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रिम्स में इंसानियत एक बार फिर हुई शर्मसार, विक्षिप्त महिला ने भूख मिटाने के लिए खाया पक्षी

झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना एक बार फिर सामने आई है. रिम्स के ऑर्थोपेडिक वार्ड के कॉरीडोर में एक विक्षिप्त महिला मरीज ने अपनी भूख मिटाने के लिए कबूतर को मारकर अपना निवाला बनाया.

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Published : Jan 9, 2020, 10:52 AM IST

Updated : Jan 9, 2020, 11:36 AM IST

Humanity is once again ashamed in RIMS ranchi
लावारिस महिला मरीज

रांची: रिम्स के एक महिला मरीज अपनी भूख मिटाने के लिए पक्षी को मारकर अपना निवाला बनाया. बुधवार को आर्थोपेडिक विभाग के सामने एक लावारिस विक्षिप्त महिला मरीज को अस्पताल प्रबंधन की ओर से खाना नहीं मिलने की वजह से उसने कबूतर को मारकर खाया.

देखें पूरी खबर

जानकारी के अनुसार रिम्स के आर्थोपेडिक विभाग के पास एक लावारिस और विक्षिप्त महिला मरीज पिछले कई दिनों से पड़ी है. जिसकी देखभाल के लिए रिम्स प्रबंधन के किसी भी कर्मचारी की नजर इस महिला पर नहीं पड़ी. इस कारण विक्षिप्त महिला दिनभर भूख से तड़प रही थी. भूख मिटाने के लिए एक पक्षी को मारने के बाद उसे नोच-नोच कर खाया.

समाजिक संस्थाओं पर भी उठ रहे सवाल

इधर, इस मामले को लेकर अब कई बातें सामने आने लगी है. इस घटना के जिम्मेवार सिर्फ रिम्स प्रबंधन ही नहीं, बल्कि सामाजिक संस्थाएं भी हैं जो लावारिस मरीजों को आश्रम और विक्षिप्त को रिनपास ले जाने के बजाए रिम्स में लाकर छोड़ देते हैं. बता दें कि रिम्स में साइकेट्रिक विभाग नहीं है. जिसके कारण मानसिक रूप से बीमार मरीजों का इलाज अस्पताल में नहीं होता है. वहीं कारण रहा होगा कि इस विक्षिप्त महिला जिसने कबूतर को मारकर अपनी भूख मिटाने के लिए निवाला बनाई, उसको वार्ड में जगह नहीं मिल पाई होगी. इस कारण रिम्स प्रबंधन मानवीय संवेदना रखते हुए भी ऐसे मरीजों के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर सकता. ऐसे में विक्षिप्त मरीज को समाजिक संस्थाओं की ओर से रिम्स में छोड़कर अव्यवस्था फैलाने का काम करते हैं.

इसे भी पढ़ें- पलामूः एक बार फिर 'इंसान बना हैवान', 6 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म

बहरहाल, सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना के सामने आने से एकबार फिर अस्पताल प्रबंधन पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. वहीं, वीडियो वायरल होने से रिम्स प्रशासन के हाथ पांव फूलने लगे हैं.

रांची: रिम्स के एक महिला मरीज अपनी भूख मिटाने के लिए पक्षी को मारकर अपना निवाला बनाया. बुधवार को आर्थोपेडिक विभाग के सामने एक लावारिस विक्षिप्त महिला मरीज को अस्पताल प्रबंधन की ओर से खाना नहीं मिलने की वजह से उसने कबूतर को मारकर खाया.

देखें पूरी खबर

जानकारी के अनुसार रिम्स के आर्थोपेडिक विभाग के पास एक लावारिस और विक्षिप्त महिला मरीज पिछले कई दिनों से पड़ी है. जिसकी देखभाल के लिए रिम्स प्रबंधन के किसी भी कर्मचारी की नजर इस महिला पर नहीं पड़ी. इस कारण विक्षिप्त महिला दिनभर भूख से तड़प रही थी. भूख मिटाने के लिए एक पक्षी को मारने के बाद उसे नोच-नोच कर खाया.

समाजिक संस्थाओं पर भी उठ रहे सवाल

इधर, इस मामले को लेकर अब कई बातें सामने आने लगी है. इस घटना के जिम्मेवार सिर्फ रिम्स प्रबंधन ही नहीं, बल्कि सामाजिक संस्थाएं भी हैं जो लावारिस मरीजों को आश्रम और विक्षिप्त को रिनपास ले जाने के बजाए रिम्स में लाकर छोड़ देते हैं. बता दें कि रिम्स में साइकेट्रिक विभाग नहीं है. जिसके कारण मानसिक रूप से बीमार मरीजों का इलाज अस्पताल में नहीं होता है. वहीं कारण रहा होगा कि इस विक्षिप्त महिला जिसने कबूतर को मारकर अपनी भूख मिटाने के लिए निवाला बनाई, उसको वार्ड में जगह नहीं मिल पाई होगी. इस कारण रिम्स प्रबंधन मानवीय संवेदना रखते हुए भी ऐसे मरीजों के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर सकता. ऐसे में विक्षिप्त मरीज को समाजिक संस्थाओं की ओर से रिम्स में छोड़कर अव्यवस्था फैलाने का काम करते हैं.

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बहरहाल, सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना के सामने आने से एकबार फिर अस्पताल प्रबंधन पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. वहीं, वीडियो वायरल होने से रिम्स प्रशासन के हाथ पांव फूलने लगे हैं.

Intro:रिम्स के ऑर्थोपेडिक्स विभाग के सामने एक लावारिस मरीज को रिम्स प्रबंधन द्वारा खाना नहीं मिलने की वजह से उसे जिन्दा कबूतर को मारकर कर खाना पड़ा।

मिली जानकारी के अनुसार रिम्स के आर्थोपेडिक विभाग के पास एक लावारिस एवं विक्षिप्त मरीज पिछले कई दिनों से पड़ा है जिसकी देखभाल के लिए रिम्स प्रबंधन के किसी भी कर्मचारी की इस पर नजर नहीं पड़ी।
Body:वहीं इस लावारिस और विक्षिप्त मरीज ने अपनी भूख मिटाने के लिए रिम्स प्रबंधन से कई बार खाने की मांग भी किया लेकिन आते-जाते कर्मचारी ने इनकी बातों को ध्यान नहीं दिया और भूख से तड़पने के लिए छोड़ दिया है जिस वजह से लावारिस मरीज को मजबूरन परिसर में पर एक जिंदा कबूतर को मारकर खाना पड़ा जो तस्वीर विचलित कर रही है और रिम्स प्रबंधन पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं।Conclusion:इसका जिम्मेवार सिर्फ रिम्स प्रबंधन ही नहीं बल्कि सामाजिक संस्थाएं भी है, जो लावारिसों को आश्रम या विक्षिप्त को रिनपास ले जाने के बजाए रिम्स में लाकर छोड़ देते है। यहां साइकेट्रिक विभाग नहीं है। रिम्स प्रबंधन मानवीय संवेदना रखते हुए भी ऐसे मरीजों के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। ऐसे मरीज रिम्स में अव्यवस्था फैलाने का काम करते है।

Note- इस खबर पर रिम्स प्रबंधन का रिएक्शन थोड़ी देर बाद जाएगी। कृपया कर देख ले।
Last Updated : Jan 9, 2020, 11:36 AM IST
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