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कोरोना गाइडलाइन से रामभक्त निराश, आखिर कैसे निकलेगा रामनवमी जुलूस?

आगामी 21 अप्रैल को रामनवमी है. इसको लेकर लोगों में उत्साह है. वहीं रांची में इस वर्ष रामनवमी में रामनवमी जुलूस नहीं निकाला जाएगा. जिसको लेकर महाबीर मंडल ने एक बैठक आयोजित की, जिसमें सरकार से अपने निर्णय पर पुर्नविचार करने की अपील की.

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कोरोना गाइडलाइन से रामभक्त निराश
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Published : Mar 27, 2021, 2:21 PM IST

रांचीः रामनवमी का त्योहार राजधानी सहित पूरे झारखंड में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हर वर्ष मनाया जाने वाला यह त्योहार भगवान श्रीराम के जन्म से जुड़ा हुआ है. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जी का जन्म हुआ था. त्रेता युग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने और धर्म की पुनः स्थापना के लिए भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्रीराम के रूप में अवतार लिया था. इस वर्ष रामनवमी 21 अप्रैल को है, लेकिन कोरोना के चलते इस वर्ष रामनवमी जुलूस नहीं निकलेगा. इसको लेकर महाबीर मंडल ने एक बैठक आयोजित की, जिसमें सरकार से अपने निर्णय पर पुर्नविचार करने की अपील की.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- रामनवमी और सरहुल जुलूस के प्रतिबंध पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने, बीजेपी के आरोप पर जेएमएम का पलटवार

रामभक्त बेहद ही निराश
राजधानी रांची में रामनवमी देश के अन्य हिस्सों से अलग रूप में मनाया जाता है, लेकिन इस बार रामनवमी जुलूस का वह नजारा देखने को नहीं मिलेगा. हर वर्ष महाबीर मंडल के बैनर तले रामनवमी जुलूस में शामिल होने वाले हजारों श्रद्धालु निराश हैं. कोरोना के कारण सरकार की ओर से जारी निर्देश के बाद रामभक्त बेहद ही निराश दिखे.


सरकार से पुनर्विचार करने की अपील
अपल बाजार में हुई महाबीर मंडल की बैठक में आए सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने पूरे विधि विधान के साथ रामनवमी पर्व मनाने का निर्णय लिया. इसके साथ ही सरकार से अपने निर्णय पर पुर्नविचार करने की अपील की. महाबीर मंडल की ओर से 30 मार्च से हर मंगलवार को सभी मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना और रामनवमी झंडा लगाने का निर्णय लिया गया. महाबीर मंडल के अध्यक्ष जयसिंह यादव ने कहा कि रामभक्त पूरे उत्साह में है.

रांचीः रामनवमी का त्योहार राजधानी सहित पूरे झारखंड में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हर वर्ष मनाया जाने वाला यह त्योहार भगवान श्रीराम के जन्म से जुड़ा हुआ है. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जी का जन्म हुआ था. त्रेता युग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने और धर्म की पुनः स्थापना के लिए भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्रीराम के रूप में अवतार लिया था. इस वर्ष रामनवमी 21 अप्रैल को है, लेकिन कोरोना के चलते इस वर्ष रामनवमी जुलूस नहीं निकलेगा. इसको लेकर महाबीर मंडल ने एक बैठक आयोजित की, जिसमें सरकार से अपने निर्णय पर पुर्नविचार करने की अपील की.

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रामभक्त बेहद ही निराश
राजधानी रांची में रामनवमी देश के अन्य हिस्सों से अलग रूप में मनाया जाता है, लेकिन इस बार रामनवमी जुलूस का वह नजारा देखने को नहीं मिलेगा. हर वर्ष महाबीर मंडल के बैनर तले रामनवमी जुलूस में शामिल होने वाले हजारों श्रद्धालु निराश हैं. कोरोना के कारण सरकार की ओर से जारी निर्देश के बाद रामभक्त बेहद ही निराश दिखे.


सरकार से पुनर्विचार करने की अपील
अपल बाजार में हुई महाबीर मंडल की बैठक में आए सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने पूरे विधि विधान के साथ रामनवमी पर्व मनाने का निर्णय लिया. इसके साथ ही सरकार से अपने निर्णय पर पुर्नविचार करने की अपील की. महाबीर मंडल की ओर से 30 मार्च से हर मंगलवार को सभी मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना और रामनवमी झंडा लगाने का निर्णय लिया गया. महाबीर मंडल के अध्यक्ष जयसिंह यादव ने कहा कि रामभक्त पूरे उत्साह में है.

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