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रांची में साइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरुआत, हेल्थ के साथ ट्रैफिक की समस्या से मिलेगी निजात

स्मार्ट सिटी मिशन प्रोजेक्ट के तहत पब्लिक साइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरूआत की गई.एप डाउनलोड कर उसमें अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर रांची के अलग-अलग इलाकों में बनाए गए साइकिल स्टैंड से साइकिल लेकर शहर में यात्रा की जा सकती है.

रांची में साइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरुआत
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Published : Mar 3, 2019, 1:49 PM IST

रांचीः राजधानी में स्मार्ट सिटी मिशन प्रोजेक्ट के तहत पब्लिक साइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरूआत की गई. नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने साइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरुआत की.

रांची में साइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरुआत
पब्लिक साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत से बढ़ते प्रदूषण के खतरे को कम किया जा सकता है. मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से चार्टर्ड बाइक एप डाउनलोड कर उसमें अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर रांची के अलग-अलग इलाकों में बनाए गए साइकिल स्टैंड से साइकिल लेकर शहर में यात्रा की जा सकती है.

एप पर रजिस्ट्रेशन कराने वालों को एक सप्ताह तक सुविधा मुफ्त में दी जाएगी. वहीं, 10 मार्च तक मेंबर बने लोगों को ही साइकिल चलाने दी जाएगी. साइकिल चलाने की सुविधा 24 घंटे मिलेगी. किसी भी स्टैंड से साइकिल लेकर किसी दूसरे स्टैंड पर लगाया जा सकता है.

किराया काफी कम

3 से 9 मार्च तक लोगों को ट्रायल ऑफर दिया जा रहा है. यानी साइकिल की सवारी के लिए फिलहाल आपको एक रुपए भी नहीं देने होंगे. मेंबर बनने वालों को एक दिन के लिए 30 रुपए, एक माह के लिए 200 रुपए और 1 वर्ष के लिए 1000 रुपये बतौर रजिस्ट्रेशन फी देने होंगे. इसके बाद यूजर प्रतिदिन 30 मिनट मुफ्त में साइकिल चला सकते हैं. 30 मिनट के बाद वह 1 घंटे तक साइकिल चलाते हैं तो उन्हें मात्र 5 रुपए देने होंगे. 2 घंटे तक के लिए 10 रुपए और इससे अधिक देर के लिए प्रति घंटा 15 रुपए की दर से पैसे देने होंगे.

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ये भी पढ़ें-शिवरात्रि के पहले मंदिर से उतारा गया पंचशूल, इस विधि से शिव-पार्वती आ जाते हैं साथ

जर्मन मेड साइकिल

पब्लिक साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट के तहत जर्मन मेड साइकिल की खरीदारी की गई है. सभी साइकिल जीपीएस सिस्टम से लैस हैं. चोरी करने वाले तुरंत पकड़ में आ जाएंगे. रांची में 600 साइकिल के जरिए इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. रांची में इसके लिए 60 साइकिल स्टैंड भी बनाए गए हैं. रांची में अब आप मोरहाबादी, करम टोली, जेल चौक, कचहरी रोड, लालपुर, डंगराटोली, पुरुलिया रोड और अल्बर्ट एक्का चौक होते हुए कडरू तक साइकिल से जा सकते हैं.

सिस्टम को लेकर युवाओं में जोश

साइकिल शेयरिंग सिस्टम को लेकर रांची के युवाओं में काफी जोश देखा गया. युवाओं का मानना है कि इस सिस्टम से उनके पॉकेट खर्च में कमी आएगी. साथ ही प्रदूषण भी काफी कम होगा. छात्रों ने बताया कि कॉलेज, हाई स्कूल जाने के लिए उन्हें काफी सहूलियत होगी. 24 घंटे साइकिल उपलब्ध रहने से दिक्कत नहीं होगी.

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रांचीः राजधानी में स्मार्ट सिटी मिशन प्रोजेक्ट के तहत पब्लिक साइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरूआत की गई. नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने साइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरुआत की.

रांची में साइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरुआत
पब्लिक साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत से बढ़ते प्रदूषण के खतरे को कम किया जा सकता है. मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से चार्टर्ड बाइक एप डाउनलोड कर उसमें अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर रांची के अलग-अलग इलाकों में बनाए गए साइकिल स्टैंड से साइकिल लेकर शहर में यात्रा की जा सकती है.

एप पर रजिस्ट्रेशन कराने वालों को एक सप्ताह तक सुविधा मुफ्त में दी जाएगी. वहीं, 10 मार्च तक मेंबर बने लोगों को ही साइकिल चलाने दी जाएगी. साइकिल चलाने की सुविधा 24 घंटे मिलेगी. किसी भी स्टैंड से साइकिल लेकर किसी दूसरे स्टैंड पर लगाया जा सकता है.

किराया काफी कम

3 से 9 मार्च तक लोगों को ट्रायल ऑफर दिया जा रहा है. यानी साइकिल की सवारी के लिए फिलहाल आपको एक रुपए भी नहीं देने होंगे. मेंबर बनने वालों को एक दिन के लिए 30 रुपए, एक माह के लिए 200 रुपए और 1 वर्ष के लिए 1000 रुपये बतौर रजिस्ट्रेशन फी देने होंगे. इसके बाद यूजर प्रतिदिन 30 मिनट मुफ्त में साइकिल चला सकते हैं. 30 मिनट के बाद वह 1 घंटे तक साइकिल चलाते हैं तो उन्हें मात्र 5 रुपए देने होंगे. 2 घंटे तक के लिए 10 रुपए और इससे अधिक देर के लिए प्रति घंटा 15 रुपए की दर से पैसे देने होंगे.

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जर्मन मेड साइकिल

पब्लिक साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट के तहत जर्मन मेड साइकिल की खरीदारी की गई है. सभी साइकिल जीपीएस सिस्टम से लैस हैं. चोरी करने वाले तुरंत पकड़ में आ जाएंगे. रांची में 600 साइकिल के जरिए इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. रांची में इसके लिए 60 साइकिल स्टैंड भी बनाए गए हैं. रांची में अब आप मोरहाबादी, करम टोली, जेल चौक, कचहरी रोड, लालपुर, डंगराटोली, पुरुलिया रोड और अल्बर्ट एक्का चौक होते हुए कडरू तक साइकिल से जा सकते हैं.

सिस्टम को लेकर युवाओं में जोश

साइकिल शेयरिंग सिस्टम को लेकर रांची के युवाओं में काफी जोश देखा गया. युवाओं का मानना है कि इस सिस्टम से उनके पॉकेट खर्च में कमी आएगी. साथ ही प्रदूषण भी काफी कम होगा. छात्रों ने बताया कि कॉलेज, हाई स्कूल जाने के लिए उन्हें काफी सहूलियत होगी. 24 घंटे साइकिल उपलब्ध रहने से दिक्कत नहीं होगी.

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Intro:रांची में स्मार्ट सिटी मिशन प्रोजेक्ट के तहत पब्लिक साइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरूआत हो गई । प्रदेश के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने साइकिल शेयरिंग सिस्टम का विधिवत शुरुआत की ।

राजधानी रांची में बढ़ते प्रदूषण के खतरे को कम करने के लिए पब्लिक बाइसिकल शेयरिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत कर दी गई है। अब आप अपने मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से चार्टर्ड बाइक ऐप डाउनलोड करके ,उसमें अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर रांची के अलग-अलग इलाकों में बनाए गए साइकिल स्टैंड से साइकिल लेकर शहर में यात्रा कर सकते हैं।ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराने वालों को एक सप्ताह तक यह सुविधा मुफ्त में दी जाएगी। 10 मार्च से वही लोग साइकिल चला सकेंगे जो मेंबर बनेंगे। साइकिल चलाने की सुविधा 24 घंटे मिलेगी किसी भी स्टैंड से आप साइकिल ले सकते हैं और किसी भी दूसरे स्टैंड पर से लगा सकते हैं।

किराया काफी कम

3 से 9 मार्च तक लोगों को ट्रायल ऑफर दिया जा रहा है यानी साइकिल की सवारी के लिए फिलहाल आपको एक रुपए भी नहीं देने होंगे। मेंबर बनने वालों को एक दिन के लिए 30 रुपये ,एक माह के लिए 200 रुपये और 1 वर्ष के लिए 1000 रुपये रजिस्ट्रेशन फी देने होंगे ।इसके बाद यूजर प्रतिदिन 30 मिनट मुफ्त साइकिल चला सकता है। 30 मिनट के बाद वह 1 घंटे तक साइकिल चलाते हैं तो उन्हें मात्र 5 रुपये देने होंगे। 2 घंटे तक के लिए 10 रुपये और इससे अधिक देर के लिए प्रति घंटा 15 रुपये की दर से पैसे देने होंगे।

जर्मन मेड साइकिल
पब्लिक साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट के तहत जर्मनी मेड साइकिल की खरीदारी की गई है। एक साइकिल की कीमत करीब है। सभी साइकिल जीपीएस सिस्टम से लैस हैं। चोरी करने वाले तुरंत पकड़ में आ जाएंगे। रांची में 600 साइकिल के जरिए इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है। रांची में इसके लिए 60 साइकिल स्टैंड भी बनाए गए हैं। रांची में अब आप मोरहाबादी ,करम टोली जेल चौक ,कचहरी रोड ,लालपुर ,डांगराटोली, पुरुलिया रोड अल्बर्ट एक्का चौक होते हुए कडरू तक साइकिल से जा सकते हैं।

साइकिल शेयरिंग सिस्टम को लेकर रांची के युवाओं में काफी जोश देखा गया युवाओं का मानना है कि इस सिस्टम से उनके पॉकेट खर्च में कमी आएगी। साथ ही प्रदूषण भी काफी कम होगा छात्रों के अनुसार कॉलेज हाई स्कूल जाने के लिए उन्हें काफी सहूलियत होगी और चुकी 24 घंटे साइकिल की उपलब्धि रहेगी इसलिए साइकिल की दिक्कत भी नहीं होगी।

बाईट - विजेता श्रीवास्तव
बाईट - श्वेता राय
बाईट - मंजीत सिंह











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