रांची: झारखंड विधानसभा में अमर बाउरी के रूप में नेता प्रतिपक्ष भले ही मिल गया हो, लेकिन इस मुद्दे पर सियासत अभी भी जारी है. शुक्रवार को आजसू के केंद्रीय कार्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री और पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने सत्ताधारी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोग बिना नेता प्रतिपक्ष के संसदीय व्यवस्था चलाना चाहते हैं. सुदेश महतो के इस आरोप का जवाब देते हुए झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि सुदेश महतो या तो चीजों को समझ नहीं रहे हैं या सहयोगी दल बीजेपी के दबाव में सत्ता में बैठे लोगों पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं.
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आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने कहा कि लगभग चार वर्षों तक राज्य की लोकतांत्रिक व्यवस्था बिना नेता प्रतिपक्ष के चली, इसके लिए झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टियां झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में पूरी संवैधानिक व्यवस्था खत्म हो रही है. मौजूदा सरकार के चार साल पूरे होने वाले हैं. अब जाकर सदन को नेता प्रतिपक्ष मिला है.
सुदेश महतो ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक दर्पण की तरह होते हैं जो व्यवस्था की कमियों और खामियों को दर्शाते हैं. सुदेश महतो ने कहा कि दुखद बात यह है कि विपक्ष की आवाज को कम करने के लिए सत्तासीन लोगों ने लगभग चार साल तक नेता प्रतिपक्ष नहीं बनने दिया.
राजेश ठाकुर ने किया पलटवार: आजसू सुप्रीमो द्वारा लगाए गए आरोप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि सुदेश महतो या तो पूरी बात समझ नहीं पा रहे हैं या फिर लोकतांत्रिक व्यवस्था उनकी समझ से परे है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष के लिए अमर बाउरी का सही नाम सामने आया तो बिना समय बर्बाद किये वह नेता प्रतिपक्ष बन गये.
राजेश ठाकुर ने कहा कि राज्य की सत्ताधारी पार्टियों पर आरोप लगाने से पहले सुदेश महतो को यह सोचना चाहिए था कि दल बदल कर आने वाले व्यक्ति बाबूलाल को भाजपा के विधायक तो अपना नेता मजबूरी में मान सकते थे लेकिन विधानसभा अध्यक्ष इसे कैसे स्वीकार कर सकते थे. राजेश ठाकुर ने कहा कि जब दलबदल का मामला विधानसभा न्यायाधिकरण में चल रहा है तो सुदेश महतो को समझना चाहिए कि विधानसभा अध्यक्ष उन्हें नेता प्रतिपक्ष के रूप में कैसे मान्यता देंगे? राजेश ठाकुर ने कहा कि या तो सुदेश महतो इन बातों को समझ नहीं रहे हैं या फिर बीजेपी को खुश करने के लिए इस तरह के अनर्गल बयान दे रहे हैं.
बिन विपक्षी नेता के क्यों था सदन?: दरअसल, झारखंड विकास मोर्चा के बीजेपी में विलय के बाद बीजेपी ने बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता मनोनीत किया था. लेकिन झाविमो के टिकट पर विधायक बने बाबूलाल मरांडी के दलबदल का मामला विधानसभा न्यायाधिकरण में भी चल रहा है. इसलिए स्पीकर ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता नहीं दी.