रांची: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड के अभियान निदेशक शैलेश चंद्र चौरसिया ने बताया कि पान मसाला, जर्दा आदि खाकर थूकने से कोरोना वायरस के संकम्रण फैलने का खतरा बढ़ता है. इसलिए सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू पदार्थों के सेवन पर प्रतिबंध लगाया गया है. उन्होंने कहा कि इस बाबत सभी जगह दीवार लेखन कराया जाए और सभी कार्यालय के मुख्य द्वार पर एक डस्टबिन रखा जाए, ताकि यदि किसी के पास तंबाकू उत्पाद हो तो उसे वहीं फेंक दें. उन्होंने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर को निर्देश दिया है कि सरकारी कार्यालय में एक सीनियर ऑफिशियल को नोटिफाई किया जाए. जिसके पास इन आदेशों के उल्लंघन की शिकायत दर्ज हो सके.
वहीं, नोटिफाइड अधिकारी उल्लंघन करने वालों को जुर्माना करने और विधि सम्मत कार्रवाई करने के लिए प्राधिकृत होंगे. अभियान निदेशक ने सभी जिलों के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षकों और सिविल सर्जन को पत्र लिखकर कोटपा-2003 और भारतीय दंड संहिता के अधीन उल्लंघन कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अपने स्तर से आवश्यक दिशा-निर्देश देने का भी आग्रह किया है. वहीं, राज्य सरकार के तंबाकू नियंत्रण पदाधिकारी ललित रंजन पाठक ने बताया कि मई, 2019 को ही कोटपा 2003 की सभी धाराओं के प्रभावकारी अनुपालन के लिए अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर त्रिस्तरीय छापामार दस्ता और सभी थाना प्रभारी द्वारा अपने इलाके में न्यूनतम चालान करने का निर्देश दिया गया था.
ये भी पढ़ें: लालू यादव ने हॉस्पिटल में खाना कर दिया कम, खुद को रिम्स के कमरे में किया क्वॉरेंटाइन
उन्होंने कहा कि थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी के संक्रमण की फैलने की आशंका रहती है. झारखंड में तंबाकू नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की तकनीकी सहयोग संस्था सोशियो इकोनामिक एंड एजुकेशन डेवलपमेंट सोसाइटी के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने बताया कि हाल में ही विश्व स्वास्थ संगठन और भारत सरकार द्वारा प्रकाशित GTS 2 के सर्वे में झारखंड में तंबाकू सेवन करने वालों में कमी आई है. यह आंकड़ा पिछले सात-आठ साल में 50.1% से घटकर 38.9% हो गया है. इसमें तंबाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 34.5% है.