रांची: राज्य के लोगों को रिम्स में इलाज कराने में अब और भी आसानी होगी. सरकार ने रिम्स में कई नई सुविधाएं दी हैं. राज्यवासियों को सौगात देने से पहले रघुवर दास ने रिम्स के सभी डॉक्टरों के साथ हाई लेवल मीटिंग की, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई.
23 करोड़ 82 लाख की लागत से निर्मित प्रशासनिक भवन, 64 करोड़ की लागत से निर्मित ट्रॉमा सेंटर और 89.70 लाख की लागत से छात्राओं के लिए निर्मित हॉस्टल का उद्घाटन किया गया. मरीजों के साथ रिम्स आने वाले परिजनों को परेशानी न हो इसके लिए रविवार को 245 बेड के विश्राम सदन की आधारशिला रखी गयी. 15 करोड़ की लागत से विश्राम सदन का निर्माण होगा. इसके निर्माण की अवधि 15 माह निर्धारित है.
लगभग189 करोड़ 70 लाख की योजनाओं का किया गया उद्घाटन
⦁ पॉवर ग्रिड द्वारा बनाए जा रहे पावर ग्रिड विश्राम सदन की लागत लगभग 15 करोड़ है, 4328 वर्ग मीटर के क्षेत्र में इस भवन का निर्माण किया जाएगा, 2020 तक राज्य के लोगों के लिए इसे तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है.
⦁ इसके अलावा ट्रॉमा सेंटर, इमरजेंसी, प्रशासनिक भवन और छात्रावास की कुल लागत लगभग189 करोड़ 70 लाख की बताई गई, जिसका रविवार को उद्घाटन कर रिम्स को सौंपा गया.
⦁ इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि रिम्स को जल्द ही एक अत्याधुनिक संसाधनों से लैस अस्पताल बनाना है, ताकि राज्य के लोगों को इसका ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके.
लोड शेडिंग हुई तो उपभोक्ता को मिलेगा हर्जाना
इस मौके पर केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का संकल्प है वन नेशन वन ग्रिड. 2014 से पूर्व बिजली से वंचित लोग सोचते थे कि क्या कभी उनके घरों तक बिजली पहुंचेगी. लेकिन 2014 के बाद निरंतर बिजली के क्षेत्र में कार्य हुए और बिजली से वंचित घर तक बिजली पहुंचाई गई. अब पूरी दृढ़ता से बिजली की सुदृढ़ता हेतु कार्य हो रहे हैं, ताकि 24 घंटे बिजली दी जा सके, यह सिर्फ कहने की बात नहीं बल्कि अगर लोड शेडिंग हुआ तो सरकार उपभोक्ता को हर्जाना भी देगी. यह है वर्तमान सरकार के कार्य करने का मनोभाव.
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सीएम ने डॉक्टरों से किया सीधा संवाद
मुख्यमंत्री के समक्ष कई शिक्षकों व चिकित्सकों ने अपनी समस्याओं को साझा किया. खासतौर से डॉक्टरों के खिलाफ एसीबी जांच के मामले को जोर-शोर से उठाया गया. दरअसल पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था कि अगर सरकारी अस्पताल के डॉक्टर निजी प्रैक्टिस करते हैं तो उसकी जांच एसीबी करेगी. इस पर मुख्यमंत्री ने थोड़ी नरमी दिखाई और कहा कि गंभीर मामलों में ही एसीबी कार्रवाई करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी समस्याओं का समाधान एक माह में होगा. सभी फैसले गवर्निंग बॉडी की बैठक में लिए जाएंगे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों से भावनात्मक अपील भी की. उन्होंने कहा कि आप डॉक्टरों को गरीब मरीज भगवान बताते हैं. लिहाजा आप की भी जिम्मेदारी बनती है कि उनके दर्द को समझें.
बजट में रिसर्च का होगा प्रावधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से स्वास्थ्य के क्षेत्र में रिसर्च पर ध्यान नहीं दिया गया. हम दूसरों के पदचिन्हों पर चलते रहे. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिसर्च पर ध्यान दिया है ताकि नई तरह की बीमारियों का इलाज सुनिश्चित हो सके. राज्य सरकार भी रिसर्च हेतु आने वाले बजट में प्रावधान करेगी, इससे समाज लाभान्वित होगा.