रांची: केंद्र सरकार की तरफ से कमर्शियल माइनिंग के तहत करीब 50 कोल ब्लॉक का ऑक्शन किया गया है, जिसके विरोध में संगठन के तमाम यूनियन ने तीन दिवस हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. इससे पहले ऑक्शन के दिन यूनियन के लोगों ने अपना विरोध प्रदर्शन कोल इंडिया के हेडक्वार्टर के समक्ष करने की बात कही है.
खदानों के ऑक्सण पर रोक लगाने की मांग
मजदूर संगठन एटक, इंटक, बीएमएस, एचएमएस और सीटू ने अपने चार सूत्रीय मांगों को लेकर 2 जुलाई से तीन दिवसीय कोयला उद्योग में हड़ताल की घोषणा की है. पांचों यूनियन के वरीय नेताओं ने प्रेस वार्ता कर कहा है कि करीब साढ़े 3 लाख कोयला श्रमिक सहित दस लाख कर्मचारी और अधिकारी इस हड़ताल में भाग लेंगे. यूनियन ने कमर्शियल माइनिंग के तहत 18 जून को होने वाले कोयला खदानों के ऑक्सण पर रोक लगाने की मांग की है.
ये भी पढ़ें-एलएसी पर तनाव : रक्षा मंत्री की विदेश मंत्री, सीडीएस और सेना प्रमुख के साथ बैठक खत्म
यूनियन की मांग में कोयला उद्योग का निजीकरण और कमर्शियल माइनिंग बंद करने, सीएमपीआईडी को कोल इंडिया से अलग नहीं करने और ठेका मजदूरों के लिए गठित हाई पावर कमेटी की अनुशंसा को लागू करने की बात शामिल की गई है.