रांचीः कृतज्ञ देश आज यानी 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मना रहा है. यह सम्मान उस व्यक्ति के लिए है जिसने 1893 के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में भारत के प्रति दुनिया का नजरिया बदल दिया. भारत की सेवा और सभ्यता को नई पहचान दिलाई. हम बात कर रहे हैं युवा संन्यासी स्वामी विवेकानंद की. इन्हीं द्वारा स्थापित रामकृष्ण मिशन आश्रम की एक शाखा रांची के मोरहाबाद से लोगों को सेवा और समाज के प्रति सोच के नए मायने सिखा रही है.
स्वरोजगार का प्रशिक्षण भी दे रहा संस्थान
मोरहाबाद में रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी भावेशानंद बताते हैं कि यहां आश्रम की स्थापना महज 2 एकड़ भूमि पर की गई थी. अब इस संस्थान की कई शाखाएं समाज के कल्याण में अपना योगदान दे रहीं हैं. चाहे खेती किसानी को बढ़ावा देने के लिए कृषि विज्ञान प्रशिक्षण संस्थान हो या लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 1969 में शुरू किया गया दिव्यायन हो. आश्रम की ओर से संचालित स्कूल, कॉलेज यूनिवर्सिटी हों सभी गरीबों के लिए सहारा बनीं हैं. यहां बच्चों और युवाओं को आधुनिक ज्ञान के साथ-साथ नैतिक शिक्षा की डोर भी पकड़ाई जा रही है.
अस्पताल गरीबों का बड़ा सहारा
रांची में रामकृष्ण मिशन का चैरिटेबल अस्पताल स्थानीय लोगों का बड़ा सहारा है. जब बड़े अस्पतालों में परामर्श शल्क सैकड़ों में होता है, यहां महज 10 रुपये में लोगों को चिकित्सा सुविधा दी जाती है . इतना ही नहीं जांच के बाद निशुल्क दवा भी दी जाती है. संस्था की ओर से समय-समय पर सुदूरवर्ती गांवों में निशुल्क मेडिकल कैंप भी लगाए जाते हैं. वहीं बच्चों की शिक्षा के लिए संस्थान की ओर से लाइब्रेरी की व्यवस्था की गई है, ताकि गरीब बच्चों को भी पढ़ाई में कोई दिक्कत न आए. यहां इलाज के लिए आईं महिलाओं ने बताया कि निजी क्लीनिक में एक बार के परामर्श के ही 500 रुपये से अधिक इलाज के लिए लग जाते हैं, दवा का खर्च भी काफी होता है. इसलिए यहां इलाज से हमें काफी सहूलियत मिलती है.
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लाइब्रेरी में धर्म से लेकर प्रतियोगी परीक्षा तक की पुस्तक
1927 में मोरहाबादी इलाके में स्थापित रामकृष्ण मिशन की शाखा आज पूरे प्रदेश में निस्वार्थ सेवा की मिसाल बनी हुई है. आश्रम की लाइब्रेरी में पुस्तकालयाध्यक्ष शिव नारायण साहा का कहना है कि स्वामी विशुद्धानंद महाराज की ओर से स्थापित संस्थान स्वामी विवेकानंद के बताए रास्ते पर चलकर रांची में समाज कल्याण में अपनी बड़ी भूमिका निभा रहा है. यहां हम प्रतियोगी परीक्षाओं से लेकर धर्म, संस्कृति तक की पुस्तकें उपलब्ध कराते हैं. कोई सदस्य किसी पुस्तक को पढ़ना चाहता है तो हम मंगा देते हैं.