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रोजगार का बेहतरीन साधन हो सकता है ओपेन सोर्स प्लेटफॉर्म परिवहन सेवा: महेश पोद्दार - रांची में आदिवासी युवाओं के लिए रोजगार

राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर सरकार आदिवासी युवाओं को अपने वाहन खरीदने के लिए सब्सिडी दे और ओला, उबर जैसी विभिन्न ओपेन सोर्स प्लेटफॉर्म परिवहन सेवा देने वाली कंपनियों के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें आदिवासी युवाओं को जोड़ने के लिए राजी करे. यह एक बड़ी उपलब्धि होगी.

rajya sabha mp mahesh poddar wrote letter to arjun munda in ranchi
राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार
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Published : Dec 22, 2020, 8:43 AM IST

Updated : Dec 22, 2020, 9:11 AM IST

रांचीः राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने सोमवार को कहा कि झारखंड के आदिवासी युवाओं को ओला, उबर, मेरु, रैपिडो ओपेन सोर्स प्लेफॉर्म परिवहन सेवा से जोड़कर बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है. अगर सरकार आदिवासी युवाओं को अपना वाहन खरीदने के लिए सब्सिडी दे और ओला, उबर जैसी विभिन्न ओपेन सोर्स प्लेटफॉर्म परिवहन सेवा देने वाली कंपनियों के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें आदिवासी युवाओं को जोड़ने के लिए राजी करे. यह एक बड़ी उपलब्धि होगी. उन्होंने इस आशय का एक पत्र भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को लिखा है.

आदिवासी युवाओं के लिए रोजगार
राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा है कि पिछले दिनों संसदीय गतिविधियों और नीति निर्धारण विषयक मामलों पर शोधपरक कार्य करने वाली संस्था 'स्वनीति' की ओर से आयोजित एक वेबिनार में उन्हें ओपेन सोर्स परिवहन सेवा क्षेत्र में आदिवासी युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने के अपार अवसरों के बारे में अवगत कराया. उन्होंने महसूस किया कि प्लेटफॉर्म-आधारित टैक्सी सेवाएं युवाओं के लिए एक मूल्यवान संपत्ति, आत्म सम्मान और नियमित आय का साधन उपलब्ध कराती हैं. भारत में एक उबर ड्राइवर की औसत आय 22,487 रुपये प्रतिमाह है, जो राष्ट्रीय औसत आय से काफी अधिक है.

युवाओं के लिए स्वर्णिम अवसर
महेश पोद्दार ने कहा है कि गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा और नौकरी बाजारों तक पहुंच से वंचित समुदाय के लिए आमदनी का यह अवसर एक बड़े सपने के साकार होने जैसा है. शहरी आधुनिक जीवन के प्रति आकर्षित आदिवासी युवाओं के लिए यह एक उत्कृष्ट अवसर है. साथ ही यह राज्य के उन युवाओं के लिए स्वर्णिम अवसर हो सकता है, जो अपने घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर देश के बड़े शहरों में मामूली तनख्वाह पर टैक्सी ड्राईवर की नौकरी करते है. फिलहाल कोरोना की वजह से अपने गांव लौटकर छोटी-मोटी नौकरी तलाश रहे हैं या दुबारा बड़े शहरों का रुख करने की सोच रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- हेमंत सरकार के एक साल, कहीं हुआ बेहतर तो किसी को आज भी आस

नए प्रयासों के लिए कमाने और बचाने का अवसर
राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि ओपेन सोर्स परिवहन सेवा क्षेत्र से जुड़ने पर आदिवासी युवाओं को सामाजिक सुरक्षा और नए श्रम कानूनों का लाभ भी प्राप्त होगा. उन्हें पेंशन, भविष्य निधि, मेडिकल इंश्योरेंस जैसे लाभ भी प्राप्त होंगे. शोषणकारी अनुबंध आधारित अन्य रोजगार की तुलना में यहां उनके हालात कहीं बेहतर होंगे. यह गरीब लेकिन मेधावी छात्रों को भविष्य में नए प्रयासों के लिए कमाने और बचाने का अवसर भी देगा.

यात्री वाहन उपलब्ध कराने का प्रयोग
वहीं राज्यसभा सांसद ने भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुण्डा को यह भी याद दिलाया है कि कैसे उन्होंने झारखंड सरकार के कल्याण मंत्री के रूप में 10-10 आदिवासी युवाओं के समूह को स्वाभिमान के साथ स्वरोजगार के लिए यात्री वाहन उपलब्ध कराने का अभिनव प्रयोग किया था. जो अत्यधिक सफल रहा था. ये अलग बात है कि कालान्तर में विविध कारणों से ये महात्वाकांक्षी योजना बाधित हो गई. उन्होंने कहा है कि अर्जुन मुण्डा के लिए भी यह अपने एक अधूरे स्वप्न को पूरा करने जैसा होगा.

रांचीः राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने सोमवार को कहा कि झारखंड के आदिवासी युवाओं को ओला, उबर, मेरु, रैपिडो ओपेन सोर्स प्लेफॉर्म परिवहन सेवा से जोड़कर बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है. अगर सरकार आदिवासी युवाओं को अपना वाहन खरीदने के लिए सब्सिडी दे और ओला, उबर जैसी विभिन्न ओपेन सोर्स प्लेटफॉर्म परिवहन सेवा देने वाली कंपनियों के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें आदिवासी युवाओं को जोड़ने के लिए राजी करे. यह एक बड़ी उपलब्धि होगी. उन्होंने इस आशय का एक पत्र भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को लिखा है.

आदिवासी युवाओं के लिए रोजगार
राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा है कि पिछले दिनों संसदीय गतिविधियों और नीति निर्धारण विषयक मामलों पर शोधपरक कार्य करने वाली संस्था 'स्वनीति' की ओर से आयोजित एक वेबिनार में उन्हें ओपेन सोर्स परिवहन सेवा क्षेत्र में आदिवासी युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने के अपार अवसरों के बारे में अवगत कराया. उन्होंने महसूस किया कि प्लेटफॉर्म-आधारित टैक्सी सेवाएं युवाओं के लिए एक मूल्यवान संपत्ति, आत्म सम्मान और नियमित आय का साधन उपलब्ध कराती हैं. भारत में एक उबर ड्राइवर की औसत आय 22,487 रुपये प्रतिमाह है, जो राष्ट्रीय औसत आय से काफी अधिक है.

युवाओं के लिए स्वर्णिम अवसर
महेश पोद्दार ने कहा है कि गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा और नौकरी बाजारों तक पहुंच से वंचित समुदाय के लिए आमदनी का यह अवसर एक बड़े सपने के साकार होने जैसा है. शहरी आधुनिक जीवन के प्रति आकर्षित आदिवासी युवाओं के लिए यह एक उत्कृष्ट अवसर है. साथ ही यह राज्य के उन युवाओं के लिए स्वर्णिम अवसर हो सकता है, जो अपने घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर देश के बड़े शहरों में मामूली तनख्वाह पर टैक्सी ड्राईवर की नौकरी करते है. फिलहाल कोरोना की वजह से अपने गांव लौटकर छोटी-मोटी नौकरी तलाश रहे हैं या दुबारा बड़े शहरों का रुख करने की सोच रहे हैं.

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नए प्रयासों के लिए कमाने और बचाने का अवसर
राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि ओपेन सोर्स परिवहन सेवा क्षेत्र से जुड़ने पर आदिवासी युवाओं को सामाजिक सुरक्षा और नए श्रम कानूनों का लाभ भी प्राप्त होगा. उन्हें पेंशन, भविष्य निधि, मेडिकल इंश्योरेंस जैसे लाभ भी प्राप्त होंगे. शोषणकारी अनुबंध आधारित अन्य रोजगार की तुलना में यहां उनके हालात कहीं बेहतर होंगे. यह गरीब लेकिन मेधावी छात्रों को भविष्य में नए प्रयासों के लिए कमाने और बचाने का अवसर भी देगा.

यात्री वाहन उपलब्ध कराने का प्रयोग
वहीं राज्यसभा सांसद ने भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुण्डा को यह भी याद दिलाया है कि कैसे उन्होंने झारखंड सरकार के कल्याण मंत्री के रूप में 10-10 आदिवासी युवाओं के समूह को स्वाभिमान के साथ स्वरोजगार के लिए यात्री वाहन उपलब्ध कराने का अभिनव प्रयोग किया था. जो अत्यधिक सफल रहा था. ये अलग बात है कि कालान्तर में विविध कारणों से ये महात्वाकांक्षी योजना बाधित हो गई. उन्होंने कहा है कि अर्जुन मुण्डा के लिए भी यह अपने एक अधूरे स्वप्न को पूरा करने जैसा होगा.

Last Updated : Dec 22, 2020, 9:11 AM IST
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