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पल्स पोलियो अभियान की आज से शुरुआत, राज्य में 60 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी दो बूंद जिंदगी की

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Published : Jan 19, 2020, 8:36 AM IST

राज्य में पांच साल तक की उम्र के 60 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक देने की तैयारी पूरी कर ली गई है. इसके लिए पल्स पोलियो बचाव अभियान रविवार से चलाया जाएगा. इस अभियान की शुरुआत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने शनिवार को डोरंडा स्थिति राजकीय औषधालय में बच्चों को खुराक देकर की.

Principal Secretary launches campaign in ranchi
पोलियो पिलाते डॉ कुलकर्णी

रांची: राज्य में पांच साल तक की उम्र के 60 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक देने की तैयारी पूरी कर ली गई है. इसके लिए पल्स, पोलियो प्रतिरक्षण अभियान रविवार से चलाया जाएगा. पहले दिन रविवार को बूथों पर बच्चों को पोलियो रोधी खुराक पिलाई जाएगी.

Principal Secretary launches campaign in ranchi
शुरुआत करते डॉ कुलकर्णी

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने शनिवार को डोरंडा स्थिति राजकीय औषधालय में बच्चों को खुराक देकर अभियान की शुरुआत की. इस अवसर पर डॉ कुलकर्णी ने कहा कि इस साल पल्स पोलियो कार्यक्रम के 25 साल पूरे हो रहे हैं. हमारे देश के लिए यह उपलब्धि रही है कि पिछले 10 सालों में पोलियो का एक भी मामला का रिपोर्ट नहीं हुआ है. हर साल पोलियो का एक चक्र आयोजित किया जाता है.

Principal Secretary launches campaign in ranchi
सभा को संबोधित करते डॉ कुलकर्णी

विभागीय तौर पर करीब एक लाख लोग इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं. इसके अलावा नेशनल कैडेट कोर्प के अलावा कई गैर सरकारी संस्थाओं का भी सहयोग इस कार्यक्रम में मिल रहा है. प्रधान सचिव ने कहा कि अभी यह कार्यक्रम इसलिए आवश्यक है क्योंकि हमारे पड़ोसी देशों में पोलियो के मामले पाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सबसे बड़ी समस्या शहर के वैसे स्लम बस्तियों से है जो आधिकारिक आंकड़ों में नहीं हैं, क्योंकि ऐसी जगहों पर शायद कोई आंगनबाड़ी केंद्र न हो, वहां शायद ए़एनएम भी नहीं हो तो हमें वहां पहुंचकर बच्चों को यह दवा जरूर पिलानी होगी.

डॉ कुलकर्णी ने कहा कि रांची शहरी क्षेत्र में इस कार्यक्रम की उपलब्धि संतोषजनक नहीं रहती है. पिछले साल शहरी क्षेत्र में लगभग 52 प्रतिशत उपलब्धि रही थी, इसलिए इस बार प्रयास करें कि रांची शहरी क्षेत्र के बूथों में 80-90 प्रतिशत उपलब्धि हो. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में कोल्ड चेन का भी पूरा ध्यान रखा जाना आवश्यक है.


24 237 बूथ बनाए गए
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक डॉ शैलेश कुमार चौरसिया ने कहा कि अगर किसी एक बच्चें में भी इसका वायरस रह जाता है, तो इसके दोबारा वापस आने की संभावना बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो के इस चक्र में राज्यभर में 0-5 साल तक के 60 लाख बच्चों को पोलियो दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 24 हजार दो सौ सैंतीस पोलियो बूथ बनाए गए हैं, इसके अलावा 48 हजार 471 पोलियो टीमें सक्रिय रूप से काम कर रही हैं. साथ ही साथ 4,846 सुपरवाइजर, 8,332 ए़एऩएम, 40 हजार 964 सहिया और 38 हजार 340 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता काम कर रहे हैं.


सोमवार और मंगलवार को घर-घर जाकर दी जाएगी खुराक
निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ जेपी सांगा ने कहा कि 19 जनवरी को सभी पोलियो बूथों पर 0-5 साल तक के बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलायी जाएगी. वहीं 20 और 21 जनवरी को स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाएंगे. पोलियो के इस चक्र में राज्य में चिह्नित किए गए 5319 उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जैसे ईंट भठ्ठा, निर्माण स्थल, जनजाति बाहुल क्षत्रों में भी टीकाकरण होगा.

रांची: राज्य में पांच साल तक की उम्र के 60 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक देने की तैयारी पूरी कर ली गई है. इसके लिए पल्स, पोलियो प्रतिरक्षण अभियान रविवार से चलाया जाएगा. पहले दिन रविवार को बूथों पर बच्चों को पोलियो रोधी खुराक पिलाई जाएगी.

Principal Secretary launches campaign in ranchi
शुरुआत करते डॉ कुलकर्णी

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने शनिवार को डोरंडा स्थिति राजकीय औषधालय में बच्चों को खुराक देकर अभियान की शुरुआत की. इस अवसर पर डॉ कुलकर्णी ने कहा कि इस साल पल्स पोलियो कार्यक्रम के 25 साल पूरे हो रहे हैं. हमारे देश के लिए यह उपलब्धि रही है कि पिछले 10 सालों में पोलियो का एक भी मामला का रिपोर्ट नहीं हुआ है. हर साल पोलियो का एक चक्र आयोजित किया जाता है.

Principal Secretary launches campaign in ranchi
सभा को संबोधित करते डॉ कुलकर्णी

विभागीय तौर पर करीब एक लाख लोग इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं. इसके अलावा नेशनल कैडेट कोर्प के अलावा कई गैर सरकारी संस्थाओं का भी सहयोग इस कार्यक्रम में मिल रहा है. प्रधान सचिव ने कहा कि अभी यह कार्यक्रम इसलिए आवश्यक है क्योंकि हमारे पड़ोसी देशों में पोलियो के मामले पाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सबसे बड़ी समस्या शहर के वैसे स्लम बस्तियों से है जो आधिकारिक आंकड़ों में नहीं हैं, क्योंकि ऐसी जगहों पर शायद कोई आंगनबाड़ी केंद्र न हो, वहां शायद ए़एनएम भी नहीं हो तो हमें वहां पहुंचकर बच्चों को यह दवा जरूर पिलानी होगी.

डॉ कुलकर्णी ने कहा कि रांची शहरी क्षेत्र में इस कार्यक्रम की उपलब्धि संतोषजनक नहीं रहती है. पिछले साल शहरी क्षेत्र में लगभग 52 प्रतिशत उपलब्धि रही थी, इसलिए इस बार प्रयास करें कि रांची शहरी क्षेत्र के बूथों में 80-90 प्रतिशत उपलब्धि हो. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में कोल्ड चेन का भी पूरा ध्यान रखा जाना आवश्यक है.


24 237 बूथ बनाए गए
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक डॉ शैलेश कुमार चौरसिया ने कहा कि अगर किसी एक बच्चें में भी इसका वायरस रह जाता है, तो इसके दोबारा वापस आने की संभावना बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो के इस चक्र में राज्यभर में 0-5 साल तक के 60 लाख बच्चों को पोलियो दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 24 हजार दो सौ सैंतीस पोलियो बूथ बनाए गए हैं, इसके अलावा 48 हजार 471 पोलियो टीमें सक्रिय रूप से काम कर रही हैं. साथ ही साथ 4,846 सुपरवाइजर, 8,332 ए़एऩएम, 40 हजार 964 सहिया और 38 हजार 340 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता काम कर रहे हैं.


सोमवार और मंगलवार को घर-घर जाकर दी जाएगी खुराक
निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ जेपी सांगा ने कहा कि 19 जनवरी को सभी पोलियो बूथों पर 0-5 साल तक के बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलायी जाएगी. वहीं 20 और 21 जनवरी को स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाएंगे. पोलियो के इस चक्र में राज्य में चिह्नित किए गए 5319 उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जैसे ईंट भठ्ठा, निर्माण स्थल, जनजाति बाहुल क्षत्रों में भी टीकाकरण होगा.

Intro:रांची।
राज्य में पांच साल तक की उम्र के 60 लाख बच्चों को पोलिया की खुराक देने की तैयारी पूरी कर ली गई है। पल्स पोलिया प्रतिरक्षण अभियान रविवार से चलाया जाएगा। पहले दिन रविवार को बूथों पर बच्चों को पोलियो रोधी खुराक पिलाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने शनिवार को डोरंडा स्थिति राजकीय औषधालय में बच्चों को खुराक देकर अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर डॉ कुलकर्णी ने कहा कि इस साल पल्स पोलियो कार्यक्रम के 25 साल पूरे हो रहे हैं। हमारे देश के लिए यह उपलब्धि रही है कि पिछले 10 सालों में पोलियो का एक भी मामला का रिपोर्ट नहीं हुआ है। हर साल पोलियो का एक चक्र आयोजित किया जाता है। विभागीय तौर पर करीब एक लाख लोग इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं। इसके अलावा नेशनल कैडेट कोर्प के अलावा कई गैर सरकारी संस्थाओं का भी सहयोग इस कार्यक्रम में मिल रहा है। प्रधान सचिव ने कहा कि अभी यह कार्यक्रम इसलिए आवश्यक है क्योंकि हमारे पड़ोसी देशों में पोलियो के मामले पाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सबसे बड़ी समस्या शहर के वैसे स्लम बस्तियों से है जो आधिकारिक आंकड़ों में नहीं हैं। क्योंकि ऐसी जगहों पर शायद कोई आंगनबाड़ी केन्द्र न हो, वहां शायद ए़एऩएम भी नहीं हो। तो हमें वहां पहुंचकर बच्चों को यह दवा जरूर पिलानी होगी। डॉ कुलकर्णी ने कहा कि रांची शहरी क्षेत्र में इस कार्यक्रम की उपलब्धि संतोषजनक नहीं रहती है। पिछले साल शहरी क्षेत्र में लगभग 52 प्रतिशत उपलब्धि रही थी। इसलिए इस बार प्रयास करें कि रांची शहरी क्षेत्र के बूथों में 80-90 प्रतिशत उपलब्धि हो। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में कोल्ड चेन का भी पूरा ध्यान रखा जाना आवश्यक है।
Body:24 237 बूथ बनाए गए हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक डॉ शैलेश कुमार चौरसिया ने कहा कि अगर किसी एक बच्चें में भी इसका वायरस रह जाता है तो इसके दोबारा वापस आने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो के इस चक्र में राज्यभर में 0-5 साल तक के 60 लाख बच्चों को पोलियो दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 24 हजार दो सौ सैंतीस पोलियो बूथ बनाए गए हैं, इसके अलावा 48 हजार 471 पोलियो टीमें सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। साथ ही साथ 4,846 सुपरवाइजर, 8,332 ए़एऩएम, 40 हजार 964 सहिया और 38 हजार 340 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता काम कर रहे हैं।
Conclusion:सोमवार व मंगलवार को घर-घर जाकर दी जाएगी खुराक।
निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ जेपी सांगा ने कहा कि 19 जनवरी को सभी पोलियो बूथों पर 0-5 साल तक के बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलायी जाएगी। वहीं 20 और 21 जनवरी को स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाएंगे। पोलियो के इस चक्र में राज्य में चिह्नित किए गए 5319 उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जैसे ईंट भठ्ठा, निर्माण स्थल, जनजाति बाहुल क्षत्रों में भी टीकाकरण होगा।

नोट:- इस खबर में सिर्फ फोटो है कृपया कर देख लें।
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