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झारखंड के बोकारो से आएगी ऑक्सीजन, आर्मी की रैक रवाना

लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों में बढ़ रहे ऑक्सीजन के संकट से चिंतित राज्य सरकार ने झारखंड के बोकारो और जमशेदपुर के अलावा उड़ीसा के राउरकेला से ऑक्सीजन मंगाने की तैयारी कर ली है. इसके लिए आर्मी के लो फ्लोर रैक को ऑक्सीजन एक्सप्रेस के रूप में तब्दील किया गया है. इन स्पेशल ट्रेनों को झारखंड के बोकारो से ऑक्सीजन सिलिंडर उत्तर प्रदेश लाने के लिए बुधवार रात को रवाना किया जाएगा.

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ऑक्सीजन सिलेंडर
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Published : Apr 21, 2021, 11:04 PM IST

लखनऊ : आर्मी के जिस लो फ्लोर रैक से सेना के युद्ध उपकरणों को मिलिट्री स्पेशल ट्रेन के जरिए भेजा जाता है, अब उसी लो फ्लोर रैक को ऑक्सीजन एक्सप्रेस के रूप में तब्दील कर ऑक्सीजन सिलिंडर ढोने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

झारखंड के बोकारो से ऑक्सीजन सिलिंडर उत्तर प्रदेश लाने के लिए ये स्पेशल ट्रेनें बुधवार रात को रवाना होंगी. सेना के अलग-अलग बेस से मंगाए गए लो फ्लोर रैक पर खाली ऑक्सीजन टैंकर लोड कर रेलवे ने लखनऊ जंक्शन से उतरेटिया तक परीक्षण प्रारंभ किया.


रात 10 बजे बोकारो के लिए होगी रवाना

लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों में बढ़ रहे ऑक्सीजन के संकट से चिंतित राज्य सरकार ने झारखंड के बोकारो और जमशेदपुर के अलावा उड़ीसा के राउरकेला से ऑक्सीजन मंगाने की तैयारी कर ली है. रेलवे ने ऑक्सीजन टैंकर के लिए सेना के पंजाब स्थित खंदारी कला, भटिंडा और यूपी के बबीना बेस से बीबीसीएम और एनबीडब्लूटी रैक मंगवाए हैं.

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पहला रैक लखनऊ पहुंचा

पहला रैक लखनऊ पहुंच चुका है. इस रैक में राज्य सरकार की ओर से आसपास के जिलों से खाली ऑक्सीजन टैंकरों को लाकर चारबाग़ स्टेशन के कैब-वे की साइडिंग पर लोड किया गया. इस मौके पर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और डीआरएम संजय त्रिपाठी सहित रेलवे और जिला प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

एक रैक में सात ऑक्सीजन टैंकर होंगे लोड

डीआरएम संजय त्रिपाठी के मुताबिक एक रैक में कम से कम सात ऑक्सीजन टैंकर लोड कर भेजे जाएंगे. उन्होंने बताया कि टैंकर की संख्या बढ़ने से रैक में इनकी संख्या भी बढ़ाकर आठ से 10 की जा सकती है. बताया कि सेना से अभी तीन रैक और मांगे गए हैं.

जल्द ही इन रैक के लखनऊ आने की उम्मीद है. पहला ऑक्सीजन एक्सप्रेस का रैक रात 10 बजे बोकारो भेजा जाएगा. ग्रीन कॉरिडोर के रूप में ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने के लिए रेलवे प्रशासन की सभी रेल मंडलों से बात हो गई है.

यह भी पढ़ें : कोरोना संक्रमण के बीच किन्नर भी बनी सहारा, दुआ ही नहीं दवा भी बांट रही



16 घंटे में तय होगी दूरी

डीआरएम संजय त्रिपाठी ने बताया कि रैक को रवाना करने से पहले लखनऊ से उतरेटिया तक परीक्षण किया जा रहा है ताकि उनको ले जाते समय कोई समस्या न हो. बताया कि बोकारो से लखनऊ आने में सड़क मार्ग से 32 से 36 घंटे का समय लगता है तो रेलवे लाइन से 16 घंटे से भी कम लगेगा.

खाली टैंकर को ले जाने में अतिरिक्त सावधानी बरतनी होती है. हल्के होने से हवा के दबाव और रैक के ब्रेक सिस्टम को देखते हुए गति 50 से 55 किलोमीटर प्रतिघंटा ही रखी जाएगी. मंडल रेल प्रबंधक के मुताबिक लोड ऑक्सीजन एक्सप्रेस जब लौटेगी, तब उसकी गति पांच से 15 किलोमीटर प्रतिघंटा तक बढ़ाई जा सकती है.

लखनऊ : आर्मी के जिस लो फ्लोर रैक से सेना के युद्ध उपकरणों को मिलिट्री स्पेशल ट्रेन के जरिए भेजा जाता है, अब उसी लो फ्लोर रैक को ऑक्सीजन एक्सप्रेस के रूप में तब्दील कर ऑक्सीजन सिलिंडर ढोने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

झारखंड के बोकारो से ऑक्सीजन सिलिंडर उत्तर प्रदेश लाने के लिए ये स्पेशल ट्रेनें बुधवार रात को रवाना होंगी. सेना के अलग-अलग बेस से मंगाए गए लो फ्लोर रैक पर खाली ऑक्सीजन टैंकर लोड कर रेलवे ने लखनऊ जंक्शन से उतरेटिया तक परीक्षण प्रारंभ किया.


रात 10 बजे बोकारो के लिए होगी रवाना

लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों में बढ़ रहे ऑक्सीजन के संकट से चिंतित राज्य सरकार ने झारखंड के बोकारो और जमशेदपुर के अलावा उड़ीसा के राउरकेला से ऑक्सीजन मंगाने की तैयारी कर ली है. रेलवे ने ऑक्सीजन टैंकर के लिए सेना के पंजाब स्थित खंदारी कला, भटिंडा और यूपी के बबीना बेस से बीबीसीएम और एनबीडब्लूटी रैक मंगवाए हैं.

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पहला रैक लखनऊ पहुंचा

पहला रैक लखनऊ पहुंच चुका है. इस रैक में राज्य सरकार की ओर से आसपास के जिलों से खाली ऑक्सीजन टैंकरों को लाकर चारबाग़ स्टेशन के कैब-वे की साइडिंग पर लोड किया गया. इस मौके पर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और डीआरएम संजय त्रिपाठी सहित रेलवे और जिला प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

एक रैक में सात ऑक्सीजन टैंकर होंगे लोड

डीआरएम संजय त्रिपाठी के मुताबिक एक रैक में कम से कम सात ऑक्सीजन टैंकर लोड कर भेजे जाएंगे. उन्होंने बताया कि टैंकर की संख्या बढ़ने से रैक में इनकी संख्या भी बढ़ाकर आठ से 10 की जा सकती है. बताया कि सेना से अभी तीन रैक और मांगे गए हैं.

जल्द ही इन रैक के लखनऊ आने की उम्मीद है. पहला ऑक्सीजन एक्सप्रेस का रैक रात 10 बजे बोकारो भेजा जाएगा. ग्रीन कॉरिडोर के रूप में ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने के लिए रेलवे प्रशासन की सभी रेल मंडलों से बात हो गई है.

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16 घंटे में तय होगी दूरी

डीआरएम संजय त्रिपाठी ने बताया कि रैक को रवाना करने से पहले लखनऊ से उतरेटिया तक परीक्षण किया जा रहा है ताकि उनको ले जाते समय कोई समस्या न हो. बताया कि बोकारो से लखनऊ आने में सड़क मार्ग से 32 से 36 घंटे का समय लगता है तो रेलवे लाइन से 16 घंटे से भी कम लगेगा.

खाली टैंकर को ले जाने में अतिरिक्त सावधानी बरतनी होती है. हल्के होने से हवा के दबाव और रैक के ब्रेक सिस्टम को देखते हुए गति 50 से 55 किलोमीटर प्रतिघंटा ही रखी जाएगी. मंडल रेल प्रबंधक के मुताबिक लोड ऑक्सीजन एक्सप्रेस जब लौटेगी, तब उसकी गति पांच से 15 किलोमीटर प्रतिघंटा तक बढ़ाई जा सकती है.

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