रांची: झारखंड में ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यूअल करवाने और बनवाने के लिए चालकों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. इसका एकमात्र यही कारण है कि झारखंड में सिर्फ दो जगह ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटर बनाए गए हैं, जिसमें एक धनबाद में है, तो वहीं दूसरा दुमका में है, जिसके लिए राज्य के विभिन्न जिलों के चालकों को धनबाद और दुमका जाकर लाइसेंस रिन्यूअल करवाना पड़ता है. तो वहीं लाइसेंस से जुड़े अन्य कामों के लिए कई दिनों तक अपना काम छोड़कर अन्य जिलों के चालकों को धनबाद और दुमका के चक्कर लगाने पड़ते हैं.
झारखंड चालक कल्याण संघ की ओर से एक बैठक की गई, जिसमें बस एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण मोहन सिंह को अपना परेशानी बताते हुए ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन सौंपने के बाद झारखंड चालक कल्याण संघ के नेता बजरंगी सिंह ने बताया लॉकडाउन में बस मालिकों के साथ-साथ बस चालकों की भी आर्थिक स्थिति खराब हो गई.
महीनों बस न चलने के कारण वाहन मालिकों की ओर से कई चालकों को वेतन भी नहीं दिया गया, जिस वजह से चालक आर्थिक संकट से जूझने को मजबूर हो गए हैं. इन सब समस्याओं के बीच अब सभी चालकों को लाइसेंस रिन्यूअल कराने की भी मजबूरी आ पड़ी है और इसके लिए अन्य जिलों के चालक अपना काम छोड़कर कई-कई दिनों तक धनबाद और दुमका में रहने को मजबूर हैं. इस वजह से उन पर आर्थिक बोझ बढ़ता ही जा रहा है.
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चालक कल्याण संघ की ओर से यह मांग की गई है कि लाइसेंस रिन्यूअल और ड्राइविंग टेस्टिंग से जुड़े अन्य कार्यों के लिए रांची और विभिन्न जिलों में एक वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, ताकि गरीब चालकों को रहने और खाने के खर्च की बोझ से बच सके.
नहीं हुआ समस्या का समाधान, तो करेंगे प्रदर्शन
वहीं चालक कल्याण संघ के अध्यक्ष विश्वनाथ मिश्रा ने बताया कि चालकों की परेशानी पर अगर बस एसोसिएशन की ओर से कोई विचार नहीं किया जाता है, तो हम अपने इस समस्या को परिवहन मंत्री और परिवहन सचिव तक ले जाएंगे, अगर उसके बावजूद भी हमारे समस्या का समाधान नहीं होता है, तो हम लोग सड़क पर उतरकर विरोध करने को मजबूर हो जाएंगे.