रांची: नई खेल नीति को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इच्छाशक्ति दिखाई है. इसी कड़ी में झारखंड के अवधारणा के साथ नई खेल नीति 2020 को लेकर एक प्रेजेंटेशन हुई. इसके जरिए मुख्यमंत्री को नई खेल नीति के विभिन्न बिंदुओं और पहलुओं से अधिकारियों ने अवगत कराया.
खेल नीति 2020 की समीक्षा
इसे लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेले जाने वाले खेल और खिलाड़ियों को प्राथमिकता दें, जिससे प्रतिभा की पहचान हो सके. इन प्रतिभाओं को बेहतर प्रशिक्षण देकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर में भाग लेने के अनुरूप तैयार किया जा सके. इन बातों को खेल नीति में शामिल करें. खेल के मैदान का निर्माण प्रखंडस्तर पर भी करें. खेल नीति का परिणाम पांच साल बाद सामने आएगा. उन्होंने खेल नीति 2020 की समीक्षा के क्रम में अधिकारियों को कई निर्देश भी दिए हैं. सीएम ने कहा कि एक पोर्टल शुरू करें, जहां राज्य के खिलाड़ी अपना ब्योरा दर्ज कर सकें. खिलाड़ियों का डाटाबेस तैयार करें. यह खेल नीति को और कारगर बनाने में सहायक होगा.
इन बिंदुओं पर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी आयु वर्ग के नागरिकों के लिए खेल को उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने और सारी गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराकर उनका जीवन स्तर ऊंचा करना उद्देश्य होगा. प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों को चयनित खेल विधा में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिखर तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त करना होगा और प्रतिभा की पहचान कर उसे मौका देना. प्रशिक्षण देकर उनका सर्वांगीण विकास और आगे चलकर उन्हें चैंपियन बनाने की दिशा में कार्य करना है.
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राज्य स्तर तक खेल को सामाजिक परिवर्तन
खेल नीति के तहत राज्य में खिलाड़ियों का अभूतपूर्व निर्माण और विकास करना, खेल को आकर्षक और व्यवहार्य कैरियर विकल्प के रूप में तैयार करना, पंचायतस्तर से राज्यस्तर तक खेल को सामाजिक परिवर्तन और विकास उत्प्रेरक बनाना, हर उम्र के नागरिकों के लिए खेल और शारीरिक गतिविधियों के लिए वातावरण तैयार करना, खिलाड़ियों का डाटा बेस तैयार कर अंतरराष्ट्रीय क्षमता मानक के साथ सुविधाएं संसाधन उपलब्ध कराना, देशज और पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहन देना, खेल पर्यटन को बढ़ावा देना और दिव्यांग खिलाड़ियों को भी समान अवसर प्रदान करना, खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति देने की योजना, पूर्व खिलाड़ियों को पेंशन योजना का लाभ देना, सर्वश्रेष्ठ पीएचई, पीटी शिक्षक और जमीनी स्तर के कोच के लिए पुरस्कार, पीटी शिक्षक और जमीनी स्तर के प्रशिक्षकों के लिए राज्य प्रतिभा पूल बनाना है.
स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड का निर्माण
इतना ही नहीं, खेल गतिविधियों और कम्युनिकेशन कौशल के संबंधित पीपीपी और प्रायोजकों को आकर्षित करना, फुटबॉल, हॉकी के लिए झारखंड प्रीमियर लीग का आयोजन कर चिन्हित खेलों, ग्रामीण स्तरीय खेल, पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना, डोपिंग मुक्त खेल की दुनिया को सुनिश्चित करने के लिए झारखंड में नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड ऑफ इंडिया की तरह की कानूनों को लागू करना, विभाग उन संगठनों को भागीदार बनाने का कार्य करेगा जो झारखंड में स्कूली बच्चों की स्पोर्ट्स डेवलपमेंट हेतु इच्छुक हैं, फुटबॉल, तीरंदाजी और एथलेटिक्स में रोड मैप के लिए विशेष सहकारिता पर पहल और राज्य में खेल वातावरण को बढ़ावा देने हेतु स्टेट स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड का निर्माण करना है.
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तीन हिस्सों में बंटी नई खेल नीति
नई खेल नीति में इन खेलों को तीन हिस्सों में बांट कर प्राथमिकता दी जा रही है. एथलेटिक्स, हॉकी, तीरंदाजी, फुटबॉल, बैडमिंटन, कुश्ती, साइकलिंग, कबड्डी. संभाव्यता वाले खेल वुशु, बॉलीबाल, दिव्यांग खेल, मुक्केबाजी, खो-खो, निशानेबाजी और जिमनास्ट के आलावा कई और गेम शामिल हैं. बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव के के खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सचिव हिमानी पांडेय, सचिव पूजा सिंघल भी शामिल हुईं.