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ऐसे चलता है सरकारी तंत्र ! 79 दिन पहले लॉन्च हुई थी योजना, अब तक जनता को नहीं मिला लाभ

झारखंड में 79 दिन पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिरसा आयुष किट योजना को लॉन्च किया था. लेकिन, ढाई महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद भी जनता को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इससे साफ जाहिर है कि योजना का क्रियान्वयन ठीक से नहीं हो रहा है.

birsa ayush kit
बिरसा आयुष किट
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Published : Jul 28, 2021, 9:18 PM IST

Updated : Jul 29, 2021, 4:13 PM IST

रांची: झारखंड में सरकारी व्यवस्था किस तरह से काम करती है और किस तरह बिना पूरी तैयारी के लोकलुभावन योजनाएं लॉन्च कर दी जाती है और उसका क्या हश्र होता है, इसका सबसे अच्छा उदाहरण है कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा लॉन्च की गई बिरसा आयुष किट योजना. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब हालात बेकाबू थे तब 10 मई को सीएम ने बिरसा आयुष किट योजना को लॉन्च किया था. योजना को लॉन्च हुए ढाई महीने से ज्यादा बीत गए हैं, लेकिन एक भी जरूरतमंद को इसका लाभ नहीं मिला है.

यह भी पढ़ें: कोरोना संक्रमित मरीजों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को मिलेगा बिरसा आयुष किट, CM ने किया शुभारंभ

लॉन्चिंग के वक्त सीएम ने कहा था कि वैश्विक महामारी पर काबू पाने के लिए सरकार ने एक योजना लॉन्च की है. होम्योपैथ पद्धति से कई जीवन रक्षक दवाइयां तैयार की गई हैं जो कोविड-19 संक्रमण से लड़ने के लिए हैं. ये दवाइयां संक्रमण से लेकर मरीजों के शरीर में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने में उपयोगी हैं. सीएम ने यह कहा था कि कोरोना संक्रमित मरीजों को बिरसा जीवन आयुष किट उपलब्ध कराया जाएगा. इसमें इम्यूनिटी बूस्टर दवाइयां रहेंगी जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

क्या है इस योजना में?

इस योजना के तहत दो लाख बिरसा आयुष किट (80 हजार आयुर्वेदिक किट, 80 हजार होमियोपैथी किट और 40 हजार यूनानी किट) को होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों और गांव में जरूरतमंदों तक पहुंचाना था. कार्यक्रम तो लॉन्च हो गया लेकिन इसके लिए कोई तैयारी नहीं की गई. लिहाजा, आज भी यह योजना सरकारी नियमों और प्रक्रियाओं में ही अटका है.

क्या कहते हैं आयुष निदेशक?

राज्य के आयुष निदेशक डॉक्टर श्रीचंद प्रसाद कहते हैं कि सरकारी प्रक्रिया के चलते देर हो रही है. अभी जिन दवाओं की किट में शामिल करना है उसका अलग अलग कंपनियों की तरफ से भेजे सैंपल का भौतिक सत्यापन कर रहे हैं. डॉ. श्रीचंद के अनुसार लोगों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने में कम से कम एक से डेढ़ महीने का वक्त लगेगा.

birsa ayush kit
10 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लॉन्च किया था बिरसा आयुष किट योजना.

भाजपा के तल्ख तेवर, झामुमो ने किया बचाव

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा लॉन्च किए गए अभियान के 79 दिन बाद भी जमीन पर नहीं उतरने को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के तेवर तल्ख हैं. भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि एक आयुष किट की बात नहीं है, कई घोषणाएं और वादें हवा हवाई ही हैं. झामुमो का कहना है कि जल्द ही योजना का लाभ लोगों को मिलेगा.

रांची: झारखंड में सरकारी व्यवस्था किस तरह से काम करती है और किस तरह बिना पूरी तैयारी के लोकलुभावन योजनाएं लॉन्च कर दी जाती है और उसका क्या हश्र होता है, इसका सबसे अच्छा उदाहरण है कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा लॉन्च की गई बिरसा आयुष किट योजना. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब हालात बेकाबू थे तब 10 मई को सीएम ने बिरसा आयुष किट योजना को लॉन्च किया था. योजना को लॉन्च हुए ढाई महीने से ज्यादा बीत गए हैं, लेकिन एक भी जरूरतमंद को इसका लाभ नहीं मिला है.

यह भी पढ़ें: कोरोना संक्रमित मरीजों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को मिलेगा बिरसा आयुष किट, CM ने किया शुभारंभ

लॉन्चिंग के वक्त सीएम ने कहा था कि वैश्विक महामारी पर काबू पाने के लिए सरकार ने एक योजना लॉन्च की है. होम्योपैथ पद्धति से कई जीवन रक्षक दवाइयां तैयार की गई हैं जो कोविड-19 संक्रमण से लड़ने के लिए हैं. ये दवाइयां संक्रमण से लेकर मरीजों के शरीर में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने में उपयोगी हैं. सीएम ने यह कहा था कि कोरोना संक्रमित मरीजों को बिरसा जीवन आयुष किट उपलब्ध कराया जाएगा. इसमें इम्यूनिटी बूस्टर दवाइयां रहेंगी जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

क्या है इस योजना में?

इस योजना के तहत दो लाख बिरसा आयुष किट (80 हजार आयुर्वेदिक किट, 80 हजार होमियोपैथी किट और 40 हजार यूनानी किट) को होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों और गांव में जरूरतमंदों तक पहुंचाना था. कार्यक्रम तो लॉन्च हो गया लेकिन इसके लिए कोई तैयारी नहीं की गई. लिहाजा, आज भी यह योजना सरकारी नियमों और प्रक्रियाओं में ही अटका है.

क्या कहते हैं आयुष निदेशक?

राज्य के आयुष निदेशक डॉक्टर श्रीचंद प्रसाद कहते हैं कि सरकारी प्रक्रिया के चलते देर हो रही है. अभी जिन दवाओं की किट में शामिल करना है उसका अलग अलग कंपनियों की तरफ से भेजे सैंपल का भौतिक सत्यापन कर रहे हैं. डॉ. श्रीचंद के अनुसार लोगों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने में कम से कम एक से डेढ़ महीने का वक्त लगेगा.

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10 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लॉन्च किया था बिरसा आयुष किट योजना.

भाजपा के तल्ख तेवर, झामुमो ने किया बचाव

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा लॉन्च किए गए अभियान के 79 दिन बाद भी जमीन पर नहीं उतरने को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के तेवर तल्ख हैं. भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि एक आयुष किट की बात नहीं है, कई घोषणाएं और वादें हवा हवाई ही हैं. झामुमो का कहना है कि जल्द ही योजना का लाभ लोगों को मिलेगा.

Last Updated : Jul 29, 2021, 4:13 PM IST
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