रांचीः केन्द्र सरकार ने पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम पर राहत देते हुए पिछले महीने ही एक्साइज ड्यूटी कम कर दी है. जिसके बाद पेट्रोल में 9.50 रुपये और डीजल 7 रुपये सस्ता हो गया, मगर केन्द्र सरकार की यह रियायत सरकारी पेट्रोल पंप यानी इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के पंप पर मिल रही है. जिस वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमत इन पंपों पर बिल्कुल एक जैसी है. लेकिन इसके उलट निजी पेट्रोल पंप में ये इनकी कीमत ज्यादा है. जिसको लेकर कई तरह के सवाल उठ (Questions raised on high price) रहे हैं.
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सरकारी रियायत ना मिलने पर निजी पेट्रोल पंप यानी रिलायंस जैसे पेट्रोल पंप पर पेट्रोल 9 रुपया और डीजल भी करीब 7 रुपया ज्यादा दामों में बिक रहे हैं. सोमवार यानी 27 जून की बात करें तो रांची के भारत पेट्रोलियम पंप पर पेट्रोल स्पीड 104 रुपया 76 पैसा, पेट्रोल नॉर्मल 99 रुपया 91 पैसा और डीजल का दाम 94 रुपया 66 पैसे बिक रहे. जबकि रिलायंस पेट्रोल पंप पर पेट्रोल का मूल्य 106 रुपया 93 पैसे और डीजल 99 रुपया 68 पैसे मिल रहा है.
इसको लेकर रिलायंस पेट्रोल पंप संचालक कृष्ण मोहन सिंह की मानें तो रिलायंस पेट्रोल के दाम गुणवत्ता के कारण ज्यादा है. यही वजह है कि इसका माइलेज अन्य पंपों के पेट्रोल से ज्यादा मिलता है. उन्होंने कहा कि दाम ज्यादा होने से बिक्री पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है. हाल के दिनों में मांग के अनुसार आपूर्ति प्रभावित होने के पीछे उन्होंने रुस-यूक्रेन युद्ध को माना है. इधर सरकारी पंप के संचालक सुरेन्द्र कुमार राय ने गुणवत्ता को लेकर रिलायंस पंप मालिकों के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि यह सिर्फ भ्रम फैलानेवाली बात है. उन्होंने कहा कि निजी पेट्रोल पंप संचालक मुनाफा कमाने के लिए ज्यादा दाम रखते हैं, जिसकी मॉनेटरिंग की आवश्यकता है जिससे ग्राहकों को लाभ मिल सके. रांची में 4 और पूरे प्रदेश भर में करीब 35 रिलायंस के पेट्रोल पंप हैं जहां पर बाजार मूल्य से ज्यादा दाम पर पेट्रोल डीजल बिक रहे हैं.
ऐसे तय होते हैं पेट्रोल डीजल के दामः आम आदमी तक पहुंचने वाला पेट्रोल डीजल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार तय करता है. इसमें क्रूड ऑयल की कीमत प्रति बैरल अमेरिकी डॉलर क्या है उसपर निर्भर करता है. एक बैरल में 159 लीटर होते हैं, भारत आने के बाद कच्चे तेल को रिफाइन किया जाता है. कच्चे तेल की रिफाइनिंग करने के बाद इसे डीलर को दिया जाता है. कीमतों में संशोधन के बाद इस स्टेज पर डीलर के लिए एक लीटर पेट्रोल की कीमत तय होती है. इसमें ऑयल कंपनियों का कमीशन, एंट्री टैक्स, ढुलाई का खर्च जुड़ा हुआ होता है. इसके बाद प्रति लीटर पेट्रोल पर डीलर को कमीशन दिया जाता है. इसके अलावा पेट्रोल डीजल की कीमतों में केन्द्र सरकार एक्साइज ड्यूटी और हर राज्य अपनी-अपनी टैक्स नीति से वैट लगाता है. जिसके बाद हमें मिलने वाली पेट्रोल की कीमत तय होती है.