रांचीः झारखंड में सरकारी स्कूलों को बेहतर कैसे बनाया जाए इसे लेकर सरकार काफी गंभीर है. सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में बढ़ोतरी हो इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर शिक्षकों तक सब पर ध्यान दिया जा रहा है. इसके तहत राज्य के 405 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को ट्रेनिंग दी जा रही है. ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी आईआईएम रांची को दी गई है.
प्राइवेट स्कूल के तर्ज पर झारखंड में सरकारी स्कूलों को विकसित किया जा रहा है. योजना के तहत राज्य सरकार ने हाल ही में 80 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, 62 शहरी निकाय के आदर्श विद्यालय, 18 माॅडल विद्यालय एवं 245 प्रखंडस्तरीय आदर्श विद्यालयों के प्रिंसिपल को क्षमता निर्माण एवं नेतृत्व कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सरकार को उम्मीद है कि आईआईएम जैसे ख्याति प्राप्त संस्थान द्वारा प्रशिक्षित प्रिंसिपल स्कूल के प्रबंधन को बेहतर ढंग से चला सकेंगे.
सेवानिवृत्त शिक्षक अलखदेव सिंह बताते हैं कि सरकारी स्कूल में एक से एक विद्वान शिक्षक हैं मगर शैक्षणिक माहौल नहीं होने की वजह से निजी स्कूल की तूलना में सरकारी स्कूल फिसल जाते हैं. उन्होंने कहा कि यदि प्राचार्य ठीक रहेंगे, समय पर खुद स्कूल आयेंगे और उनमें प्रबंधन क्षमता रहेगी तो स्कूल का शैक्षणिक माहौल अपने आप ठीक हो जायेगा. सरकार इन्हीं खामियों को दूर करने का प्रयास कर रही है. मगर जब तक प्राचार्यों में खुद इच्छाशक्ति नहीं होगी तब तक उम्मीद करना मुश्किल है.
सरकार का मानना है कि यदि घर का मुखिया सही होगा तो परिवार भी ठीक ढंग से चलेगा, यदि घर का मुखिया ही कारगर नहीं होगा तो उम्मीद करना फालतू है. उसी तरह से स्कूलों के प्राचार्य यदि ठीक रहेंगे तो स्कूल का माहौल अच्छा होगा. इसी उदेश्य के साथ अगले तीन वर्षों के लिए आईआईएम रांची के साथ शिक्षा विभाग का करार हुआ है. इस निर्णय के बाद स्कूल प्राचार्यों को प्रशिक्षित करने की तैयारी शुरू हो गई है. इधर ट्रेनिंग लेने की तैयारी कर रहीं जिला स्कूल रांची की प्राचार्य दीपा चौधरी कहती हैं कि ट्रेनिंग प्रोग्राम से लीडरशिप स्किल की जानकारी मिलती है. जिससे स्कूल में अन्य शिक्षकों के साथ बर्ताव, शैक्षणिक माहौल और रिजल्ट ओरिएंटेशन स्किल की जानकारी मिलेगी. वहीं क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक अरविंद कुमार विलुंग ने कहा कि ये तैयारी अभी प्रारंभिक चरण में है. हालांकि इस संबंध में विस्तार से जानकारी देने में वे बचते रहे.