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नहीं पूरा हो सका जीरो कट बिजली का वादा, जनता ने बनाया चुनावी मुद्दा - Jharkhand Mahasamar

राज्य में बिगड़ती बिजली की व्यवस्था को लेकर रांची की जनता सजग दिख रही है. आगामी विधानसभा चुनाव में खराब बिजली व्यवस्था को मुख्य मुद्दा बनाते नजर आ रही है. शहर की जनता को 24 घंटे निर्बाध बिजली देने का वादा पूरी तरह से फेल हो गया है और इस बार के चुनाव में इसको ध्यान में रखकर ही जनता वोट करेगी.

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Published : Nov 18, 2019, 3:44 PM IST

रांची: शहर में जीरो पावर कट का वादा सिर्फ वादा ही बन कर रह गया. वर्तमान सरकार ने भी झारखंड वासियों से वादा किया था कि वे राज्य के कोने-कोने तक बिजली पहुंचाएंगे और राजधानी वासियों को निर्बाध 24 घंटे बिजली आपूर्ति देने का वादा किया था, जो आजतक पूरा नहीं हो सका, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में शहर की जनता बिजली की समस्या को चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है.

जनता के चुनावी मुद्दे

राज्य सरकार की 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति का दावा को रांची वासियों ने खोखला साबित कर दिया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकार पिछले विधानसभा चुनाव में भी बिजली आपूर्ति को लेकर आश्वस्त करते हुए वोट मांगने का काम किया था, जिसमें सरकार अभी तक असफल दिख रही है. वहीं रांची के गांवों में रहने वाले लोगों का भी मानना है कि सरकार लाख दावा कर ले कि बिजली व्यवस्था सुधर गई है, लेकिन हकीकत में बिजली की समस्या आज भी बरकरार है. रांची शहर से चंद दूरी पर स्थित कई ग्रामीण इलाकों में बिजली की समस्या अधिक है. इस बार के विधानसभा चुनाव में बिजली की समस्या को दूर करने का, जो भी प्रत्याशी आश्वस्त करेगा, हम उसे ही वोट करेंगे.

ये भी पढ़ें- बागी भाजपा विधायक को टिकट देने के बाद जेएमएम में विद्रोह, नेताओं ने दिखाए बगावती तेवर

वहीं, बुटी मोड़ निवासी पल्लवी कुमारी बताती है कि बिजली की समस्या आज भी बरकरार है सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि शहरी इलाकों में भी बिजली की आंख मिचौली देखी जा रही है. इसीलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में हमलोग बिजली की समस्या को मुख्य मुद्दा बनाने वाले प्रत्याशियों को ही वोट करेंगे. गौरतलब है कि झारखंड सरकार ने पिछले 5 सालों में राज्य के सभी क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने को लेकर लोगों को आश्वस्त किया था, लेकिन आज भी राज्य में बिजली की समस्या बनी हुई है. इसीलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में रांची की जनता बिजली समस्या को मुख्य मुद्दा मानते हुए अपने मत का प्रयोग करने की बात कह रही है.

रांची: शहर में जीरो पावर कट का वादा सिर्फ वादा ही बन कर रह गया. वर्तमान सरकार ने भी झारखंड वासियों से वादा किया था कि वे राज्य के कोने-कोने तक बिजली पहुंचाएंगे और राजधानी वासियों को निर्बाध 24 घंटे बिजली आपूर्ति देने का वादा किया था, जो आजतक पूरा नहीं हो सका, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में शहर की जनता बिजली की समस्या को चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है.

जनता के चुनावी मुद्दे

राज्य सरकार की 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति का दावा को रांची वासियों ने खोखला साबित कर दिया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकार पिछले विधानसभा चुनाव में भी बिजली आपूर्ति को लेकर आश्वस्त करते हुए वोट मांगने का काम किया था, जिसमें सरकार अभी तक असफल दिख रही है. वहीं रांची के गांवों में रहने वाले लोगों का भी मानना है कि सरकार लाख दावा कर ले कि बिजली व्यवस्था सुधर गई है, लेकिन हकीकत में बिजली की समस्या आज भी बरकरार है. रांची शहर से चंद दूरी पर स्थित कई ग्रामीण इलाकों में बिजली की समस्या अधिक है. इस बार के विधानसभा चुनाव में बिजली की समस्या को दूर करने का, जो भी प्रत्याशी आश्वस्त करेगा, हम उसे ही वोट करेंगे.

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वहीं, बुटी मोड़ निवासी पल्लवी कुमारी बताती है कि बिजली की समस्या आज भी बरकरार है सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि शहरी इलाकों में भी बिजली की आंख मिचौली देखी जा रही है. इसीलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में हमलोग बिजली की समस्या को मुख्य मुद्दा बनाने वाले प्रत्याशियों को ही वोट करेंगे. गौरतलब है कि झारखंड सरकार ने पिछले 5 सालों में राज्य के सभी क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने को लेकर लोगों को आश्वस्त किया था, लेकिन आज भी राज्य में बिजली की समस्या बनी हुई है. इसीलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में रांची की जनता बिजली समस्या को मुख्य मुद्दा मानते हुए अपने मत का प्रयोग करने की बात कह रही है.

Intro:राजधानी रांची में बिजली की बढ़ रही समस्या को लेकर राज्य की जनता लगातार सजग दिख रही है।

राज्य सरकार द्वारा बिजली आपूर्ति की दावा को राजधानी रांची की जनता खोखला बता रही है राजधानी की जनता का कहना है कि जिस प्रकार से पिछले विधानसभा चुनाव में जीते हुए प्रत्याशियों ने बिजली आपूर्ति को लेकर आश्वस्त करते हुए वोट मांगने का काम किया था उसमें सरकार अभी तक असफल दिख रही है।


Body:राजधानी के हुंडरु निवासी उपेंद्र कुमार का कहना है कि भले ही सरकार द्वारा लाख दावे कर लिया जाए लेकिन आज भी राजधानी जैसे जगह पर भी बिजली की समस्या देखी जा रही है राजधानी से चंद दूरी पर स्थित कई ग्रामीण इलाकों में बिजली की समस्या आज भी बनी हुई है इसीलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में बिजली की समस्या को दूर करने का जो भी प्रत्याशी आश्वस्त करेगा राजधानी के लोगों का मत उसी को जाएगा।

वही बूटी मोर निवासी पल्लवी कुमारी बताती है कि बिजली की समस्या आज भी बरकरार है सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं शहरी इलाकों में भी बिजली की आंख मिचोली देखी जा रही है इसीलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में हम लोग बिजली को मुख्य मुद्दा बनाकर अपना मत का प्रयोग करेंगे।

छात्र दीपक कुमार बताते हैं कि बिजली की समस्या की वजह से हम छात्रों को पढ़ाई करने में भी काफी समस्याएं होती है इसीलिए बिजली सिर्फ रोज के दिनचर्या को ही नहीं बल्कि शिक्षा को भी प्रभावित करती है इसीलिए छात्र होने के नाते बिजली की समस्या को मुख्य समस्या मानते हुए हम छात्र भी अपने मत उसी प्रत्याशी को देना चाहेंगे जो बिजली की समस्या को दूर करने की आश्वस्त करें।


Conclusion:बरियातू निवासी सोमनाथ बताते हैं कि बिजली हर वर्ग के लोगों के लिए आवश्यक है इसीलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में बिजली मुख्य मुद्दा बनेगा।


गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पिछले 5 वर्षों में राज्य के सभी क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने को आश्वस्त किया था लेकिन आज भी राज्य में बिजली की समस्या लगातार बनी हुई है इसीलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में राजधानी की जनता बिजली को मुख्य मुद्दा मानते हुए अपने मत का प्रयोग करने की बात कह रहे हैं।

बाइट- उपेंद्र कुमार,हुंडरु निवासी।
बाइट- सोमनाथ कुमार,बरियातू निवासी।
बाइट- पल्लवी कुमारी,बुटीमोड़ निवासी।
बाइट- दीपक कुमार,छात्र।
बाइट- राजधानी निवासी।

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