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लाउडस्पीकर से अजान देने पर रोक की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में PIL, ध्वनि प्रदूषण का दिया हवाला - ranchi news'

लाउडस्पीकर से अजान दिए जाने पर रोक लगाने की मांग को लेकर अनुरंजन अशोक ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने कोर्ट से लाउडस्पीकर की तेज आवाज से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाए जाने की मांग की है.

Public interest litigation filed in Jharkhand High Court seeking ban on giving azaan through loudspeaker
लाउडस्पीकर से अजान देने पर रोक की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर
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Published : Mar 24, 2021, 1:22 PM IST

रांची: झारखंड में लाउडस्पीकर से अजान दिए जाने पर रोक लगाने की मांग को लेकर बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. बता दें कि याचिकाकर्ता अनुरंजन अशोक ने झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया है कि लाउडस्पीकर की तेज ध्वनि से प्रदूषण हो रहा है, जिस पर रोक लगाना जरूरी है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- झारखंड में इस साल भी नहीं निकलेगा सरहुल और रामनवमी का जुलूस, सीएम ने दिए संकेत

याचिकाकर्ता ने अदालत को ये भी बताया कि साल 1932 से पहले मस्जिद से जो अजान दिया जाता था, उसमें लाउडस्पीकर का यूज नहीं किया जाता था. यह परंपरा बहुत बाद में शुरू की गई है. लाउडस्पीकर से अजान देने का धर्म से कोई लेना देना नहीं है. इसलिए जो लाउडस्पीकर से अजान दिया जाता है, उस पर अविलंब रोक लगनी चाहिए. इससे ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगेगी.

आज के समय में ध्वनि प्रदूषण एक आम समस्या हो गई है. ऐसे में इस तरह के ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाना चाहिए. दिन में 5 बार तेज ध्वनि के साथ अजान दिया जाता है, जबकि नियम के अनुसार एक ध्वनि सीमा निश्चित है, उससे तेज ध्वनि से आवाज नहीं होनी चाहिए. अजान नियम की अनदेखी कर दिया जा रहा है. उन्होंने अदालत से यह भी आग्रह किया है कि, मस्जिद के अगल-बगल लोगों की जमीन और सरकारी जमीन पर जो नमाज पढ़ते हैं उस पर भी रोक लगा दी जानी चाहिए.

रांची: झारखंड में लाउडस्पीकर से अजान दिए जाने पर रोक लगाने की मांग को लेकर बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. बता दें कि याचिकाकर्ता अनुरंजन अशोक ने झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया है कि लाउडस्पीकर की तेज ध्वनि से प्रदूषण हो रहा है, जिस पर रोक लगाना जरूरी है.

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याचिकाकर्ता ने अदालत को ये भी बताया कि साल 1932 से पहले मस्जिद से जो अजान दिया जाता था, उसमें लाउडस्पीकर का यूज नहीं किया जाता था. यह परंपरा बहुत बाद में शुरू की गई है. लाउडस्पीकर से अजान देने का धर्म से कोई लेना देना नहीं है. इसलिए जो लाउडस्पीकर से अजान दिया जाता है, उस पर अविलंब रोक लगनी चाहिए. इससे ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगेगी.

आज के समय में ध्वनि प्रदूषण एक आम समस्या हो गई है. ऐसे में इस तरह के ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाना चाहिए. दिन में 5 बार तेज ध्वनि के साथ अजान दिया जाता है, जबकि नियम के अनुसार एक ध्वनि सीमा निश्चित है, उससे तेज ध्वनि से आवाज नहीं होनी चाहिए. अजान नियम की अनदेखी कर दिया जा रहा है. उन्होंने अदालत से यह भी आग्रह किया है कि, मस्जिद के अगल-बगल लोगों की जमीन और सरकारी जमीन पर जो नमाज पढ़ते हैं उस पर भी रोक लगा दी जानी चाहिए.

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