रांचीः राज्य में चाइल्ड ट्रैफिकिंग की समस्या भयावह रूप ले चुकी है. इसके खिलाफ सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं की ओर से लगातार अवेयरनेस और रेस्क्यू के अभियान भी चलाए जा रहे हैं. फिर भी इस पर अंकुश नहीं लग पाया है. ऐसे में बुधवार को विकास भवन में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन और प्रतिज्ञा संस्थान की ओर से राष्ट्रव्यापी जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें लोगों ने चाइल्ड ट्रैफिकिंग से संबंधित समस्याओं को सामने रखा.
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सरकारी और गैरसरकारी संस्थाएं काम कर रही
चाइल्ड ट्रैफिकिंग को लेकर सीडब्ल्यूसी सदस्य तनुश्री ने बताया कि राज्य में चाइल्ड ट्रैफिकिंग का रूप भयावह होता जा रहा है. इसे रोकने के लिए सरकारी और गैरसरकारी संस्थाएं काम कर रही हैं. लेकिन हर चाइल्ड ट्रैफिकिंग में सख्त कानूनी करवाई करने की जरूरत है, ताकि इस पर रोक लग सके. साथ ही रेस्क्यू के बाद बच्चों को मुख्यधारा में लाना सबसे बड़ा चैलेंज है. उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं के निदान के लिए जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया है और इसके माध्यम से सरकार और गैरसरकारी संस्थाओं की ओर से वैसे मजबूर लोगों के लिए काम किए जाएंगे, जिन्होंने अपने बच्चों को खोया है. हालांकि उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्यक्रम चलाने की जरूरत है.
वहीं अपने खोए हुए बच्चे की तलाश की गुहार लगाने पहुंचे रांची के उमाशंकर सिंह ने कहा कि 27 जून 2016 को उनका बेटा घर से ट्यूशन पढ़ने निकला और घर वापस नहीं लौटा. उन्होंने कहा कि जिस समय घटना घटी उसके बाद उन्होंने हर जगह गुहार लगाई और पुलिस प्रशासन की ओर से सहयोग भी दिया गया, लेकिन बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला. ऐसे में उन्होंने जनसंवाद के माध्यम से अपने बच्चे की तलाश की गुहार लगाई है.