नई दिल्ली: झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने नव नियुक्त प्रभारी अविनाश पांडे के साथ राहुल गांधी से मुलाकात की. बैठक करीब 30 मिनट तक चली. इस दौरान पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार भी रहे मौजूद.
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झारखंड संगठन से जुड़े मुद्दों पर राजेश ठाकुर और अविनाश पांडे ने राहुल गांधी से चर्चा की. पूर्व प्रभारी आरपीएन सिंह के बीजेपी में जाने से पार्टी में टूट न हो जाए, इस पर भी चर्चा हुई. सूत्रों के अनुसार झारखंड कांग्रेस के 18 में से 7-8 विधायक आरपीएन के काफी करीबी हैं. राहुल ने पार्टी को एकजुट रखने की सलाह दी है.
अविनाश पांडे फरवरी के पहले सप्ताह में झारखंड का दौरा करेंगे. संगठन को और मजबूत बनाने के लिए मंत्र देंगे. झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा करेंगे. कांग्रेस के चुनावी एजेंडा पर कितना अमल हुआ, वह भी देखेंगे. महागठबंधन सरकार के दलों में बेहतर तालमेल हो उसको लेकर सीएम हेमंत से मिलेंगे. आरपीएन सिंह के बीजेपी में जाने के बाद कांग्रेस आला कमान ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अविनाश पांडे को झारखंड कांग्रेस प्रभारी बनाया है.
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आरपीएन सिंह के बीजेपी में जाने के बाद से इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि झारखंंड कांग्रेस में टूट हो सकती है. आरपीएन सिंह के करीबी माने जाने वाले प्रदीप यादव, बंधु तिर्की, इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला, ममता देवी, राजेश कच्छप और दीपिका पांडे सिंह का क्या स्टैंड होगा. आंकड़ों को देखें तो जेएमएम के 30, कांग्रेस के 16 + 2, आरजेडी के एक विधायक के समर्थन से सरकार चल रही है. इस लिहाज से सरकार में शामिल विधायकों की संख्या 49 है, जो मैजिक फिगर से 8 ज्यादा है. इसके अलावा एनसीपी और भाकपा माले के एक-एक विधायक का सरकार को बाहर से समर्थन प्राप्त है. इस लिहाज से अगर आरपीएन सिंह के साथ नजर आए 6 से 8 विधायक कोई स्टैंड लेते भी हैं तो इसका सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा.