रांची: रांची के डीएवी कपिलदेव स्कूल की नर्स के यौन शोषण के आरोपी प्रिंसिपल को रांची पुलिस ने जमशेदपुर से गिरफ्तार कर लिया है. पीड़िता द्वारा एफआईआर दर्ज करवाने के बाद आरोपी प्रिंसिपल फरार हो गया था.
रिश्तेदार के यहां लिए हुए था पनाहः यौन शोषण के आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए रांची पुलिस 2 दिनों से छापामारी कर रही थी. इधर यौन शोषण की एफआइआर दर्ज होने के बाद डीएवी कपिलदेव स्कूल का प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा फरार हो गया था. इधर स्थानीय लोग उस गिरफ्तारी को लेकर लगातार स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. इसी बीच अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार को यह जानकारी मिली कि आरोपी प्रिंसिपल जमशेदपुर में रहने वाले अपने रिश्तेदार के यहां छुपा हुआ है ,जिसके बाद रांची पुलिस की एक टीम आनन-फानन में जमशेदपुर पहुंची और उसे रविवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की टीम आरोपी प्रिंसिपल को जमशेदपुर से रांची लेकर निकल चुकी है.
क्या है पूरा मामलाः अरगोड़ा थाने में दर्ज एफआईआर में पीड़िता ने बताया था कि वो स्कूल में बतौर नर्स काम करती है. जब से वह स्कूल आई तब से ही स्कूल के प्रिंसिपल मनोज सिन्हा का उसके प्रति नजरिया ठीक नहीं था. वह हर दिन उसे ब्लड प्रेशर जांच करवाने के बहाने अपने पास बुलाते थे. ब्लड प्रेशर चेक करने के दौरान वे बार-बार मेरे शरीर को छूने की कोशिश करते थे. इस दौरान उसने अपने प्रिंसिपल को डांटा भी लेकिन वह नहीं सुधरे. पीड़िता के अनुसार वह बेहद गरीब घर की है, ऐसे में उसके लिए नौकरी की अहमियत बहुत ज्यादा थी. वह प्रिंसिपल के इस व्यवहार को नजरअंदाज कर लगातार काम करती रही.
व्हाट्सएप पर भेजने लगे अश्लील वीडियोः पीड़िता के अनुसार जैसे-जैसे समय गुजरता गया प्रिंसिपल की हरकतें भी बढ़ती गईं. अब वह उसे व्हाट्सएप के माध्यम से अश्लील वीडियो भेजने लगे. वीडियो भेजने के बाद वह उसे कहते थे कि तुम वीडियो देखो तब तुम मेरे साथ संबंध बनाने के लिए कन्वेंस हो जाओगी. वह जब भी उनके कमरे में किसी काम के लिए जाती थी तब वह छेड़छाड़ शुरू कर देते थे.
नौकरी परमानेंट करने का देते थे लालचः पीड़िता के अनुसार साल 2020 में उसे प्रिंसिपल ने गेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया और स्कूल की छुट्टी हो जाने के बाद भी अक्सर वहां आने लगे और उसके साथ गंदी गंदी हरकत करने लगे. इस दौरान उन्होंने उसे यह लालच भी दिया कि साल 2020- 2021 मे डीएवी ग्रुप का एग्जाम होने वाला है वह उसे प्रश्नपत्र पहले ही दे देंगे जिसकी वजह से वह पास हो जाएगी और उसकी नौकरी परमानेंट हो जाएगी.
रेप का किया प्रयासः पीड़िता के अनुसार हद तो तब हो गई जब वे अचानक एक दिन मेरे कमरे में आ गए और मेरे साथ दुष्कर्म की कोशिश करने लगे. इस दौरान उन्होंने मेरे सारे कपड़े भी फाड़ दिए. जब पीड़िता ने प्रिंसिपल को यह धमकी दी कि अगर उसके साथ कुछ भी गलत हुआ तो वह पुलिस में जाकर कंप्लेन कर देगी इस पर प्रिंसिपल ने उसे धमकाया और कहा कि उस पर पुलिस विभाग में ऊंचे कांटेक्ट हैं उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा.
एफआईआर दर्ज होने के बाद हो गया था फरारः पीड़िता के द्वारा मामला दर्ज करवाने के बाद आरोपी प्रिंसिपल अपने दोनों मोबाइल बंद कर फरार हो गया था इसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी. इससे पहले पुलिस ने गुरुवार को पीड़िता का न्यायालय में सीआरपीसी 164 के तहत बयान दर्ज कराया था. कोर्ट के सामने भी पीड़िता ने यौन शोषण की बात दोहराई थी.
यौन शोषण का आरोपी प्रिंसिपल गिरफ्तार, एफआईआर के बाद चल रहा था फरार - यौन शोषण का आरोपी प्रिंसिपल
रांची के डीएवी कपिलदेव स्कूल की नर्स के यौन शोषण के आरोपी प्रिंसिपल को रांची पुलिस ने जमशेदपुर से गिरफ्तार कर लिया है. पीड़िता द्वारा एफआईआर दर्ज करवाने के बाद आरोपी प्रिंसिपल फरार हो गया था.
रांची: रांची के डीएवी कपिलदेव स्कूल की नर्स के यौन शोषण के आरोपी प्रिंसिपल को रांची पुलिस ने जमशेदपुर से गिरफ्तार कर लिया है. पीड़िता द्वारा एफआईआर दर्ज करवाने के बाद आरोपी प्रिंसिपल फरार हो गया था.
रिश्तेदार के यहां लिए हुए था पनाहः यौन शोषण के आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए रांची पुलिस 2 दिनों से छापामारी कर रही थी. इधर यौन शोषण की एफआइआर दर्ज होने के बाद डीएवी कपिलदेव स्कूल का प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा फरार हो गया था. इधर स्थानीय लोग उस गिरफ्तारी को लेकर लगातार स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. इसी बीच अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार को यह जानकारी मिली कि आरोपी प्रिंसिपल जमशेदपुर में रहने वाले अपने रिश्तेदार के यहां छुपा हुआ है ,जिसके बाद रांची पुलिस की एक टीम आनन-फानन में जमशेदपुर पहुंची और उसे रविवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की टीम आरोपी प्रिंसिपल को जमशेदपुर से रांची लेकर निकल चुकी है.
क्या है पूरा मामलाः अरगोड़ा थाने में दर्ज एफआईआर में पीड़िता ने बताया था कि वो स्कूल में बतौर नर्स काम करती है. जब से वह स्कूल आई तब से ही स्कूल के प्रिंसिपल मनोज सिन्हा का उसके प्रति नजरिया ठीक नहीं था. वह हर दिन उसे ब्लड प्रेशर जांच करवाने के बहाने अपने पास बुलाते थे. ब्लड प्रेशर चेक करने के दौरान वे बार-बार मेरे शरीर को छूने की कोशिश करते थे. इस दौरान उसने अपने प्रिंसिपल को डांटा भी लेकिन वह नहीं सुधरे. पीड़िता के अनुसार वह बेहद गरीब घर की है, ऐसे में उसके लिए नौकरी की अहमियत बहुत ज्यादा थी. वह प्रिंसिपल के इस व्यवहार को नजरअंदाज कर लगातार काम करती रही.
व्हाट्सएप पर भेजने लगे अश्लील वीडियोः पीड़िता के अनुसार जैसे-जैसे समय गुजरता गया प्रिंसिपल की हरकतें भी बढ़ती गईं. अब वह उसे व्हाट्सएप के माध्यम से अश्लील वीडियो भेजने लगे. वीडियो भेजने के बाद वह उसे कहते थे कि तुम वीडियो देखो तब तुम मेरे साथ संबंध बनाने के लिए कन्वेंस हो जाओगी. वह जब भी उनके कमरे में किसी काम के लिए जाती थी तब वह छेड़छाड़ शुरू कर देते थे.
नौकरी परमानेंट करने का देते थे लालचः पीड़िता के अनुसार साल 2020 में उसे प्रिंसिपल ने गेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया और स्कूल की छुट्टी हो जाने के बाद भी अक्सर वहां आने लगे और उसके साथ गंदी गंदी हरकत करने लगे. इस दौरान उन्होंने उसे यह लालच भी दिया कि साल 2020- 2021 मे डीएवी ग्रुप का एग्जाम होने वाला है वह उसे प्रश्नपत्र पहले ही दे देंगे जिसकी वजह से वह पास हो जाएगी और उसकी नौकरी परमानेंट हो जाएगी.
रेप का किया प्रयासः पीड़िता के अनुसार हद तो तब हो गई जब वे अचानक एक दिन मेरे कमरे में आ गए और मेरे साथ दुष्कर्म की कोशिश करने लगे. इस दौरान उन्होंने मेरे सारे कपड़े भी फाड़ दिए. जब पीड़िता ने प्रिंसिपल को यह धमकी दी कि अगर उसके साथ कुछ भी गलत हुआ तो वह पुलिस में जाकर कंप्लेन कर देगी इस पर प्रिंसिपल ने उसे धमकाया और कहा कि उस पर पुलिस विभाग में ऊंचे कांटेक्ट हैं उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा.
एफआईआर दर्ज होने के बाद हो गया था फरारः पीड़िता के द्वारा मामला दर्ज करवाने के बाद आरोपी प्रिंसिपल अपने दोनों मोबाइल बंद कर फरार हो गया था इसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी. इससे पहले पुलिस ने गुरुवार को पीड़िता का न्यायालय में सीआरपीसी 164 के तहत बयान दर्ज कराया था. कोर्ट के सामने भी पीड़िता ने यौन शोषण की बात दोहराई थी.