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कांग्रेस ने मनाया भारत छोड़ो आंदोलन स्मृति दिवस, डॉ. रामेश्वर उरांव बोले-आजादी की लड़ाई में भाग न लेने वाले न सिखाएं देशभक्ति

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से 9 अगस्त सोमवार को भारत छोड़ो आंदोलन (quit india movement) स्मृति दिवस मनाया. इस दौरान मोरहाबादी मैदान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया.

quit india movement
कांग्रेस ने मनाया भारत छोड़ो आंदोलन स्मृति दिवस
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Published : Aug 9, 2021, 1:27 PM IST

Updated : Aug 9, 2021, 1:56 PM IST

रांची. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से 9 अगस्त सोमवार को भारत छोड़ो आंदोलन (quit india movement) स्मृति दिवस मनाया गया. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने आजादी के वीर सपूतों को नमन किया.

ये भी पढ़ें-'भारत छोड़ो आंदोलन' देश की आजादी का टर्निंग पॉइंट कहा जाता है... जानें क्यों?

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि कांग्रेस ही देश की एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसमें राष्ट्रीयता की भावना कूट-कूट कर भरी है. जिन्होंने देश की आजादी में भाग नहीं लिया, वे आज देश में शासन चला रहे हैं. ऐसे लोग कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रीयता और देशभक्ति की बात न सिखाएं. कांग्रेस पार्टी ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी और आजादी के बाद हमेशा से देश की समृद्धि और खुशहाली के लिए काम किया है.

देखें पूरी खबर
केंद्र सरकार मांगे माफीः डॉ. रामेश्वर उरांव
डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि आज ही के दिन 1942 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई थी. इस आंदोलन के शुरुआत से अंग्रेजी शासन को यह बात समझ में आ गई कि अब भारत में उनका शासन करना संभव नहीं है और आखिरकार वह 15 अगस्त 1947 को भारत छोड़ कर चले गए और देश आजाद हो गया. उन्होंने कहा कि आज केंद्र सरकार पेगासस के माध्यम से लोगों की स्वतंत्रता और निजता को छीनने का प्रयास कर रही है. जब यह बात सामने आ गई है तो केंद्र सरकार को देश से माफी मांगनी चाहिए.


एकीकृत बिहार था केंद्रः बादल पत्रलेख

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि 7 और 8 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पारित होने के दूसरे ही दिन पूरे देश में क्रांति की लहर दौड़ गई थी और एकीकृत बिहार का झारखंड पूरे आंदोलन का केंद्र बन गया था. आजादी के दीवानों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर 1942 में ही राज्य के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कांग्रेसी झंडे को फहराने का काम किया और इस क्रांति ने ही भारत की आजादी की बुनियाद रखी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने किया नमन

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि देश के लोग आज उन महान राष्ट्रभक्तों की कुर्बानी की बदौलत ही खुली हवा में सांस ले रहे हैं, जिन्होंने आजादी का आंदोलन लड़ा. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि अगस्त क्रांति के दौरान रांची, हजारीबाग, पलामू, सिंहभूम और संथाल क्षेत्र में ढाई हजार से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों की गिरफ्तारी हुई थी. इस मौके पर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष केशव कुमार महतो, प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव, डॉ0 राजेश गुप्ता छोटू,रविन्द्र सिंह,सुलतान अहमद,मदन मोहन शर्मा, निरंजन पासवान,केदार पासवान,गुंजन सिंह,आभा सिन्हा,इंदिरा देवी,नीरज भोक्ता,जितेन्द्र त्रिवेदी,जगन्नाथ साहू,शहजादा हुसैन,भानू प्रताप बड़ाइक आदि मौजूद थे.

रांची. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से 9 अगस्त सोमवार को भारत छोड़ो आंदोलन (quit india movement) स्मृति दिवस मनाया गया. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने आजादी के वीर सपूतों को नमन किया.

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि कांग्रेस ही देश की एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसमें राष्ट्रीयता की भावना कूट-कूट कर भरी है. जिन्होंने देश की आजादी में भाग नहीं लिया, वे आज देश में शासन चला रहे हैं. ऐसे लोग कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रीयता और देशभक्ति की बात न सिखाएं. कांग्रेस पार्टी ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी और आजादी के बाद हमेशा से देश की समृद्धि और खुशहाली के लिए काम किया है.

देखें पूरी खबर
केंद्र सरकार मांगे माफीः डॉ. रामेश्वर उरांव
डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि आज ही के दिन 1942 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई थी. इस आंदोलन के शुरुआत से अंग्रेजी शासन को यह बात समझ में आ गई कि अब भारत में उनका शासन करना संभव नहीं है और आखिरकार वह 15 अगस्त 1947 को भारत छोड़ कर चले गए और देश आजाद हो गया. उन्होंने कहा कि आज केंद्र सरकार पेगासस के माध्यम से लोगों की स्वतंत्रता और निजता को छीनने का प्रयास कर रही है. जब यह बात सामने आ गई है तो केंद्र सरकार को देश से माफी मांगनी चाहिए.


एकीकृत बिहार था केंद्रः बादल पत्रलेख

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि 7 और 8 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पारित होने के दूसरे ही दिन पूरे देश में क्रांति की लहर दौड़ गई थी और एकीकृत बिहार का झारखंड पूरे आंदोलन का केंद्र बन गया था. आजादी के दीवानों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर 1942 में ही राज्य के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कांग्रेसी झंडे को फहराने का काम किया और इस क्रांति ने ही भारत की आजादी की बुनियाद रखी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने किया नमन

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि देश के लोग आज उन महान राष्ट्रभक्तों की कुर्बानी की बदौलत ही खुली हवा में सांस ले रहे हैं, जिन्होंने आजादी का आंदोलन लड़ा. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि अगस्त क्रांति के दौरान रांची, हजारीबाग, पलामू, सिंहभूम और संथाल क्षेत्र में ढाई हजार से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों की गिरफ्तारी हुई थी. इस मौके पर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष केशव कुमार महतो, प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव, डॉ0 राजेश गुप्ता छोटू,रविन्द्र सिंह,सुलतान अहमद,मदन मोहन शर्मा, निरंजन पासवान,केदार पासवान,गुंजन सिंह,आभा सिन्हा,इंदिरा देवी,नीरज भोक्ता,जितेन्द्र त्रिवेदी,जगन्नाथ साहू,शहजादा हुसैन,भानू प्रताप बड़ाइक आदि मौजूद थे.

Last Updated : Aug 9, 2021, 1:56 PM IST
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