रांची: राज्य को प्रदूषण मुक्त करने के लिए झारखंड सरकार सीएनजी वाहनों को बढ़ावा देने पर जोड़ दे रही है. इसीलिए ज्यादा से ज्यादा सरकारी वाहनों को सीएनजी से संचालित करने की कोशिश की जा रही है. रांची में भी जिला प्रशासन के सख्त आदेश के बाद ज्यादातर सार्वजनिक वाहन सीएनजी युक्त ही खरीदे जा रहे हैं. वहीं शहर में सीएनजी ऑटो के संचालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. लेकिन इन दिनों वाहनों में सीएनजी भरवाने के लिए लंबी कतार लग रही है.
ये भी पढ़ें-Jharkhand Assembly Winter Session: अजब झारखंड की गजब राजनीति, सदन के बाहर कई माननीय खास लेकिन सदन के अंदर आम
ईटीवी भारत की टीम ने जब ऑटो चालकों से इस संबंध में बात की तो लाइन में खड़े ऑटो चालक महेश कुमार सिंह ने बताया कि ऑटो चालकों को रोजाना ही इस समस्या का सामना करना पड़ता है. महेश ने बताया कि राजधानी में मात्र छह सीएनजी पंप हैं, वहीं गाड़ियों की संख्या हजारों में है. इस वजह से सभी सीएनजी पंप पर ऑटो चालकों को ईंधन के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. बताया जा रहा है कि शहर में सात हजार से अधिक ऐसे ऑटो संचालित हैं जो सीएनजी से चलते हैं. इसके अलावा तमाम लोगों के निजी और कई सरकारी वाहन भी सीएनजी संचालित हैं. इसके बाद भी यहां सिर्फ छह सीएनजी स्टेशन होने से पंप पर कतार लग रही है.
जाम की समस्या से दिक्कत
लाइन में खड़े ऑटो चालक लल्लन रंजन बताते हैं कि मात्र 6 सीएनजी पंप रहने से यह समस्या रहती है, उन्होंने सरकार और प्रशासन से आग्रह किया कि ज्यादा से ज्यादा सीएनजी पंप की व्यवस्था करें तभी ऑटो चालकों की समस्या का निदान होगा. वहीं शहर के बीचोबीच संचालित हो रहे खुखरी पेट्रोल पंप के मैनेजर महेंद्र कुमार ने बताया कि सीएनजी पंप की संख्या कम होने के कारण उनके पंप पर ऑटो की लाइन लग जाती है, जिससे जाम की समस्या से भी जूझना पड़ता है.
सीएनजी किट से खर्च कम
गाड़ियों में सीएनजी किट लगाने वाले मैकेनिक तस्लीम शेख ने बताया कि वाहनों में सीएनजी किट लगने से लोगों का खर्च कम हो जाता है, सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों की सर्विस भी अच्छी होती है. इसलिए लोग सीएनजी गाड़ियों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं लेकिन पंप कम होने के कारण कई लोग चाहकर भी सीएनजी युक्त वाहन नहीं खरीद पा रहे.
ये क्या बोले
सीएनजी सेंटर चला रहे अजय द्विवेदी का कहना है कि आने वाला समय सीएनजी का है क्योंकि सीएनजी वातावरण को दूषित भी नहीं करती और सस्ती भी है. इसीलिए सीएनजी गाड़ियों के प्रति लोग आकर्षित हो रहे हैं लेकिन राज्य में सीएनजी पंप की संख्या भी बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि जिस तरह से लोगों को पेट्रोल आसानी से मिल पा रहा है उसी प्रकार सीएनजी भी लोगों को आसानी से मिले. हरियाणा से रांची पहुंचे सौरभ कुमार ने बताया कि कई राज्यों से घूम कर रांची पहुंचे हैं, उन्हें सीएनजी के लिए सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें रांची में ही उठानी पड़ी. दूसरे राज्यों में आसानी से सीएनजी मिल रही थी लेकिन रांची में उन्हें सीएनजी के लिए कई पंप घूमने पड़े.
सीएनजी स्टेशन की संख्या बढ़े
रांची में गेल सीएनजी पंप संचालित करने वाली गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (GAIL) के स्थानीय जनरल मैनेजर विशाल सिंघल ने बताया कि निश्चित रूप से राजधानी रांची में गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है. इसको देखते हुए उनकी कंपनी की तरफ से यह प्रयास किया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा सीएनजी स्टेशन की संख्या बढ़ाई जाए ताकि राजधानीवासियों को ईंधन के लिए परेशान न होना पड़े.
वहीं पूरे मामले पर राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव का कहना है कि सीएनजी गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है जो भी कंपनी राज्य में सीएनजी स्टेशन लगाना चाहेंगी हम उसका स्वागत करेंगे. राज्य सरकार की तरफ से जमीन और अन्य सुविधा मुहैया कराई जाएगी.
मार्च तक हो जाएंगे दस स्टेशन
इधर, गेल पदाधिकारियों का कहना है कि अभी रांची में छह सीएनजी स्टेशन संचालित हैं. मार्च तक इसे बढ़ाकर दस कर दिया जाएगा. इससे लोगों को राहत मिलेगी.