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जेपीएससी की नई नियमावली का विरोध शुरू, अभ्यर्थियों ने दी आंदोलन की चेतावनी

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Published : Jan 7, 2021, 5:33 PM IST

जेपीएससी की नई नियमावली को कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति दे दी गई है. अब पीटी के आधार पर 15 गुना अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा. यह कट ऑफ अनरिजर्व्ड कैटेगरी के अभ्यर्थियों के लिए होगा. इसके साथ ही सर्विस एजुकेशन में भी जरूरी कई बदलाव किए गए हैं.

Protest against new rules of JPSC started in ranchi
जेपीएससी की नई नियमावली का विरोध

रांची: झारखंड सरकार की ओर से जेपीएससी की नई नियमावली को कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. अब पीटी के आधार पर 15 गुना अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा. जेपीएससी के अगले परीक्षा से इसे लागू कर दिया जाएगा, लेकिन अब इस नियमावली का विरोध एक बार फिर शुरू हो गया है. जेपीएससी के अभ्यर्थियों ने इस नियमावली को विसंगतियों से भरा बताया है.

देखें पूरी खबर
राज्य सरकार के ओर से तैयार किए गए नए नियमावली के मुताबिक अब पीटी के आधार पर मुख्य परीक्षा के लिए 15 गुना कैंडिडेट का चयन किया जाएगा. यह कट ऑफ अनरिजर्व्ड कैटेगरी के अभ्यर्थियों के लिए होगा. इसके साथ ही सर्विस एजुकेशन में भी जरूरी कई बदलाव किए गए हैं. नई नियमावली के तहत अगर अनरिजर्व्ड कैंडिडेट की संख्या तय कटऑफ के तहत 15 गुना नहीं पहुंचता है तो कट ऑफ कम किया जाएगा. एससी, एसटी और ओबीसी कैंडिडेट के लिए 8 फीसदी कम किया जा सकता है. अगर नंबर के आधार पर देखें तो 16 नंबर कम किया जा सकता है. एससी, एसटी और ओबीसी के लिए सभी में केवल 8 गुना संख्या पूरा करने के लिए कम किया जाएगा. इसके साथ ही यह भी ध्यान रखा जाएगा कि मिनिमम मार्क्स से कम नहीं जाना चाहिए. कैबिनेट की बैठक में जेपीएससी के इस नई नियमावली को स्वीकृति देने के बाद एक बार फिर इसके खिलाफ स्वर बुलंद हो रहा है. जेपीएससी के अभ्यर्थियों ने इसके खिलाफ आंदोलन करने की बात कही है .

इसे भी पढे़ं: कुलपति और सिंडिकेट सदस्यों को छात्रों ने परिसर में घुसने से रोका, विरोध के चलते VBU सिंडिकेट की बैठक रद्द

प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण की मांग
जेपीएससी के अभ्यर्थियों की मानें तो प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण खत्म कर दिया गया है जो पिछली जेपीएससी में विवाद और विलंब का सबसे बड़ा कारण बना था, झारखंड सरकार और उनके अधिकारियों को एक ही बात बार-बार बताना पड़ता है, पहली से चौथी जेपीएससी के तर्ज पर प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया जाए, ताकि झारखंड के आदिवासी मूलवासी मुख्य अधिकारी बन सके.

रांची: झारखंड सरकार की ओर से जेपीएससी की नई नियमावली को कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. अब पीटी के आधार पर 15 गुना अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा. जेपीएससी के अगले परीक्षा से इसे लागू कर दिया जाएगा, लेकिन अब इस नियमावली का विरोध एक बार फिर शुरू हो गया है. जेपीएससी के अभ्यर्थियों ने इस नियमावली को विसंगतियों से भरा बताया है.

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राज्य सरकार के ओर से तैयार किए गए नए नियमावली के मुताबिक अब पीटी के आधार पर मुख्य परीक्षा के लिए 15 गुना कैंडिडेट का चयन किया जाएगा. यह कट ऑफ अनरिजर्व्ड कैटेगरी के अभ्यर्थियों के लिए होगा. इसके साथ ही सर्विस एजुकेशन में भी जरूरी कई बदलाव किए गए हैं. नई नियमावली के तहत अगर अनरिजर्व्ड कैंडिडेट की संख्या तय कटऑफ के तहत 15 गुना नहीं पहुंचता है तो कट ऑफ कम किया जाएगा. एससी, एसटी और ओबीसी कैंडिडेट के लिए 8 फीसदी कम किया जा सकता है. अगर नंबर के आधार पर देखें तो 16 नंबर कम किया जा सकता है. एससी, एसटी और ओबीसी के लिए सभी में केवल 8 गुना संख्या पूरा करने के लिए कम किया जाएगा. इसके साथ ही यह भी ध्यान रखा जाएगा कि मिनिमम मार्क्स से कम नहीं जाना चाहिए. कैबिनेट की बैठक में जेपीएससी के इस नई नियमावली को स्वीकृति देने के बाद एक बार फिर इसके खिलाफ स्वर बुलंद हो रहा है. जेपीएससी के अभ्यर्थियों ने इसके खिलाफ आंदोलन करने की बात कही है .

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प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण की मांग
जेपीएससी के अभ्यर्थियों की मानें तो प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण खत्म कर दिया गया है जो पिछली जेपीएससी में विवाद और विलंब का सबसे बड़ा कारण बना था, झारखंड सरकार और उनके अधिकारियों को एक ही बात बार-बार बताना पड़ता है, पहली से चौथी जेपीएससी के तर्ज पर प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया जाए, ताकि झारखंड के आदिवासी मूलवासी मुख्य अधिकारी बन सके.

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