बेड़ो, रांचीः रांची के बेड़ो प्रखंड स्थित ऐतिहासिक महादानी मैदान में केंद्रीय पड़हा संचालन समिति के बैनर तले आदिवासी महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और शोषण के विरुद्ध जनआक्रोश रैली (Protest Rally Against Atrocities On Tribal Women) और सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान केंद्रीय पड़हा संचालन समिति के अध्यक्ष जुगेश उरांव ने कहा कि आदिवासी महिलाओं पर जुल्म हो रहा है. जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन करा कर आदिवासी महिलाओं की शादी करायी जा रही है और जमीन की खरीद-बिक्री की जा रही है. इसके विरुद्ध एकजुट होकर आवाज बुलंद करनी होगी, तभी आदिवासियों का हक अधिकार अक्षुण्ण बना रहेगा.
पड़हा की सांस्कृतिक पहचान को अक्षुण्ण बनाए रखने का आह्वानः उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी महिलाओं का एक साजिश के तहत धर्म परिवर्तन कराकर गैर आदिवासी शादी करते हैं (Conversion Of Tribal Women) और उन्हें मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य, जिला परिषद और विधानसभा का चुनाव में खड़ा करते हैं. इससे आदिवासियों के अधिकारों का हनन हो रहा है. उन्होंने पड़हा व्यवस्था की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को अक्षुण्ण बनाए रखने का आह्वान किया.
जन आक्रोश रैली निकालीः इसके पूर्व समिति के बैनर तले हजारों पड़हा समाज के लोगों ने तख्तियां, बैनर व पोस्टर के साथ बेड़ो में अपने हक और अधिकार की रक्षा के लिए जन आक्रोश रैली (Protest Rally Against Atrocities On Tribal Women) निकाली. जो विभिन्न क्षेत्रों से होकर बेड़ो बाजार टांड़, देवी मंडप, महावीर चौक, गुमला रोड और लोहरदगा रोड होते हुए महादानी मैदान पहुंच कर एक सभा में तब्दील हो (Sabha at Mahadani Maidan Bedo) गई.
राज्यपाल के नाम बीडीओ को सौंपा पत्रः इस दौरान केंद्रीय पड़हा समिति बेड़ो के बैनर तले पड़हा समाज के लोगों ने डीएसपी रजत मणिक बाखला, सीओ सुमंत तिर्की, इंस्पेक्टर और थाना प्रभारी मनीष कुमार गुप्ता की मौजूदगी में पांच सूत्री मांगों का पत्र राज्यपाल के नाम बीडीओ को (Demand Letter To Governor Handed To BDO) सौंपा.
स्वार्थी तत्वों का सामाजिक बहिष्कार का निर्णयः इधर, सभा में समाजसेवी शिशिर लकड़ा ने कहा कि आदिवासी महिलाओं के मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ करनेवाले लोगों को हरगिज नहीं बख्शा जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसे स्वार्थी तत्वों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा. कहा कि ऐसे लोगों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि आदिवासी महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर अंकुश लगाया जा (Protest Rally Against Atrocities On Tribal Women) सके.
ग्राम सभा को मजबूत बनाने पर बलः वहीं समाजसेवी राकेश भगत ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत चुनाव के स्थान पर पड़हा व्यवस्था को लागू करना चाहिए. उन्होंने ग्राम सभा को मजबूत बनाने पर बल दिया. सभा में पूर्व उप प्रमुख धनंजय कुमार राय, पंचू उरांव, देवनीश तिग्गा, पूर्व मुखिया साजर तिर्की, मन्ना खेश, पंचू मंज, देवनिश मिंज आदि ने अपने विचार रखे.
क्या है पड़हा समाज के लोगों की मांगेंः आदिवासी लड़की के साथ शादी के बाद मायका से जाति प्रमाण पत्र बनना बंद हो, लड़की के ससुराल के पते पर जाति प्रमाण पत्र निर्गत हो, आदिवासियों की जमीन की खरीद-बिक्री बंद हो, पूर्व में बिक्री की गई जमीन वापस की जाए, आदिवासी समाज के जिन जनप्रतिनिधियों ने अपनी पुत्री का धर्म परिवर्तन करा कर शादी कराई है उनपर और करतूत में शामिल सभी लोगों पर कानूनी कार्रवाई हो, अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत चुनाव नहीं कराया जाए, पारंपरिक पड़हा व्यवस्था को लागू किया जाए, अनुसूचित क्षेत्रों में लगनेवाले बाजार पर मासिक चुंगी वसूली का अधिकार पड़हा व्यवस्था को दी जाए.
मौके पर ये भी थे मौजूदः वहीं मौके पर पड़हा समाज के विश्वनाथ गोप, मुन्ना बड़ाईक, जगरनाथ उरांव, दिलीप उरांव, पूर्व मुखिया सुनील कच्छप, मुखिया सुशांति भगत आदि मौजूद थे. सभा का संचालन सुखदेव उरांव व धन्यवाद ज्ञापन पंचायत समिति सदस्य राखी भगत ने किया.