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दुरुस्त हो रहा रिम्स का कैदी वार्ड, अब नहीं फरार हो पाएंगे अपराधी - रिम्स की सुरक्षा

रिम्स के कैदी वार्ड(Prisoner ward of RIMS) से इलाज कराने लाए गए कैदियों के फरार होने की घटना लगातार घट रही है. जिसने प्रबंधन पर कई सवाल उठाए हैं. हालांकि रिम्स प्रबंधन ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है. इसे लेकर कई दिशा निर्देश दिए गए हैं.

Prisoner ward of RIMS getting repaired in ranchi
Prisoner ward of RIMS getting repaired in ranchi
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Published : Oct 20, 2022, 6:21 PM IST

Updated : Oct 20, 2022, 6:44 PM IST

रांची: रिम्स के कैदी वार्ड से उग्रवादी समेत दो कैदी शनिवार देर रात खिड़की का ग्रिल तोड़कर फरार हो गए. इसकी सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली तो खबर आग की तरह फैल गई. खबर मिलते ही रिम्स प्रबंधन और पुलिस रेस हो गई. दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की गई. लेकिन सवाल यही उठ रहा है कि बार-बार रिम्स से कैदी भागने में कैसे सफल होते हैं.

ये भी पढ़ेंः कैदी वार्ड की सुरक्षा होगी बेहतर, बाहरी ग्रिल को किया जाएगा सील

15 अक्टूबर को ही नहीं बल्कि पिछ्ले वर्ष 2021 के फरवरी में दुमका से आया एक कैदी जांच कराने के दरमियान फरार हो गया. कैदी सिद्धेश्वर ओरिया हत्या के मामले में दुमका जेल में बंद था और उसे बेहतर इलाज के लिए रिम्स लाया गया था लेकिन रिम्स के मेडिकल आईसीयू से फरार हो गया. उससे पहले नक्सली कृष्ण मोहन झा उर्फ अभय जी भी रिम्स के मेडिसिन आईसीयू से फरार हो गया था.

देखें पूरी खबर

इस तरह की घटना लगातार हो रही है. जिसको लेकर रिम्स प्रबंधन पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. 15 अक्टूबर को हुई घटना के बाद रिम्स प्रबंधन ने अस्पताल के जर्जर भवन को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है (Prisoner ward of RIMS getting repaired). कैदी वार्ड के पीछे जहां भी दीवारें टूटी हुई थीं और जर्जर स्थिति में थी उन्हें तुरंत ही दुरुस्त कराने का दिशा निर्देश रिम्स प्रबंधन के द्वारा दिया गया है. इसके साथ ही भवन निर्माण विभाग को भी इस पर काम करने का दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है.


कैदियों के लगातार भागने की घटना को लेकर हमने जब रिम्स के अस्पताल उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी से बात की तो उन्होंने बताया कि कैदी वार्ड की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस विभाग का है लेकिन रिम्स प्रबंधन भी अपनी ओर से अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट रहा है. घटना के बाद हमने तुरंत ही कैदी वार्ड को दुरुस्त करने का निर्देश जारी किया है.


उन्होंने बताया कि कैदी वार्ड को दुरुस्त करने के लिए लोकल थाना और पुलिस विभाग के लोगों से भी बातचीत की गई है. उनके साथ बैठक कर जो भी एक्शन प्लान पास किया गया है, उस पर काम शुरू हो चुका है.


बता दें कि 60 के दशक में रिम्स अस्पताल के भवन का निर्माण हुआ था और उसी पुराने भवन में कैदी वार्ड बनाया गया है. जबकि पिछले कुछ वर्षों में रिम्स परिसर के खाली जगह में कई नए भवन भी बनाए गए हैं. लेकिन कैदी वार्ड अभी भी पुराने भवन में ही शिफ्ट है. जिस वजह से वहां की जर्जर स्थिति का खतरनाक और कुख्यात अपराधी लाभ उठा रहे हैं.


उपाधीक्षक ने बताया कि कैदी वार्ड और मरीजों की सुरक्षा को लेकर रिम्स में समय-समय पर अनाउंसमेंट भी किए जाने लगे हैं और लोगों को सूचित किया जा रहा है कि किसी भी तरह का शक किसी के ऊपर होता है तो उसकी जानकारी प्रबंधन या इमरजेंसी के पास बने कंट्रोल रूम को जरूर दें ताकि सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी मुस्तैदी के साथ उस पर संज्ञान ले सकें.

रांची: रिम्स के कैदी वार्ड से उग्रवादी समेत दो कैदी शनिवार देर रात खिड़की का ग्रिल तोड़कर फरार हो गए. इसकी सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली तो खबर आग की तरह फैल गई. खबर मिलते ही रिम्स प्रबंधन और पुलिस रेस हो गई. दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की गई. लेकिन सवाल यही उठ रहा है कि बार-बार रिम्स से कैदी भागने में कैसे सफल होते हैं.

ये भी पढ़ेंः कैदी वार्ड की सुरक्षा होगी बेहतर, बाहरी ग्रिल को किया जाएगा सील

15 अक्टूबर को ही नहीं बल्कि पिछ्ले वर्ष 2021 के फरवरी में दुमका से आया एक कैदी जांच कराने के दरमियान फरार हो गया. कैदी सिद्धेश्वर ओरिया हत्या के मामले में दुमका जेल में बंद था और उसे बेहतर इलाज के लिए रिम्स लाया गया था लेकिन रिम्स के मेडिकल आईसीयू से फरार हो गया. उससे पहले नक्सली कृष्ण मोहन झा उर्फ अभय जी भी रिम्स के मेडिसिन आईसीयू से फरार हो गया था.

देखें पूरी खबर

इस तरह की घटना लगातार हो रही है. जिसको लेकर रिम्स प्रबंधन पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. 15 अक्टूबर को हुई घटना के बाद रिम्स प्रबंधन ने अस्पताल के जर्जर भवन को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है (Prisoner ward of RIMS getting repaired). कैदी वार्ड के पीछे जहां भी दीवारें टूटी हुई थीं और जर्जर स्थिति में थी उन्हें तुरंत ही दुरुस्त कराने का दिशा निर्देश रिम्स प्रबंधन के द्वारा दिया गया है. इसके साथ ही भवन निर्माण विभाग को भी इस पर काम करने का दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है.


कैदियों के लगातार भागने की घटना को लेकर हमने जब रिम्स के अस्पताल उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी से बात की तो उन्होंने बताया कि कैदी वार्ड की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस विभाग का है लेकिन रिम्स प्रबंधन भी अपनी ओर से अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट रहा है. घटना के बाद हमने तुरंत ही कैदी वार्ड को दुरुस्त करने का निर्देश जारी किया है.


उन्होंने बताया कि कैदी वार्ड को दुरुस्त करने के लिए लोकल थाना और पुलिस विभाग के लोगों से भी बातचीत की गई है. उनके साथ बैठक कर जो भी एक्शन प्लान पास किया गया है, उस पर काम शुरू हो चुका है.


बता दें कि 60 के दशक में रिम्स अस्पताल के भवन का निर्माण हुआ था और उसी पुराने भवन में कैदी वार्ड बनाया गया है. जबकि पिछले कुछ वर्षों में रिम्स परिसर के खाली जगह में कई नए भवन भी बनाए गए हैं. लेकिन कैदी वार्ड अभी भी पुराने भवन में ही शिफ्ट है. जिस वजह से वहां की जर्जर स्थिति का खतरनाक और कुख्यात अपराधी लाभ उठा रहे हैं.


उपाधीक्षक ने बताया कि कैदी वार्ड और मरीजों की सुरक्षा को लेकर रिम्स में समय-समय पर अनाउंसमेंट भी किए जाने लगे हैं और लोगों को सूचित किया जा रहा है कि किसी भी तरह का शक किसी के ऊपर होता है तो उसकी जानकारी प्रबंधन या इमरजेंसी के पास बने कंट्रोल रूम को जरूर दें ताकि सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी मुस्तैदी के साथ उस पर संज्ञान ले सकें.

Last Updated : Oct 20, 2022, 6:44 PM IST
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