रांचीः आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन की कवायद शुरू हो गई है. वहीं, रांची और हटिया विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे कांग्रेस नेताओं के होश उड़ गए हैं. वजह यह है कि जिस फॉर्मूले पर महागठबंधन की सहमति बनी है वो अगर अंतिम रूप लेता है तो हटिया जेवीएम और रांची विधानसभा की सीट जेएमएम के खाते में चली जाएगी.
झारखंड के 81 विधानसभा सीटों पर जल्द चुनाव होना है. राजधानी की हटिया और रांची विधानसभा सीट हमेशा हॉट सीट रही है. ऐसे में महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर जिस फार्मूले की ओर संकेत दिए गए हैं. उससे कांग्रेस के उम्मीदवारों के लिए हटिया और रांची विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर संकट के बादल छाए हुए हैं. इन सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी कर रहे नेताओं के बीच तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर हटिया से चुनाव लड़ चुके आलोक दुबे जो इस बार भी चुनाव में दावेदार हैं. उनका कहना है कि फॉर्मूला वही हो जिससे बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन का सही उम्मीदवार चुनाव लड़े और जीत हासिल कर सके.
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महागठबंधन के जिस फार्मूले की बात हो रही है. उसके लिहाज से पिछले चुनाव में जिस दल ने जहां चुनाव जीता है या दूसरे नंबर पर रही है उसे वह सीट दे दी जाएगी. ऐसे में रांची विधानसभा की सीट जेएमएम के खाते में चली जाएगी. इसकी वजह यह है कि पिछले चुनाव में जेएमएम दूसरे स्थान पर रहा था. इस फार्मूले के सामने आने पर रांची से दावेदारी करने वाले कांग्रेसी नेताओं ने सीट बंटवारे के फार्मूले को गलत बताया. रांची सीट के लिए कांग्रेस के दावेदार राजेश गुप्ता छोटू का कहना है कि यह कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. उन्होंने कहा कि निगम चुनाव और लोकसभा चुनाव में रांची विधानसभा सीट पर कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा है.