही समय देना पड़ता है. नियमितीकरण की मांग को लेकर एक बार फिर इन शिक्षकों ने आंदोलन को तेज किया है और राजभवन के समक्ष लगातार भूख हड़ताल कर रहे हैं.


Conclusion:लगातार भूख हड़ताल की वजह से कई असिस्टेंट प्रोफेसर की हालत नाजुक हो चुकी है .अस्पताल में भी भर्ती करवाया जा रहा है .रविवार को इन प्रोफेसर से मुलाकात करने प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव पहुंचे और राज्य सरकार के साथ-साथ शिक्षा विभाग पर हमला बोला .वहीं शिक्षकों ने भी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाया है.

बाइट- रामेश्वर उरांव, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

बाइट- संजय कुमार झा, प्रदेश संरक्षक, झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ
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