रांचीः 15 से 19 मार्च तक स्थायीकरण और अपने विभिन्न मांगों को लेकर राज्य भर के पारा शिक्षक विधानसभा का घेराव कर आंदोलन कर रहे हैं. 17 मार्च बुधवार को भी राज्य के विभिन्न जिलों से पारा शिक्षक पहुंचे. और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.
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स्थायीकरण, वेतनमान समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को पांच दिवसीय विधानसभा घेराव कार्यक्रम के तहत हजारीबाग, लातेहार, पाकुड़ रांची और खूंटी जिले के पारा शिक्षक प्रदर्शन और धरना कार्यक्रम में शामिल हुए.
इस दौरान एक बार फिर राज्य की हेमंत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया गया. तीसरे दिन हजारों की तादाद में पारा शिक्षक विधानसभा के समीप मैदान में जुटे और जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई.
मौके पर पारा शिक्षकों का कहना था कि वर्षों से वे अपनी इन्हीं मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. रघुवर सरकार के दौरान इन्हें बरगलाया गया और हेमंत सरकार भी पारा शिक्षकों को छलने का काम कर रही है, जबकि सरकार बनने से पहले हेमंत सोरेन ने कहा था कि उनकी सरकार बनते ही पारा शिक्षकों को स्थाई कर वेतनमान निर्धारित किया जाएगा,
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
जबकि उनका किया गया यह वादा पूरी तरह कोरा साबित हो रहा है. 65,000 पारा शिक्षकों के स्थायीकरण, वेतनमान देने का वादा करने वाली हेमंत सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर रही है.
पारा शिक्षकों ने एक बार फिर चेतावनी दी है और कहा है कि आने वाले समय में इस आंदोलन को और धार दिया जाएगा. राज्य सरकार में शामिल मंत्रियों का क्षेत्र में विरोध किया जाएगा और सत्तापक्ष के विधायकों से भी सवाल पूछे जाएंगे. तीसरे दिन 5 जिलों के पारा शिक्षक विधानसभा के समीप जुटे और जमकर प्रदर्शन किया.
विभिन्न संगठनों का प्रदर्शन जारी
वहीं बुधवार को भी होमगार्ड के जवानों के साथ-साथ और भी कई संगठनों ने इस मैदान पर विरोध प्रदर्शन किया है और सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने की मांग की गई है. बीआरपी, सीआरपी, संघ ने भी राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.